हल्द्वानी: लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित देहाड़ी मजदूर हुए हैं. इन प्रवासी मजदूरों के सामने जब भूखे मरने की नौबत आई तो ये अपना सामान समेट घर लौट रहे हैं. इनमें महाराष्ट्र, गुजरात और अहमदाबाद से आने वाले प्रवासी भी शामिल हैं. जिन्हें ट्रेन से उत्तराखंड पहुंचने में 2 से 3 दिन की यात्रा करनी पड़ती है. इस यात्रा के दौरान इनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है अपने मासूम बच्चों को भूख से बिलखने हुए देखना.
दरअसल, ट्रेनों के माध्यम से उत्तराखंड पहुंच रहे हैं प्रवासियों के साथ उनके दुधमुंहे बच्चे भी हैं. ऐसे में यात्रा के दौरान इन छोटे-छोटे बच्चों को दूध नहीं मिल पा रहा है. ट्रेन से आने वाले महिला यात्रियों की मांग है कि यात्रा के दौरान रेलवे प्रशासन द्वारा दुधमुंहे बच्चों के लिए रास्ते में दूध की व्यवस्था की जानी चाहिए.
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जानकारी के मुताबिक, स्टेशन पर दुकानें बंद हैं ऐसे में यात्रा के दौरान दुधमुंहे बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मां अपने दूधमुहे बच्चों को स्तनपान कराकर किसी तरह उत्तराखंड पहुंची, लेकिन यहां भी स्टेशन पर उतरने के दौरान दूध की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.