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नमो देव्यैः बिन मांगे हर भक्त की मुराद यहां होती है पूरी

शारदीय नवरात्रि के मौके पर विभिन्न मंदिरों में देवी के नौ रूपों की पूजा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में उमड़ रहे हैं. नवरात्रि के पहले दिन नैनीताल की प्रसिद्ध मां नैना देवी मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है.

बिन मांगे ही हर भक्त की मुराद पूरा करती है देवी
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Published : Sep 30, 2019, 6:38 AM IST

नैनीतालः कहा जाता है कि नैना देवी मां की कृपा से नेपाल की एक बच्ची की आंख लौट आयी थी. बच्ची जन्मांध थी. परिजन नेपाल से नैनीताल के नैना देवी मंदिर पहुंचे और देवी मां से अपनी बेटी की आंख ठीक करने की प्रार्थना की थी. मान्यता है कि मां ने ये मुराद कबूली जो किसी चमत्कार से कम नहीं है.

बिन मांगे ही हर भक्त की मुराद पूरा करती है देवी

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां नैना देवी मंदिर में श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए पहुंचे. मान्यता है कि देवी सती की आंख इस स्थान पर गिरी थी और तभी से इस स्थान का नाम नैना देवी पड़ा. पुराणों में बताया गया है कि देवी सती के पिता दक्ष प्रजापति ने जब विशाल यज्ञ में अपने दामाद भगवान शिव को आमंत्रण नहीं दिया तो इस कदम से खिन्न होकर देवी सती यज्ञ के हवन कुंड में कूद गई थी और अपने प्राणों की आहूति दे दी थी. पत्नी वियोग से दुखी भगवान शिव देवी सती का शरीर लेकर पूरे ब्रह्मांड में घुमाने लगे. सृष्टि का संतुलन बिगड़ता देख भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शव के खंड-खंड कर दिया था. तब सती की बाई आंख नैनीताल के इस हिस्से में गिरी और यहां पर मां नैना देवी के मंदिर का निर्माण कराया गया.

पढ़ेंः कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र पर्व का शुभारंभ, मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़


मां नैना देवी का मंदिर 51 शक्ति पीठ में से एक माना जाता है. ये भी कहा जाता है कि देवी सती के शरीर के हिस्से जिन-जिन स्थानों पर पड़े, वहां शक्ति पीठों की स्थापना की गई. उनमें नैनीताल का नैना देवी मंदिर भी है. नैनीताल के इस मंदिर में मां के साक्षात नैन विराजते हैं. ये भी कहा जाता है कि नैना देवी बिना कुछ मांगे ही भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती हैं. शारदीय नवरात्रि पर इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. इनमें सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं पर्यटक भी शामिल हैं. नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक मां नैना देवी में भव्य पूजा अर्चना होती है.

नैनीतालः कहा जाता है कि नैना देवी मां की कृपा से नेपाल की एक बच्ची की आंख लौट आयी थी. बच्ची जन्मांध थी. परिजन नेपाल से नैनीताल के नैना देवी मंदिर पहुंचे और देवी मां से अपनी बेटी की आंख ठीक करने की प्रार्थना की थी. मान्यता है कि मां ने ये मुराद कबूली जो किसी चमत्कार से कम नहीं है.

बिन मांगे ही हर भक्त की मुराद पूरा करती है देवी

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां नैना देवी मंदिर में श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए पहुंचे. मान्यता है कि देवी सती की आंख इस स्थान पर गिरी थी और तभी से इस स्थान का नाम नैना देवी पड़ा. पुराणों में बताया गया है कि देवी सती के पिता दक्ष प्रजापति ने जब विशाल यज्ञ में अपने दामाद भगवान शिव को आमंत्रण नहीं दिया तो इस कदम से खिन्न होकर देवी सती यज्ञ के हवन कुंड में कूद गई थी और अपने प्राणों की आहूति दे दी थी. पत्नी वियोग से दुखी भगवान शिव देवी सती का शरीर लेकर पूरे ब्रह्मांड में घुमाने लगे. सृष्टि का संतुलन बिगड़ता देख भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शव के खंड-खंड कर दिया था. तब सती की बाई आंख नैनीताल के इस हिस्से में गिरी और यहां पर मां नैना देवी के मंदिर का निर्माण कराया गया.

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मां नैना देवी का मंदिर 51 शक्ति पीठ में से एक माना जाता है. ये भी कहा जाता है कि देवी सती के शरीर के हिस्से जिन-जिन स्थानों पर पड़े, वहां शक्ति पीठों की स्थापना की गई. उनमें नैनीताल का नैना देवी मंदिर भी है. नैनीताल के इस मंदिर में मां के साक्षात नैन विराजते हैं. ये भी कहा जाता है कि नैना देवी बिना कुछ मांगे ही भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती हैं. शारदीय नवरात्रि पर इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. इनमें सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं पर्यटक भी शामिल हैं. नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक मां नैना देवी में भव्य पूजा अर्चना होती है.

