नैनीताल: सरोवर नगरी की खूबसूरती की दुनिया भर में मिसाल दी जाती है. जहां हर साल देश-विदेश से लाखों सैलानी नैनी झील का दीदार करने आते हैं. वहीं सरोवर नगरी का नैसर्गिक सौन्दर्य सैलानियों को रूमानी एहसास कराता है. जहां से लौटते वक्त सैलानी अपने साथ खूबसूरत यादों को ले जाते हैं. लेकिन इन दिनों सैलानी बड़ी तादाद में नैनीताल का रुख कर रहे हैं, जिससे जाम की स्थित को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन गाड़ियों को शहर के बाहर रोक रहा है.
सरोवर नगरी नैनीताल में जाम से सैलानियों को दो चार न होने पड़े इसलिए प्रशासन रानीबाग और रूसी बाइपास, चारखेत और कालाढूंगी में गाड़ियों को रोककर अंतराल में भेज रहा है. वहीं इस बार सैलानियों की बड़ी संख्या से व्यवसायियों के भी चेहरे खिले हुए हैं. नैनीताल को सरोवर नगरी यूं ही नहीं कहा जाता, 'नैनी' शब्द का अर्थ है आंखें और 'ताल' का अर्थ है झील. नैनीताल की प्राकृतिक खूबसूरती लोगों को बरबस अपनी ओर खींच लाती है. अपनी खूबसूरती के कारण ही सरोवर नगरी साल भर सैलानियों से गुलजार रहती है.
जो चारों ओर से प्राकृतिक आकर्षणों से घिरी हुई है. वहीं आप घूमने का शौक रखते हैं तो यहां सैर-सपाटे के लिए दर्जनों जगहें हैं, जहां आप प्रकृति का नजदीकी से दीदार कर सकते हैं. वहीं नैनी झील में इठलाती हुई नौकाएं और रंग बिरंगे बोट इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं. नैनीझील के आस-पास सातताल, नौकुचियाताल, सरिया ताल, खुर्पाताल, गरुण ताल, भीमताल, सूखा ताल झील भी हैं. जहां जाना सैलानी नहीं भूलते.
सैलानी प्रकृति की नेमत को देखने दूर-दूर से पहुंच रहे सरोवर नगरी, व्यवसायियों के खिले चेहरे
इन दिनों सैलानी बड़ी तादाद में नैनीताल का रुख कर रहे हैं, जिससे जाम की स्थित को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन गाड़ियों को शहर के बाहर रोक रहा है.
नैनीताल: सरोवर नगरी की खूबसूरती की दुनिया भर में मिसाल दी जाती है. जहां हर साल देश-विदेश से लाखों सैलानी नैनी झील का दीदार करने आते हैं. वहीं सरोवर नगरी का नैसर्गिक सौन्दर्य सैलानियों को रूमानी एहसास कराता है. जहां से लौटते वक्त सैलानी अपने साथ खूबसूरत यादों को ले जाते हैं. लेकिन इन दिनों सैलानी बड़ी तादाद में नैनीताल का रुख कर रहे हैं, जिससे जाम की स्थित को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन गाड़ियों को शहर के बाहर रोक रहा है.
सरोवर नगरी नैनीताल में जाम से सैलानियों को दो चार न होने पड़े इसलिए प्रशासन रानीबाग और रूसी बाइपास, चारखेत और कालाढूंगी में गाड़ियों को रोककर अंतराल में भेज रहा है. वहीं इस बार सैलानियों की बड़ी संख्या से व्यवसायियों के भी चेहरे खिले हुए हैं. नैनीताल को सरोवर नगरी यूं ही नहीं कहा जाता, 'नैनी' शब्द का अर्थ है आंखें और 'ताल' का अर्थ है झील. नैनीताल की प्राकृतिक खूबसूरती लोगों को बरबस अपनी ओर खींच लाती है. अपनी खूबसूरती के कारण ही सरोवर नगरी साल भर सैलानियों से गुलजार रहती है.
