हल्द्वानी: तराई केंद्रीय वन प्रभाग अपने डिवीजन के अंतर्गत हरीपुरा और बौर जलाशय में प्रवासी पक्षियों का गणना करने जा रहा है. तीन दिवसीय गणना के माध्यम से प्रवासी पक्षियों की प्रजाति और संख्या का का पता लगाया जाएगा. 3 जनवरी से 5 जनवरी तक प्रवासी पक्षियों की गणना के इस कार्यक्रम में सामाजिक एनजीओ, कॉर्बेट फाउंडेशन के अलावा वन विभाग के कर्मचारी और वर्ड वॉचर विशेषज्ञ शामिल रहेंगे.
प्रभागीय वन अधिकारी अभिलाषा सिंह ने बताया कि प्रवासी पक्षियों की गणना के लिए ड्रोन कैमरे और साउंड एक्सपर्ट इक्यूमेंट का सहारा लिया जाएगा. जिससे कि पक्षियों की प्रजातियों की पहचान और उनकी संख्या का स्पष्ट रूप से पता लगाया जा सके. साथ ही दूरबीन की मदद से प्रवासी पक्षियों को चिन्हित करने का काम भी किया जाएगा.
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अभिलाषा सिंह ने बताया कि दिसंबर से जनवरी तक साइबेरिया सहित अन्य देशों के पक्षी यहां विचरण करने आते हैं. लिहाजा, वन विभाग अभी इनकी प्रजातियों की गणना कर रहा है. पिछले वर्ष वन विभाग द्वारा 65 प्रजातियों की गणना की गई थी, लेकिन इस बार वन विभाग प्रवासी पक्षियों की प्रजातियों के साथ-साथ संख्या का भी आकलन करेगा.
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प्रभागीय वन अधिकारी अभिलाषा सिंह ने बताया कि पक्षियों की गणना के ठीक इतर बर्ड वॉचिंग और पर्यटन के क्षेत्र में स्वरोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टिगत यह गणना काफी हितकारी साबित होगी. इसमें बर्ड वॉचिंग का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. आने वाले 3 दिनों में साइबेरिया सहित दूसरे देशों से आने वाले पक्षियों की प्रजाति के अलावा इस मौसम में क्षेत्रीय पक्षियों की प्रजातियां की गणना के साथ-साथ उनकी संख्या भी एकत्र की जाएगी.