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सरोवर नगरी में पर्यटकों की पसंदीदा जगह बन रहा बकिंघम पैलेस, 2018 में पहुंचे थे 22 हजार सैलानी - बकिंघम पैलेस नैनीताल

नैनीताल स्थित बकिंघम पैलेस को देखने के लिए 2014 में 20 हजार पर्यटक पहुंचे थे. 2015 में करीब 14 हजार पर्यटक इसकी भव्यता को देखने पहुंचे. वहीं 2017 में यह आंकड़ा बढ़कर 21 हजार 438 के पार पहुंच गया. इसके बाद 2018 में 22, 000 पर्यटक इस बकिंघम पैलेस को देखने पहुंचे.

नैनीताल स्थित बकिंघम पैलेस
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Published : Oct 30, 2019, 1:15 PM IST

Updated : Oct 30, 2019, 4:10 PM IST

नैनीताल: देश में पर्यटन के साथ साथ नैनीताल अपनी ऐतिहासिक धरोहर के लिए भी जाना जाता है. जिसमें सबसे पहला नाम आता है नैनीताल के राजभवन का. जिसे भारत का बकिंघम पैलेस भी कहा जाता है. इसकी स्थापना 1897 में की गई थी. आज इस बकिंघम पैलेस का दीदार करने दूर-दूर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं.

सरकार की तरफ से राजभवन को पर्यटकों के लिए 1994 में खोला गया. जहां पर्यटक म्यूजियम में 10वीं और 20वीं सदी के हथियार, हाथी दांत, एंटीक फर्नीचर, ट्रॉफी और ब्रिटिश सेना के मेडल्स देख सकते हैं. हर साल नैनीताल के इस बकिंघम पैलेस को देखने के लिए पर्यटक की बड़ी तादाद आती है.

पढ़ें- बदमाश दे रहे थे चोरी की घटना को अंजाम, गांव वालों की सूझबूझ से 2 गिरफ्तार

बता दें कि 2014 में 20 हजार पर्यटक राजभवन का दीदार करने पहुंचे थे. 2015 में करीब 14 हजार पर्यटक इसकी भव्यता को देखने पहुंचे. वहीं 2017 में यह आंकड़ा बढ़कर 21 हजार 438 के पार पहुंच गया. इसके बाद 2018 में 22, 000 पर्यटक इस बकिंघम पैलेस को देखने पहुंचे.

ऐसा है बकिंघम पैलेस

  • नैनीताल का बकिंघम पैलेस करीब 220 एकड़ में फैला हुआ है.
  • इस पैलेस में कुल 113 कमरे हैं.
  • 50 एकड़ जमीन में सुंदर गोल्फ कोर्स ( फील्ड) बना हुआ है, जिसमें 18 होल हैं.
  • सन 1926 के तत्कालिक गवर्नर वेलहम ने इस गोल्फ कोर्स की शुरुआत की थी.
  • हर साल यहां गोल्फ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें देशभर के गोल्फ खिलाड़ी हिस्सा लेने यहां पहुंचते हैं.

वहीं जब से राज्य सरकार द्वारा नैनीताल के इस बकिंघम पैलेस को पर्यटकों के लिए खोला गया, तब से स्थानीय युवाओं को भी यहां रोजगार मिल रहा है. स्थानीय युवा देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भारत के बंकिघम पैलेस का भ्रमण कराते हैं.

नैनीताल: देश में पर्यटन के साथ साथ नैनीताल अपनी ऐतिहासिक धरोहर के लिए भी जाना जाता है. जिसमें सबसे पहला नाम आता है नैनीताल के राजभवन का. जिसे भारत का बकिंघम पैलेस भी कहा जाता है. इसकी स्थापना 1897 में की गई थी. आज इस बकिंघम पैलेस का दीदार करने दूर-दूर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं.

सरकार की तरफ से राजभवन को पर्यटकों के लिए 1994 में खोला गया. जहां पर्यटक म्यूजियम में 10वीं और 20वीं सदी के हथियार, हाथी दांत, एंटीक फर्नीचर, ट्रॉफी और ब्रिटिश सेना के मेडल्स देख सकते हैं. हर साल नैनीताल के इस बकिंघम पैलेस को देखने के लिए पर्यटक की बड़ी तादाद आती है.

पढ़ें- बदमाश दे रहे थे चोरी की घटना को अंजाम, गांव वालों की सूझबूझ से 2 गिरफ्तार

बता दें कि 2014 में 20 हजार पर्यटक राजभवन का दीदार करने पहुंचे थे. 2015 में करीब 14 हजार पर्यटक इसकी भव्यता को देखने पहुंचे. वहीं 2017 में यह आंकड़ा बढ़कर 21 हजार 438 के पार पहुंच गया. इसके बाद 2018 में 22, 000 पर्यटक इस बकिंघम पैलेस को देखने पहुंचे.

