रामनगर: उपखनिज निकासी में ट्रैक्टरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है. जिससे चलते अब बिना रजिस्ट्रेशन के ट्रैक्टरों को नदी में जाने की अनुमति नहीं है. ऐसे में इस फैसले को लेकर आक्रोशित खनन कारोबारियों ने एसडीएम कार्यालय का पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार उनके साथ पक्षपात कर रही है.
वहीं, उपखनिज निकासी में ट्रैक्टरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किए जाने के बाद उपजिलाधिकारी ने खनन ट्रांसपोटरों को एसडीएम कोर्ट बुलाया था. उपजिलाधिकारी ने ट्रांसपोटरों को भरोसा दिलाया था कि सम्बंधित विभाग के साथ बैठक कर कोई रास्ता निकाला जाएगा. जिसके मद्देनजर उपजिलाधिकारी ने खनन विभाग के साथ बैठक की लेकिन, घंटों चली इस बैठक के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया. ऐसे में ट्रांसपोट की उम्मीद पर पानी फिर गया.
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वहीं, खनन ट्रांसपोटरों का कहना है कि इस फैसले के बाद से 1200 से ज्यादा ट्रैक्टर स्वामी भुखमरी के कगार पर है. ट्रैक्टर स्वामी टैक्स और फिटनेस पर 50हज़ार से ज्यादा पैसा खर्च करने के सात ही मजदूरों को भी एडवांस पैसा दे चुके हैं. उनकी मांग है कि उपखनिज निकासी के लिए पूर्व की भांति ट्रैक्टरों का संचालित होने दिया जाए.
इस मामले में उपजिलाधिकारी हरिगिरी गोस्वामी ने कहा कि खनन समिति से सारे विषयों पर चर्चा हुई है. जिसमें कई चीजें निकलकर सामने आई है. इस विषयों को जिला खनन समिति के सामने रखा जाएगा और कमेटी इस मामले पर मंथन करने के बाद कोई निर्णय लेगी.