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नैनीताल के माँ नयना देवी मंदिर में उमड़ा भक्तो का सैलाब, 51 शक्ति पीठ में सुमार है माँ नयना देवी का मंदिर

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नैनीताल में नवरात्रि के मौके पर विभिन्न मंदिरों में देवी के नौ रूपों की पूजा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में उमड रहे हैं,, नवरात्रि के पहले दिन नैनीताल की प्रसिद्ध मां नैना देवी मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है।
कहा जाता है कि कुछ समय पूर्व माँ की कृपा से नेपाल की एक बच्ची की आँख लौट आयी, बच्ची जन्म से देख नही पाती थी,उसकी माँ नेपाल से नैनीताल के नयना देवी मंदिर पहुची और माँ से अपनी बेटी की आँख मांगने की प्राथना की और माँ नयना देवी ने तत्काल ही बच्ची की आँख लोटा दी, जो किसी चमत्कार से कम नही।
बच्ची के माता पिता कई साल से अपनी बच्ची की आँखों के उपचार के लिए देश के बड़े से बड़े अस्पतालों के चक्कर काट कर थक चुके थे पर कभी सफलता नही लगी, इसी बीच बच्ची की माँ को किसी ने माँ नयना देवी के मंदिर की शक्ति की बात कही जिसके बाद उसकी माँ अपनी बच्ची को लेकर माँ के दरबार मे पहुची, ओर केवल एक बार सच्चे दिल से प्राथना करने पर माँ ने छोटी बच्ची की आखों की रोसनी लोटा दी।


Body:शरदीय नवरात्रि के पहले दिन नैनीताल में मां नैना देवी मंदिर में श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं मान्यता है कि देवी सती की आंख यहां गिरी थी और इसी के बाद यहां मां नैना देवी मंदिर की स्थापना हुई, देवी पार्वती का पार्थिव शरीर खंडित होने के बाद उनकी बाई आंख नैनीताल के इस स्थान में गिरी,, पुराणों में लिखित है कि देवी पार्वती के पिता दक्ष प्रजापति द्वारा जब विशाल यज्ञ में भगवान शिव को आमंत्रण नहीं दिया गया तो इस कदम से खिन्न होकर देवी पार्वती यज्ञ के हवन कुंड में कूद कर सती हो गई जिस से दुखी होकर भगवान शिव ने देवी पार्वती का शरीर लेकर पूरे ब्रह्मांड के चक्कर लगाने शुरू कर दिए,, जिससे सृष्टि का संतुलन बिगड़ गया और संसार में चारों तरफ हाहाकार मच गया,,
सृष्टि का संतुलन बिगड़ने से तीनों लोकों में हाहाकार मच गया तब सृष्टि के संरक्षक भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शव के खंड खंड कर दिया जिससे पार्वती की बाई आंख नैनीताल के इस हिस्से में गिरी और यहां पर मां नैना देवी के मंदिर का निर्माण किया गया,,,
वहीं मां नैना देवी का यह मंदिर 51 शक्ति पीठ में भी शुमार है कहां जाता है कि मां सती के शरीर के हिस्से जिन जिन स्थानों पड़े वहां पर शक्ति पीठों की स्थापना की गई जिनमें से नैनीताल का नैना देवी मंदिर भी है

बाइट- जगदीश जोशी पंडित


Conclusion:नैनीताल के इस मंदिर में मां के साक्षात नैन विराज हैं और कहां जाता है कि मां बिना कुछ मांगे भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती है, शरदीय नवरात्रि के पहले दिन मां नैना देवी मंदिर में भक्तों मां की उपासना में तल्लीन दिखे मां नैना देवी के दर्शन के लिए लोगों की लंबी लंबी कतारें रही जिसमें स्थानीय लोगों के साथ साथ बाहर से आए पर्यटक भी सम्मिलित हैं मां नैना देवी यहां नए रूप में विराजमान हैं लिहाजा माना जाता है कि मां दुर्गा अपनी आंखों से हर इंसान के दुख हर लेती हैं और भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं नवरात्रि में लगातार 9 दिनों तक मां नैना देवी में भव्य पूजा अर्चना जारी रहेगी

बाईट- अभिषेक पाठक, पर्यटक भक्त।
बाइट-स्वाति दुबे पर्यटक भक्त

पीटीसी गौरव जोशी नैनीताल
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