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हर्बल रंग तैयार कर रही है नैनीताल की मोनाल संस्था, देशभर से मिल रही डिमांड

नैनीताल में महिलाओं की मोनाल संस्था द्वारा होली के लिए हर्बल रंग तैयार किए जा रहे हैं. हर्बल रंग की डिमांड देशभर के अन्य शहरों से उनके पास आ रही है.

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नैनीताल
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Published : Mar 17, 2022, 2:11 PM IST

नैनीतालः होली का त्यौहार नजदीक आते ही महिलाएं होली के रंग में रंगने लगी हैं. नैनीताल में मोनाल संस्था के द्वारा होली के लिए आरारोट, फूड कलर, इत्र, चुकन्दर, गुलाब के फूल, गेंदा के फूल व पालक से हर्बल रंग तैयार किए जा रहे हैं. इनसे त्वचा को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है. मोनाल संस्था की संस्थापक नायला खान का कहना है कि उनके द्वारा बीते कई सालों से हर्बल रंग बनाए जा रहे हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. ऑर्गेनिक रंग चेहरे पर लगने के बाद फेस वॉश का काम करते हैं. होली के दौरान इनको लगाने से त्वचा में कोई नकारात्मक प्रभाव भी नहीं पड़ता.

नायला बताती हैं कि आज हर्बल रंग की डिमांड देशभर के अन्य शहरों से उनके पास आ रही है. रंगों के लिए बढ़ती मांग के लिए उन्होंने अपने साथ करीब 30 महिलाओं को जोड़ा है. संस्था को अब दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, चंडीगढ़ समेत देश के अन्य शहरों से भी हर्बल रंग की डिमांड मिल रही है. इसके अलावा शहर के कई स्कूलों से उन्हें होली के लिए ऑर्गेनिक रंग के ऑर्डर मिल रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः 100 साल बाद होली पर बन रहा विशेष त्रियोग, लाभकारी होगा रंगों का त्योहार

रंग बना रही महिलाओं ने बताया कि अब तक होली में रसायनिक रंगों का प्रयोग होता था, जो स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहद खतरनाक होते हैं. इससे बचाव के लिए उनके द्वारा हर्बल रंग बनाए जा रहे हैं. ताकि किसी भी प्रकार से इन रासायनिक रंगों का स्वास्थ्य पर बुरा असर ना पड़े.

नैनीतालः होली का त्यौहार नजदीक आते ही महिलाएं होली के रंग में रंगने लगी हैं. नैनीताल में मोनाल संस्था के द्वारा होली के लिए आरारोट, फूड कलर, इत्र, चुकन्दर, गुलाब के फूल, गेंदा के फूल व पालक से हर्बल रंग तैयार किए जा रहे हैं. इनसे त्वचा को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है. मोनाल संस्था की संस्थापक नायला खान का कहना है कि उनके द्वारा बीते कई सालों से हर्बल रंग बनाए जा रहे हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. ऑर्गेनिक रंग चेहरे पर लगने के बाद फेस वॉश का काम करते हैं. होली के दौरान इनको लगाने से त्वचा में कोई नकारात्मक प्रभाव भी नहीं पड़ता.

नायला बताती हैं कि आज हर्बल रंग की डिमांड देशभर के अन्य शहरों से उनके पास आ रही है. रंगों के लिए बढ़ती मांग के लिए उन्होंने अपने साथ करीब 30 महिलाओं को जोड़ा है. संस्था को अब दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, चंडीगढ़ समेत देश के अन्य शहरों से भी हर्बल रंग की डिमांड मिल रही है. इसके अलावा शहर के कई स्कूलों से उन्हें होली के लिए ऑर्गेनिक रंग के ऑर्डर मिल रहे हैं.
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रंग बना रही महिलाओं ने बताया कि अब तक होली में रसायनिक रंगों का प्रयोग होता था, जो स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहद खतरनाक होते हैं. इससे बचाव के लिए उनके द्वारा हर्बल रंग बनाए जा रहे हैं. ताकि किसी भी प्रकार से इन रासायनिक रंगों का स्वास्थ्य पर बुरा असर ना पड़े.

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