ऐसा है बकिंघम पैलेस

  • नैनीताल का बकिंघम पैलेस करीब 220 एकड़ में फैला हुआ है.
  • इस पैलेस में कुल 113 कमरे हैं.
  • 50 एकड़ जमीन में सुंदर गोल्फ कोर्स ( फील्ड) बना हुआ है, जिसमें 18 होल हैं.
  • सन 1926 के तत्कालिक गवर्नर वेलहम ने इस गोल्फ कोर्स की शुरुआत की थी.
  • हर साल यहां गोल्फ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें देशभर के गोल्फ खिलाड़ी हिस्सा लेने यहां पहुंचते हैं.

वहीं जब से राज्य सरकार द्वारा नैनीताल के इस बकिंघम पैलेस को पर्यटकों के लिए खोला गया, तब से स्थानीय युवाओं को भी यहां रोजगार मिल रहा है. स्थानीय युवा देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भारत के बंकिघम पैलेस का भ्रमण कराते हैं.

Intro:Summry

नैनीताल में स्थित है भारत का बकिंघम पैलेस, देश भर के पर्यटक पहुचते है इसका दीदार करने।

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सरोवर नगरी नैनीताल पर्यटकों की आमद से गुलजार है और यहां हर रोज हजारों की संख्या में पर्यटक नैनीताल आ रहे हैं और नैनीताल के पर्यटक स्थलों का दीदार कर रहे हैं, इस बार आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद नैनीताल का बकिंघम पैलेस बना हुआ है जिसे यहां के लोग राजभवन के नाम से जानते हैं।


Body:देश में पर्यटन के साथ साथ नैनीताल अपनी ऐतिहासिक धरोहर के लिए भी जाना जाता है, जिसमें सबसे पहला नाम आता है नैनीताल के राजभवन का जो अपनी अद्भुत शिल्पकला के लिए ना केवल हिंदुस्तान में बल्कि विदेशों में भी अपनी अलग पहचान बना चुका है, नैनीताल के इस राजभवन की स्थापना 1897 में भी और आज इस इमारत को बने हुए 120 साल से ज्यादा हो चुके हैं इस भवन का निर्माण लंदन के बंकिघम पैलेस के आधार पर हुआ है जिस वजह से इस पवन को छोटा बंकिम पैलेस भी कहा जाता है।
जिस वजह से नैनीताल आने वाले पर्यटक इस बकिंघम पैलेस का दीदार करने जरूर पहुंचते हैं और यह पर्यटकों की पहली पसंद बने रहता है।

बाईट- आकांशा ,पर्यटक।


Conclusion:नैनीताल का बकिंघम पैलेस करीब 220 एकड़ में फैला हुआ है और इस पैलेस में कुल 113 कमरे हैं, 50 एकड़ जमीन में सुंदर गोल्फ कोर्स ( फील्ड) बना हुआ है, इस कोर्स में ( ग्राउंड) में 18 होल है, सन 1926 के तत्कालिक गवर्नर वेलहम ने इस गोल्फ कोर्स की शुरुआत की थी, इस फील्ड को ब्रिटिश आर्मी के इंजीनियरों द्वारा तैयार किया गया, यह ग्राउंड इतनी ऊंचाई में स्थित सबसे सुंदर और अद्भुत गोल्फ फील्ड है जो केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है और हर साल यहां गोल्फ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है इसमें देशभर के गोल्फ खिलाड़ी प्रितभाग करने नैनीताल आते हैं।
सरकार की तरफ से पर्यटको के घूमने के लिए राजभवन को 1994 में खोला गया, जहां पर्यटक म्यूजियम में 10वीं और 20वीं सदी के हथियार, हाथी दांत, एंटीक फर्नीचर, ट्रॉफी और ब्रिटिश सेना के मेडल्स देख सकते हैं।

वहीं हर साल नैनीताल के इस बकिंघम पैलेस को देखने के लिए पर्यटक हुई तादाद बढ़ रही है,
2014 में 20 हजार पर्यटक राजभवन का दीदार करने पहुंचे, 2015 में करीब 14 हजार पर्यटको ने राजभवन देखा जबकि 2017 में यह आंकड़ा बढ़कर 21 हजार 438 के पार पहुंच गया,
2018 में 22000 पर्यटक राजभान का दीदार करने पहुंचे।

बाईट- आयुषी, पर्यटक।

वहीं जब से राज्य सरकार द्वारा नैनीताल के इस बकिंघम पैलेस को पर्यटकों के लिए खोला गया तब से स्थानीय युवाओं को भी यह रोजगार मिल रहा है, स्थानीय युवा देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भारत के बंकिघम पैलेस का भ्रमण कराते हैं जिससे उन युवाओं को घर बैठे रोजगार मिल रहा है,जिससे स्थानीय युवा काफी खुश है।

बाईट- गोपाल, टूरिस्ट गाइड।

नैनीताल से ईटीवी भारत के लिए गौरव जोशी की रिपोर्ट।
Last Updated : Oct 30, 2019, 4:10 PM IST
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