नैनीतालः उधम सिंह नगर जिले के गदरपुर के मजराहसन गांव में स्कूल की 5 एकड़ भूमि पर राज्य सरकार की ओर से कूड़ा निस्तारण केंद्र स्वीकृत किया गया है. ऐसे में कूड़ा निस्तारण केंद्र के खिलाफ एक जनहित याचिका नैनीताल हाईकोर्ट में दायर हुई है. जिस पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा है कि इस जगह का गूगल मैप और फोटोग्राफ कोर्ट में पेश करें. इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार से चार हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.
दरअसल, गदरपुर के मजराहसन निवासी सराफत अली ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार ने रेवेन्यू रिकॉर्ड में स्कूल के नाम पर दर्ज 5 एकड़ भूमि पर कूड़ा निस्तारण केंद्र बनाने की संस्तुति दे दी है, जो नियम विरुद्ध है. जहां पर इसे बनाया जा रहा है, वहां पर नहर, स्कूल और आबादी वाले क्षेत्र हैं. सरकार ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 का प्रावधानों का उल्लंघन किया है.
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याचिकाकर्ता का कहना है कि अधिनियम में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि कूड़ा निस्तारण केंद्र आबादी, स्कूल, हॉस्पिटल और पानी की जगहों से दूर स्थापित होंगे. जहां पर ये बनाए जाएंगे, उसके चारों तरफ बफर जोन भी बनाया जाएगा. लेकिन सरकार ने इन नियमों का पालन किए बिना कूड़ा निस्तारण केंद्र बनाने की स्वीकृत दे दी.
वहीं, जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस पर रोक लगाई जाए. आज मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और याचिकाकर्ता से गूगल मैप और फोटोग्राफ पेश करने को कहा है. इसके अलावा कूड़ा निस्तारण केंद्र स्वीकृत करने के मामले में सरकार से जवाब तलब किया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी.