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सियाचिन में तैनात फौजियों की वर्दी का मामला, नैनीताल हाई कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय से मांगा जवाब

सियाचिन में तैनात फौजियों को नयी तकनीक की गरम वर्दी देने का मामला अब नैनीताल हाई कोर्ट पहुंच गया है. हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका में नई तकनीक से बनी गरम वर्दी देने की है मांग की गई है.

Nainital highcourt
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Published : Aug 20, 2019, 11:56 AM IST

Updated : Aug 20, 2019, 1:10 PM IST

नैनीताल: सियाचिन में तैनात भारतीय फौज के लिए नई तकनीक से बनी माइनस 25 डिग्री से कम तापमान को झेलने वाली वर्दी न दिए जाने का मामला अब नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है. मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, रक्षा मंत्रालय और आर्मी को सुविधाएं देने वाले विभाग को नोटिस जारी किया है. साथ ही 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

जानकारी देते याचिकाकर्ता संदीप कोठारी

बता दें, हरिद्वार निवासी राजेंद्र मोहन डबराल ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सियाचिन में तैनात फौजियों को 2010 की तकनीक से बनाई गई गर्म वर्दी दी जा रही है. इस वर्दी में कई खामियां हैं. इस वर्दी को पहनने से जवानों को माइनस 25 डिग्री में ठंड लगती है, जबकि पूर्व मंत्रालय ने जवानों को नई वर्दी और नई तकनीक से बनी वर्दी देने का वादा किया था, लेकिन अबतक जवानों को वर्दी नहीं दी गई है.

पढ़ें- सूरज हत्याकांड: छात्र संगठन ने आईटीबीपी गेट पर किया प्रदर्शन, गिरफ्तारी की मांग

साथ ही याचिका में अमेरिका तथा नाटो की सेना की तर्ज पर भारतीय फौजियों को स्नोसूट उपलब्ध कराने की मांग की गई है. याचिका में कहा है कि फौजी सियाचिन के ठंडे मौसम में माइनस 25 डिग्री तापमान में रहकर सीमा की सुरक्षा करते हैं. लिहाजा, सैनिकों के लिए नई तकनीक की वर्दी होनी चाहिए, जिससे सैनिक देश की सुरक्षा करने के साथ-साथ खुद भी ठंड से बच सकें.

नैनीताल: सियाचिन में तैनात भारतीय फौज के लिए नई तकनीक से बनी माइनस 25 डिग्री से कम तापमान को झेलने वाली वर्दी न दिए जाने का मामला अब नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है. मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, रक्षा मंत्रालय और आर्मी को सुविधाएं देने वाले विभाग को नोटिस जारी किया है. साथ ही 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

जानकारी देते याचिकाकर्ता संदीप कोठारी

बता दें, हरिद्वार निवासी राजेंद्र मोहन डबराल ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सियाचिन में तैनात फौजियों को 2010 की तकनीक से बनाई गई गर्म वर्दी दी जा रही है. इस वर्दी में कई खामियां हैं. इस वर्दी को पहनने से जवानों को माइनस 25 डिग्री में ठंड लगती है, जबकि पूर्व मंत्रालय ने जवानों को नई वर्दी और नई तकनीक से बनी वर्दी देने का वादा किया था, लेकिन अबतक जवानों को वर्दी नहीं दी गई है.

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साथ ही याचिका में अमेरिका तथा नाटो की सेना की तर्ज पर भारतीय फौजियों को स्नोसूट उपलब्ध कराने की मांग की गई है. याचिका में कहा है कि फौजी सियाचिन के ठंडे मौसम में माइनस 25 डिग्री तापमान में रहकर सीमा की सुरक्षा करते हैं. लिहाजा, सैनिकों के लिए नई तकनीक की वर्दी होनी चाहिए, जिससे सैनिक देश की सुरक्षा करने के साथ-साथ खुद भी ठंड से बच सकें.

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सियाचिन में तैनात भारतीय फौज को नवीन तकनीक की गरम वर्दी देने का मामला पहुंचा नैनीताल हाई कोर्ट, 2017 की नई तकनीक से बनी गरम वर्दी देने की है मांग।

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सियाचिन में तैनात भारतीय फौज के लिए नई तकनीक से बनी माइनस 25 डिग्री से कम तापमान को झेलने वाली वर्दी न दिए जाने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है,, मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने केंद्र सरकार रक्षा मंत्रालय समेत आर्मी को सुविधाएं देने वाले विभाग को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।


Body:आपको बता दें कि हरिद्वार निवासी राजेंद्र मोहन डबराल ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सियाचिन में तैनात भारतीय फौज को 2010 की तकनीक से बनाई गई गर्म और दी जा रही है, जबकि इस वर्दी में कई खामियां हैं वही वर्दी के अंदर भाप बनने से जवानों को - 25 डिग्री में ठंडा लगता है जबकि पूर्व में मंत्रालय ने भारतीय फौज के जवानों को नई वर्दी और नई तकनीक से बनी वर्दी देने का वादा किया था लेकिन अब तक उनको नहीं वर्दी नहीं दी जा रही


Conclusion:साथ ही याचिका में अमेरिका तथा नाटो की सेना की तर्ज पर भारतीय फौज को स्नोसूट उपलब्ध कराने की मांग की गई है साथी याचिका में कहा है कि फौजी सियाचिन के ठंडे मौसम में माइनस 25 डिग्री से रहकर देश की सीमा की सुरक्षा करते हैं
लिहाजा सैनिकों के लिए नई तकनीक की वर्दी होनी चाहिए ताकि सैनिक देश की सुरक्षा करने के साथ साथ खुद भी ठंड से बच सकें,


बाईट- संदीप कोठारी,अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
Last Updated : Aug 20, 2019, 1:10 PM IST
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