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प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू, वन विभाग ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

सर्द ऋतु प्रारम्भ होते ही प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो गया है. रामनगर और कॉर्बेट पार्क की नदियों में प्रवासी पक्षियों के आने के कारण वन विभाग ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है.

प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू.
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Published : Nov 6, 2019, 5:02 AM IST

रामनगर: कॉर्बेट और लैंडस्केप में मौजूद कोसी नदी में सर्दी का सीजन शुरू होते ही प्रवासी पक्षियों का आगमन होने लगा है. जैसे- जैसे सर्दी बढ़ेगी, वैसे ही प्रवासी पक्षियों की संख्या में भी इजाफा होता रहेगा. प्रवासी पक्षियों के आगमन के चलते वन विभाग की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. सुरक्षा के लिहाज से वन विभाग लगातार इन पक्षियों के लिए निगरानी गश्त करता रहता है.

प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू.

कॉर्बेट पार्क की नदियों में प्रवासी पक्षियों का जमावाड़ा लगना शुरू हो गया है. हिमालय और लद्दाख की पहाड़ियों से निकल कर ये पक्षी रामनगर और कॉर्बेट की नदियों में आकर शोभा बढ़ा रहे हैं. कोसी नदी, रामगंगा नदी समेत आसपास की नदियों और जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने डेरा जमा लिया है.

ये भी पढ़ें: सांसद अनिल बलूनी की मुहिम को आगे बढ़ाएंगे संबित पात्रा, बलूनी के पैतृक गांव में मनाएंगे ईगास पर्व

बता दें कि सुर्खाब यानी रैडी शैल डक का आकर्षण सबसे ज्यादा रहता है. विदेशी मेहमान पक्षी भोजन और प्रजनन के लिए सैकड़ों मील का सफर तय कर ठंडे देशों से पहुंचते हैं. इस समय कोसी नदी में कई मेहमान पक्षियों के करलव से वातावरण गूंज रहा है. सालों से ये प्रवासी पक्षी यहां आ रहे हैं. जिन वजह से पर्यटन से जुड़े लोगों की जीविका भी चल रही है. जलाशयों में इनकी आमद के साथ-साथ इनकी सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी वन महकमे पर है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ पक्षियों के शिकार को रोकने के लिए वन इन जलाशयों और नदियों में वनकर्मियों की गश्त बढ़ा दी है.

रामनगर: कॉर्बेट और लैंडस्केप में मौजूद कोसी नदी में सर्दी का सीजन शुरू होते ही प्रवासी पक्षियों का आगमन होने लगा है. जैसे- जैसे सर्दी बढ़ेगी, वैसे ही प्रवासी पक्षियों की संख्या में भी इजाफा होता रहेगा. प्रवासी पक्षियों के आगमन के चलते वन विभाग की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. सुरक्षा के लिहाज से वन विभाग लगातार इन पक्षियों के लिए निगरानी गश्त करता रहता है.

प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू.

कॉर्बेट पार्क की नदियों में प्रवासी पक्षियों का जमावाड़ा लगना शुरू हो गया है. हिमालय और लद्दाख की पहाड़ियों से निकल कर ये पक्षी रामनगर और कॉर्बेट की नदियों में आकर शोभा बढ़ा रहे हैं. कोसी नदी, रामगंगा नदी समेत आसपास की नदियों और जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने डेरा जमा लिया है.

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बता दें कि सुर्खाब यानी रैडी शैल डक का आकर्षण सबसे ज्यादा रहता है. विदेशी मेहमान पक्षी भोजन और प्रजनन के लिए सैकड़ों मील का सफर तय कर ठंडे देशों से पहुंचते हैं. इस समय कोसी नदी में कई मेहमान पक्षियों के करलव से वातावरण गूंज रहा है. सालों से ये प्रवासी पक्षी यहां आ रहे हैं. जिन वजह से पर्यटन से जुड़े लोगों की जीविका भी चल रही है. जलाशयों में इनकी आमद के साथ-साथ इनकी सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी वन महकमे पर है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ पक्षियों के शिकार को रोकने के लिए वन इन जलाशयों और नदियों में वनकर्मियों की गश्त बढ़ा दी है.

Intro:intro- रामनगर कॉर्बेट और लैंडस्केप में मौजूद कोसी नदी में जाडो का सीजन शुरू होते ही प्रवासी पक्षियों का आगमन होने लगा है। जैसे जैसे जाड़ों में बढ़ोत्तरी होगी वैसे-वैसे प्रवासी पक्षियों की संख्या में भी इजाफा होगा। प्रवासी पक्षियों के आगमन से इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी वन महकमे पर बढ़ जाती है। इसका पक्षियों का शिकार न हो इसके लिए इसकी निगरानी के लिए गश्त बडा दी गई है।


Body:vo.- सर्द ऋतु प्रारम्भ होते ही प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो गया है। रामनगर और कॉर्बेट पार्क की नदियों में प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। हिमालय और लद्दाख की पहाड़ियों से निकल कर यह पक्षी रामनगर और कॉर्बेट की नदियों में आकर शोभा बडा रहे हैं। कोसी नदी रामगंगा नदी समेत आसपास की नदियों व जलाशयो में प्रवासी पक्षियों ने डेरा जमा लिया है। जलाशयों में अठखेलियां करते परिंदो के दीदार को पक्षी प्रेमी वाह सैलानी पहुंच रहे हैं। कॉर्बेट लेण्ड स्केप में साढे पाँच सौ से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती है।
मगर सर्दियों में सुर्खाब,वाल क्रीपर,ब्लैक स्टाँर्क,पिनटेल,काबोर्रेंत समेत तमाम किस्म के परिंदों के पहुँचने से कोसी, रामगंगा नदी भोगपुर बोरवा हरिपुरा जलाशय गुलजार हो गया है आपको बता दें कि प्रवासी पक्षी कॉर्बेट पार्क घूमने आने वाले वर्ल्ड वाटर की पहली पसंद होते हैं सुर्खाब यानी रैडी शैल डक का आकर्षण सबसे ज्यादा रहता है। विदेशी मेहमान पक्षी भोजन व प्रजनन के लिए सैकड़ों मील का सफर तय कर ठंडे देशों से पहुंचते हैं। इस समय कोसी नदी में कोई मेहमान पक्षियों के करलव से वातावरण गूंज रहा है। सालों से यह प्रवासी पक्षी यहां आ रहे हैं। जिन वजह से पर्यटन से जुड़े लोगों की जीविका भी चल रही है। जलाशयों में इनकी आमद के साथ-साथ इनकी सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी वन महकमे पर है। जिसको लेकर वन महकमा चिंतित है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की बात कर रहा है। इन पक्षियों के शिकार को रोकने के लिए वन इन जलाशयों और नदियों में वनकर्मियों की गश्त बढ़ा दी है। और इन पक्षियों की गणना का काम शुरू करने की बात कर रहा है।

byte-1- दीप रजवार (पक्षी प्रेमी)
byte-2- राहुल कुमार ( निदेशक,कॉर्बेट टाइगर रिजर्व)


Conclusion:
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