नैनीताल: देश में पर्यटन के साथ साथ नैनीताल अपनी ऐतिहासिक धरोहर के लिए भी जाना जाता है. जिसमें सबसे पहला नाम आता है नैनीताल के राजभवन का. जिसे भारत का बकिंघम पैलेस भी कहा जाता है. इसकी स्थापना 1897 में की गई थी. आज इस बकिंघम पैलेस का दीदार करने दूर-दूर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं.
सरकार की तरफ से राजभवन को पर्यटकों के लिए 1994 में खोला गया. जहां पर्यटक म्यूजियम में 10वीं और 20वीं सदी के हथियार, हाथी दांत, एंटीक फर्नीचर, ट्रॉफी और ब्रिटिश सेना के मेडल्स देख सकते हैं. हर साल नैनीताल के इस बकिंघम पैलेस को देखने के लिए पर्यटक की बड़ी तादाद आती है.
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बता दें कि 2014 में 20 हजार पर्यटक राजभवन का दीदार करने पहुंचे थे. 2015 में करीब 14 हजार पर्यटक इसकी भव्यता को देखने पहुंचे. वहीं 2017 में यह आंकड़ा बढ़कर 21 हजार 438 के पार पहुंच गया. इसके बाद 2018 में 22, 000 पर्यटक इस बकिंघम पैलेस को देखने पहुंचे.
ऐसा है बकिंघम पैलेस
- नैनीताल का बकिंघम पैलेस करीब 220 एकड़ में फैला हुआ है.
- इस पैलेस में कुल 113 कमरे हैं.
- 50 एकड़ जमीन में सुंदर गोल्फ कोर्स ( फील्ड) बना हुआ है, जिसमें 18 होल हैं.
- सन 1926 के तत्कालिक गवर्नर वेलहम ने इस गोल्फ कोर्स की शुरुआत की थी.
- हर साल यहां गोल्फ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें देशभर के गोल्फ खिलाड़ी हिस्सा लेने यहां पहुंचते हैं.
वहीं जब से राज्य सरकार द्वारा नैनीताल के इस बकिंघम पैलेस को पर्यटकों के लिए खोला गया, तब से स्थानीय युवाओं को भी यहां रोजगार मिल रहा है. स्थानीय युवा देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भारत के बंकिघम पैलेस का भ्रमण कराते हैं.