नैनीतालः पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) के आवास पर आगजनी-पथराव और फायरिंग मामले में 12 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस नामजद आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. हालांकि, पुलिस ने मामले में वीडियो के आधार पर चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, लेकिन घटना के मुख्य नामजद आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. उधर, एसओजी की टीम लगातार मामले की जांच कर रही है.
गौर हो कि बीती 15 नवंबर को हिंदूवादी संगठनों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के सतखोल (सतोली) स्थित आवास के बाहर प्रदर्शन किया था. साथ ही आगजनी-पथराव और फायरिंग भी की गई थी. जिसके बाद केयरटेकर में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जिसमें केयरटेकर ने बताया था कि प्रदर्शन के नाम पर कई लोग घर में घुसे और उनके परिवारजनों के साथ मारपीट की. साथ ही परिवार के सभी लोगों को जान से मारने की धमकी दी और घर पर फायरिंग भी की.
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वहीं, खुर्शीद के घर आगजनी और फायरिंग करने (salman khurshid nainital house vandalism and firing case) वाले 20 आरोपियों में से 4 को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. गिरफ्तार आरोपियों में बीजेपी नेता कुंदन चिलवाल समेत अन्य लोग हैं. जिन पर आगजनी करने का आरोप है. आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त किया गया 32 बोर का तमंचा भी बरामद किया है. वहीं, गिरफ्तारी से बचने के लिए मुख्य आरोपी कुंदन चीलवाल नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में जा चुका है.
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क्यों मचा बवाल? दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी नई पुस्तक 'सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन अवर टाइम्स' (Sunrise Over Ayodhya: Nationhood in Our Times) में हिंदुत्व पर टिप्पणी की है. किताब में हिंदुत्व की तुलना जिहादी ग्रुप आईएसआईएस और बोको हराम से की गई है. खुर्शीद की किताब में एक चैप्टर 'द सैफ्रन स्काई' को लेकर बवाल मचा हुआ है.
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वहीं, सलमान खुर्शीद के आवास पर आगजनी और फायरिंग करने वाले अन्य आरोपियों से पुलिस अब भी दूर है. मामले में क्षेत्रीय सीओ भूपेंद्र सिंह धोनी (CO Bhupendra Singh Dhoni) का कहना है कि पीड़ितों की तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जा रही है. जिन लोगों का नाम तहरीर में है, उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा. बाकी लोगों की वीडियो के आधार पर पहचान की जा रही है.