जो चारों ओर से प्राकृतिक आकर्षणों से घिरी हुई है. वहीं आप घूमने का शौक रखते हैं तो यहां सैर-सपाटे के लिए दर्जनों जगहें हैं, जहां आप प्रकृति का नजदीकी से दीदार कर सकते हैं. वहीं नैनी झील में इठलाती हुई नौकाएं और रंग बिरंगे बोट इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं. नैनीझील के आस-पास सातताल, नौकुचियाताल, सरिया ताल, खुर्पाताल, गरुण ताल, भीमताल, सूखा ताल झील भी हैं. जहां जाना सैलानी नहीं भूलते.
सैलानी प्रकृति की नेमत को देखने दूर-दूर से पहुंच रहे सरोवर नगरी, व्यवसायियों के खिले चेहरे
tourist started coming to nanital
नैनीताल: सरोवर नगरी की खूबसूरती की दुनिया भर में मिसाल दी जाती है. जहां हर साल देश-विदेश से लाखों सैलानी नैनी झील का दीदार करने आते हैं. वहीं सरोवर नगरी का नैसर्गिक सौन्दर्य सैलानियों को रूमानी एहसास कराता है. जहां से लौटते वक्त सैलानी अपने साथ खूबसूरत यादों को ले जाते हैं. लेकिन इन दिनों सैलानी बड़ी तादाद में नैनीताल का रुख कर रहे हैं, जिससे जाम की स्थित को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन गाड़ियों को शहर के बाहर रोक रही है.
सरोवर नगरी नैनीताल में जाम से सैलानियों को दो चार न होने पड़े इसलिए प्रशासन रानीबाग और रूसी बाइपास, चारखेत और कालाढूंगी में गाड़ियों को रोककर अंतराल में भेज रहा है. वहीं इस बार सैलानियों की बड़ी संख्या से व्यवसायियों के भी चेहरे खिले हुए हैं. नैनीताल को सरोवर नगरी यूं ही नहीं कहा जाता, 'नैनी' शब्द का अर्थ है आंखें और 'ताल' का अर्थ है झील. नैनीताल की प्राकृतिक खूबसूरती लोगों को बरबस अपनी ओर खींच लाती है. अपनी खूबसूरती के कारण ही सरोवर नगरी साल भर सैलानियों से गुलजार रहती है.
जो चारों ओर से प्राकृतिक आकर्षणों से घिरी हुई है. वहीं आप घूमने का शौक रखते हैं तो यहां सैर-सपाटे के लिए दर्जनों जगहें हैं, जहां आप प्रकृति का नजदीकी से दीदार कर सकते हैं. वहीं नैनी झील में इठलाती हुई नौकाएं और रंग बिरंगे बोट इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं. नैनीझील के आस-पास सातताल, नौकुचियाताल, सरिया ताल, खुर्पाताल, गरुण ताल, भीमताल, सूखा ताल झील भी हैं. जहां जाना सैलानी नहीं भूलते.
वहीं पक्षियों का संसार देखने के लिए भी देश-बिदेश से बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं और उनकी चहचहाहट लोगों को मानसिक शांति की अनुभूति कराती है. वहीं सैलानी लौटते वक्त यहां की खूबसूरत यादों को अपने जहन में कैद कर ले जाते हैं.
बता दें कि बीते दिनों वीकेंड की छुट्टियों पर नैनीताल में भारी संख्या में पर्यटक नैनीताल पहुंचे. जिससे पर्यटकों और वाहनों की संख्या काफी बढ़ गई थी. वहीं वाहनों की बढ़ती संख्या से नगर में जाम की स्थिति बन गई थी. इसके चलते प्रशासन ने वाहनों को रूसी बाईपास और कालाढूंगी तिराहे पर रोकना शुरू कर दिया. जबकि कुछ वाहनों को रोक रोककर नगर में भेजा गया था.
Conclusion: