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नैनीताल में कुत्तों और बंदरों का आतंक, DM को हाईकोर्ट में होना पड़ा पेश, टोल फ्री नंबर जारी करने के आदेश

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Published : May 12, 2023, 4:21 PM IST

नैनीताल डीएम धीराज गर्ब्याल और नगर पालिका ईओ आलोक उनियाल आज व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट में पेश हुए. पूरा मामला आवारा कुत्तों और बंदरों से निजात दिलाने से जुड़ा है. कोर्ट ने डीएम और पालिका ईओ पीड़ितों की शिकायत दर्ज करने के लिए टोल फ्री नंबर जारी करने को कहा.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट

नैनीतालः उत्तराखंड समेत नैनीताल शहर में बंदरों और कुत्तों के बढ़ते आंतक से निजात दिलाने के लिए दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ की ओर से पूर्व में जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर आज नैनीताल डीएम धीराज गर्ब्याल और नगर पालिका ईओ आलोक उनियाल व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए. जिस पर हाईकोर्ट ने पीड़ितों की शिकायत दर्ज करने के लिए टोल फ्री नंबर जारी करने के आदेश दिए.

नैनीताल डीएम धीराज गर्ब्याल और नगर पालिका ईओ आलोक उनियाल ने नैनीताल हाईकोर्ट को बताया कि शहर में आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर हाउस बनाने के लिए भूमि चयनित की जा चुकी है. एक महीने के भीतर नगर के खूंखार कुत्तों को बाड़े में रखा जाएगा. कोर्ट ने नगर पालिकाओं से टोल फ्री शिकायती नंबर जारी करने को कहा है. ताकि लोग अपनी शिकायत दर्ज कर सकें. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 15 जून की तिथि नियत की है. आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.
ये भी पढ़ेंः Delhi AIIMS में भ्रष्टाचार उजागर करने का मामला, नैनीताल हाईकोर्ट में 20 मई को होगी सुनवाई

क्या है मामलाः दरअसल, नैनीताल निवासी गिरीश चंद्र खोलिया ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि नैनीताल शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. अभी तक नैनीताल में सैकड़ों लोगों को आवारा कुत्ते काट चुके हैं. बीते कुछ सालों में उत्तराखंड में आवारा कुत्तों ने करीब 40 हजार से ज्यादा लोगों को काटा है. कुछ समय पहले कुत्तों का बधियाकरण भी किया गया था, बावजूद इसके इनकी संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. वहीं, याचिकाकर्ता खोलियान ने बंदरों और कुत्तों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने की गुहार हाईकोर्ट से लगाई है.

नैनीतालः उत्तराखंड समेत नैनीताल शहर में बंदरों और कुत्तों के बढ़ते आंतक से निजात दिलाने के लिए दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ की ओर से पूर्व में जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर आज नैनीताल डीएम धीराज गर्ब्याल और नगर पालिका ईओ आलोक उनियाल व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए. जिस पर हाईकोर्ट ने पीड़ितों की शिकायत दर्ज करने के लिए टोल फ्री नंबर जारी करने के आदेश दिए.

नैनीताल डीएम धीराज गर्ब्याल और नगर पालिका ईओ आलोक उनियाल ने नैनीताल हाईकोर्ट को बताया कि शहर में आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर हाउस बनाने के लिए भूमि चयनित की जा चुकी है. एक महीने के भीतर नगर के खूंखार कुत्तों को बाड़े में रखा जाएगा. कोर्ट ने नगर पालिकाओं से टोल फ्री शिकायती नंबर जारी करने को कहा है. ताकि लोग अपनी शिकायत दर्ज कर सकें. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 15 जून की तिथि नियत की है. आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.
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क्या है मामलाः दरअसल, नैनीताल निवासी गिरीश चंद्र खोलिया ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि नैनीताल शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. अभी तक नैनीताल में सैकड़ों लोगों को आवारा कुत्ते काट चुके हैं. बीते कुछ सालों में उत्तराखंड में आवारा कुत्तों ने करीब 40 हजार से ज्यादा लोगों को काटा है. कुछ समय पहले कुत्तों का बधियाकरण भी किया गया था, बावजूद इसके इनकी संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. वहीं, याचिकाकर्ता खोलियान ने बंदरों और कुत्तों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने की गुहार हाईकोर्ट से लगाई है.

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