नैनीतालः सरोवर नगरी के बलियानाला क्षेत्र में हो रहा लगातार भूस्खलन नासूर बनता जा रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने जापान के विशेषज्ञों का सहारा लिया है. इसी कड़ी में प्रशासन और जापान से आई टीम ने बलियानाला क्षेत्र का बारिकी से निरीक्षण किया. साथ ही मिट्टी और पत्थर के नमूने लेकर परीक्षण में जुट गया है.
बता दें कि नैनीताल के बलियानाला क्षेत्र में 1970 के दशक से ही हर साल भू-स्खलन हो रहा है. लगातार हो रहे भू-स्खलन की जद में अब शहर का आबादी वाला क्षेत्र भी आ गया है. जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने बलियानाला क्षेत्र और रिहायशी क्षेत्र में रह रहे लोगों को विस्थापित करने का फैसला लिया है.
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इससे पहले भी जापान की जायका टीम और भारतीय जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने सर्वे कर एक रिपोर्ट सरकार को दी थी. जिसमें उन्होंने बताया कि बलियानाला काफी संवेदनशील क्षेत्र है. यहां पर कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. लिहाजा यहां पर रह रहे लोगों को जल्द से जल्द विस्थापित किया जाना चाहिए. जिसके बाद जिला प्रशासन ने क्षेत्र में रह रहे लोगों को विस्थापित करने के आदेश दिए थे.
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इस आदेश के बाद स्थानीय लोग हाई कोर्ट की शरण में पहुंचे थे. जहां पर उन्होंने विस्थापित ना करने की अपील की. जिसके बाद कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए प्रशासन को आदेश दिए कि उन्हें विस्थापित ना किया जाए. वहीं, एक बार फिर बरसात के सीजन को देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है.
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इसी कड़ी में रविवार को प्रशासन और जापान की जायका टीम ने बलियानाला समेत रईस होटल क्षेत्र का निरीक्षण किया. इस दौरान जापान की टीम ने बलियानाले की 250 फिट से ज्यादा की गहराई से मिट्टी और पत्थर के नमूने लिए. जिसके आधार पर जापान की टीम रिपोर्ट देगी.
वहीं, मामले पर जिलाधिकारी सविन बंसल का कहना है कि नाले की रिपोर्ट तैयार की जा रही है. साथ ही नाले के कार्य को लेकर डीपीआर बनाई जा रही है. जिससे जल्द से जल्द बजट अवमुक्त कराकर कार्रवाई की जा सके.