मुंबई: एशियाई बाजारों से कमजोर संकेतों के चलते भारत के प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में सोमवार को गिरावट दर्ज की गई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाए जाने के बाद व्यापार युद्ध की चिंताएं बढ़ गई हैं.
आज के टॉप गेनर और लूजर
52-सप्ताह का हाई शेयर
कंपनी | शेयर प्राइस | बढ़ोतरी |
बजाज फाइनेंस | 8,426 | 5.33% |
यूपीएल | 630.25 | 4.35% |
एसआरएफ | 2,943 | 4.13% |
आयशर मोटर्स | 5,485 | 1.77% |
एसबीआई कार्ड | 825.30 | 0.05% |
यूनाइटेड ब्रेवरी | 2,193 | -1.93% |
52 सप्ताह के लो शेयर
कंपनी | शेयर प्राइस | गिरावट |
राइट्स | 232.40 | -8.74% |
जेएसडब्ल्यू एनर्जी | 445.65 | -5.59% |
आरईसी | 405.50 | -5.23% |
एमआरपीएल | 121.87 | -4.92% |
ट्यूब इन्वेस्टमेंट | 3,045 | -4.11% |
सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन | 485.50 | -3.57% |
इंडियन ऑयल कॉर्प | 120.96 | -3.56% |
बीपीसीएल | 249.55 | -2.39% |
सन फार्मा एडव रेस | 155.47 | -1.98% |
कैन फिन होम्स | 648.30 | -1.88% |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 207.99 | -1.36% |
कजारिया सिरेमिक | 983.45 | -1.00% |
राजेश एक्सपोर्ट्स | 184.00 | -0.85% |
- क्षेत्रीय मोर्चे पर उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं (0.5 फीसदी ऊपर) और आईटी (0.7 फीसदी ऊपर) को छोड़कर, अन्य सभी क्षेत्रीय सूचकांक नीचे रहे, पूंजीगत वस्तु सूचकांक में 4 फीसदी की गिरावट आई, ऊर्जा, धातु, तेल एवं गैस, बिजली, पीएसयू सूचकांक 2-3 फीसदी नीचे रहे.
- बीएसई मिडकैप सूचकांक में करीब 1 फीसदी और स्मॉलकैप सूचकांक में 1.7 फीसदी की गिरावट आई.
- आज के कारोबार के दौरान सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयर नुकसान हुआ.
- भारतीय रुपया सोमवार को 58 पैसे की गिरावट के साथ नये रिकॉर्ड निम्नतम स्तर 87.19 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जबकि शुक्रवार को यह 86.61 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
- बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 4.63 लाख करोड़ रुपये घटकर 419.21 लाख करोड़ रुपये रह गया.
अमेरिकी डॉलर में तेजी
अमेरिकी डॉलर ऑफशोर ट्रेडिंग में चीनी युआन के मुकाबले रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. 2003 के बाद से कनाडाई डॉलर के मुकाबले अपने सबसे मजबूत स्तर पर पहुंच गया और 2022 के बाद से मैक्सिकन पेसो के मुकाबले अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. इस बीच सोमवार को पहली बार भारतीय रुपया 87 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर से कमजोर हो गया, क्योंकि प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर ट्रंप के टैरिफ उपायों ने अमेरिकी डॉलर में तेजी को बढ़ावा दिया.