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छात्रवृत्ति घोटाला: गिरफ्तारी से बचने के लिए HC पहुंचे पूर्व समाज कल्याण अधिकारी, नहीं मिली राहत

छात्रवृत्ति घोटाले में गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है. इस कम्र में आरोपी पूर्व समाज कल्याण अधिकारी जीत राम नौटियाल की गिरफ्तारी होनी है. जिससे बचने के लिए उन्होंने हाई कोर्ट में गुहार लगाई.

नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Sep 5, 2019, 9:56 PM IST

नैनीताल: छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी जीत राम नौटियाल गिरफ्तारी से बचने के लिए नैनीताल हाई कोर्ट की शरण में पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि वह 2006 में समाज कल्याण अधिकारी थे. उन्होंने नियमों के आधार पर ही कॉलेजों को छात्रवृत्ति का पैसा आवंटित किया था. हालांकि जीतराम नौटियाल की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया है. साथ ही घोटाले की जांच कर रही एसआईटी टीम के दोनों जांच अधिकारियों को अपना विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

500 करोड़ की छात्रवृत्ति घोटाले में देहरादून के 120 नामी कॉलेजों पर कार्रवाई न होने पर जीतराम नौटियाल ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की. उन्होंने कहा कि एसआईटी द्वारा एकतरफा कार्रवाई की जा रही है. प्रदेश के बड़े और नामचीन लोगों के संस्थानों में कोई कार्रवाई न कर उन्हें मामले में बेवजह फंसाया जा रहा है, लेकिन कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है.

एमसी पंत, अधिवक्ता याचिकाकर्ता

पढे़ं- महाराष्ट्र के राज्यपाल बने भगत सिंह कोश्यारी, हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने दिलाई शपथ

बता दें कि देहरादून निवासी राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि समाज कल्याण विभाग द्वारा 2003 से अबतक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया गया है. जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अबतक विभाग द्वारा करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि 2017 में इसकी जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा एसआईटी गठित की गई थी और 3 माह में जांच पूरी करने को कहा गया था. लेकिन इस पर आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी. वहीं इस मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की गई है.

नैनीताल: छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी जीत राम नौटियाल गिरफ्तारी से बचने के लिए नैनीताल हाई कोर्ट की शरण में पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि वह 2006 में समाज कल्याण अधिकारी थे. उन्होंने नियमों के आधार पर ही कॉलेजों को छात्रवृत्ति का पैसा आवंटित किया था. हालांकि जीतराम नौटियाल की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया है. साथ ही घोटाले की जांच कर रही एसआईटी टीम के दोनों जांच अधिकारियों को अपना विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

500 करोड़ की छात्रवृत्ति घोटाले में देहरादून के 120 नामी कॉलेजों पर कार्रवाई न होने पर जीतराम नौटियाल ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की. उन्होंने कहा कि एसआईटी द्वारा एकतरफा कार्रवाई की जा रही है. प्रदेश के बड़े और नामचीन लोगों के संस्थानों में कोई कार्रवाई न कर उन्हें मामले में बेवजह फंसाया जा रहा है, लेकिन कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है.

एमसी पंत, अधिवक्ता याचिकाकर्ता

पढे़ं- महाराष्ट्र के राज्यपाल बने भगत सिंह कोश्यारी, हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने दिलाई शपथ

बता दें कि देहरादून निवासी राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि समाज कल्याण विभाग द्वारा 2003 से अबतक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया गया है. जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अबतक विभाग द्वारा करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि 2017 में इसकी जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा एसआईटी गठित की गई थी और 3 माह में जांच पूरी करने को कहा गया था. लेकिन इस पर आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी. वहीं इस मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की गई है.

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प्रदेश के सबसे बड़े छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी जीत राम नौटियाल गिरफ्तारी से बचने के लिए पहुंचे नैनीताल हाईकोर्ट।

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आपको बता दें कि 500 करोड़ की छात्रवृत्ति घोटाले मैं देहरादून के 120 नामी कॉलेजों पर कार्रवाई ना होने पर जीतराम नौटियाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की साथ ही कहा कि एसआईटी द्वारा एक तरफा कार्रवाई की जा रही है और प्रदेश के बड़े और नामचीन नेताओं और बड़े लोगों के संस्थानों में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है और उनको घोटाले के मामले में बेवजह फंसाया जा रहा है, वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि वह 2006 में समाज कल्याण अधिकारी थे और उन्होंने नियमों के आधार पर ही कॉलेजों को छात्रवृत्ति का पैसा आवंटित किया था, वही हाईकोर्ट ने मामले में सख्त रुख अपनाते हुए घोटाले की जांच कर रही एसआईटी टीम के दोनों जांच अधिकारियों को अपना विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।
हालांकि आज मामले में जीतराम नौटियाल की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया है।


Body:आपको बता दें कि देहरादून निवासी राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा 2003 से अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया है जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अब तक विभाग द्वारा करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है।


Conclusion:जबकि 2017 में इसकी जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा एसआईटी गठित की गई थी और 3 माह में जांच पूरी करने को कहा था परंतु इस पर आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी, साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि इस मामले में सीबीआई जांच की जानी चाहिए,,,

बाईट- एम सी पंत अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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