हल्द्वानी: इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दीपावली त्यौहार के दूसरे दिन यानी 25 अक्टूबर मंगलवार को पड़ रहा है. ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लग जाएगा. ज्योतिष के अनुसार भारत में यह सूर्य ग्रहण शाम लगभग 4 बजकर 28 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 15 मिनट पर खत्म होगा. सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले शुरू हो जाएगा. एक गणना के अनुसार पिछले 1300 वर्षों बाद सूर्य ग्रहण दो प्रमुख त्यौहारों के बीच पड़ने के साथ बुध, गुरु, शुक्र और शनि सभी अपनी-अपनी राशि में मौजूद रहेंगे.
ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के अनुसार यह सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है. सूर्य ग्रहण की छाया जिन जिन स्थानों पर पड़ती है उन स्थानों पर थोड़ा कष्टदायक माना जाता है. इस बार लगने वाला सूर्य ग्रहण यूरोपीय देशों के अलावा भारत में भी पड़ रहा है. कहीं लाभ और कहीं हानि करेगा परंतु इस सूर्य ग्रहण में एक शुभ अवसर भी है. इस दिन दिए हुए गुरु मंत्रों का जाप करें और अपने इष्ट देवता की साधना करें. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य ग्रहण पड़ रहा है या पितृदोष पड़ा है वो लोग नदी तट के ऊपर जाप करके स्नान करें. विशेष तौर पर जिन लोगों की कुंडली में सूर्य राहु का ग्रहण योग है या सूर्य शनि का विशेष योग पड़ा हुआ है.
ऐसे लोग विशेष तौर पर दान करें, जिससे उनका जीवन सुखमय रहेगा. डॉ नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक ग्रहण यूरोपीय देशों के लिए हानिकारक हो सकता है यूरोपीय देशों में कहीं महामारी और आपदा आ सकती है. समुद्री क्षेत्रों में लहरें आ सकती हैं. लेकिन भारत में दीपावली के दूसरे दिन सूर्य ग्रहण पड़ने के चलते इसका असर भारत पर भी रहेगा. भारत के लिए आर्थिक स्थिति की कमजोरी हो सकती है. पूरे विश्व में राजनीतिक दृष्टि से संघर्षपूर्ण समय रहेगा.