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8वां वेतन आयोग: केंद्रीय सरकार के लेवल 1 से 10 तक के कर्मचारियों की सैलरी में कितनी हो सकती है बढ़ोतरी ? जानें - 8TH PAY COMMISSION

मोदी सरकार से 8वें वेतन आयोग को मंजूरी मिलने के बाद इसके जल्द ही केंद्र को अपनी रिपोर्ट सैंपने की उम्मीद है.

8th Pay Commission
लेवल 1 से 10 तक के कर्मचारियों की सैलरी में कितनी हो सकती है बढ़ोतरी ? (सांकेतिक तस्वीर Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 30, 2025, 12:46 PM IST

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग को अपनी मंजूरी दे दी. ऐसा माना जा रहा है कि आयोग जल्द ही केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन संशोधन को लेकर अपनी सिफारिशें पेश करेगा. नया वेतन आयोग लागू होने से पहले कमीशन अपनी अंतिम रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगा, जो इस बात पर फैसला लेगा कि पैनल के सुझावों को कैसे लागू किया जाना चाहिए. उम्मीद की जा रही है कि सरकार 1 जनवरी, 2026 से 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करेगी.

16 जनवरी को सरकार द्वारा घोषणा किए जाने के बाद से ही केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी फिटमेंट फैक्टर के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं. जिसके तहत प्रस्तावित पैनल कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में संशोधन का सुझाव देगा. एक बार फिटमेंट फैक्टर तय हो जाने के बाद पूरे वेतन मैट्रिक्स को सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लेवल 1 से 10 तक पता चल जाएगा.

बता दें कि फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर है, जिसका इस्तेमाल मौजूदा मूल वेतन पर लागू करके संशोधित वेतन के कैलकुलेशन के लिए किया जाता है. 8वें वेतन आयोग के वेतन मैट्रिक्स के तहत नया पैनल विभिन्न नौकरी स्तरों पर कर्मचारियों के लिए सैलरी की गणना करेगा. 7वें वेतन आयोग के तहत, फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया था, जिसके तहत सरकारी कर्मचारी के लिए न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था.

8वें वेतन आयोग के तहत अधिकतम फिटमेंट फैक्टर कितना हो सकता है?
ऐसा अनुमान है 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर बढ़कर 2.86 हो जाएगा, जिससे संभावित रूप से न्यूनतम मूल वेतन 51,480 रुपये हो जाएगा. यानी कर्मचारियों की सैलरी में 186 प्रतिशत तक का इजाफा होगा.

8th Pay Commission Salary Hike
लेवल 1 से 10 तक के कर्मचारियों की सैलरी में कितनी हो सकती है बढ़ोतरी ? (ETV Bharat)

लेवल 1 से लेवल 10 तक कर्मचारियों की कितनी बढ़ेगी सैलरी?
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक अगर ऐसा होता है तो लेवल-1 के कर्मचारियों की सैलरी 18 हजार रुपये से बढ़कर 51480 रुपये होने की उम्मीद है. वहीं, लेवल 2 के कर्माचारियों का वेतन 19900 रुपये से 56 914 रुपये, लेवल-3 के कर्मचारियों का वेतन 21700 रुपये से 62062 रुपये और लेवल 4 के कर्मियों की सैलरी 25500 रुपये से बढ़कर 72930 रुपये हो जाएगा.

इसी तरह 7 वें वेतन आयोग के तहत लेवल 5 के कर्मचारियों को 29200 रुपये मिलते हैं, जिनके 8 वें वेतन में बढ़कर 83512, लेवल-6 के लिए 101244, लेवल -7 के 44990 रुपये से 128000 रुपये और लेवल 8 के कर्मचारियों 47600 रुपये से 136136 पहुंचने की उम्मीद है, जबकि लेवल-9 के कर्माचारियों की सैलरी 53100 रुपये बढ़कर 151866 और लेवल- 10 के कर्मचारियों की तनख्वाह 56100 रुपये से 160446 रुपये होने की उम्मीद है.

आगे क्या होने वाला है?
यह उम्मीद की जा रही है कि जिस तरह 7वें वेतन आयोग के साथ हुआ था 8वां वेतन आयोग भी मौजूदा आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए प्रस्तावित वेतन और पेंशन वृद्धि से संबंधित निर्णय पर पहुंचने के लिए एक्रोयड फॉर्मूले का इस्तेमाल कर सकती हैं.

बता दें कि 7वें वेतन आयोग ने भी एक्रोयड फॉर्मूले का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया था. इस वेतन वृद्धि की गणना उस समय जीवन-यापन की लागत और पोषण संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर की गई थी.

यह भी पढ़ें- केंद्रीय कर्मचारियों को कब से मिलेगी बढ़ी हुई सैलरी? जानें सबकुछ

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग को अपनी मंजूरी दे दी. ऐसा माना जा रहा है कि आयोग जल्द ही केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन संशोधन को लेकर अपनी सिफारिशें पेश करेगा. नया वेतन आयोग लागू होने से पहले कमीशन अपनी अंतिम रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगा, जो इस बात पर फैसला लेगा कि पैनल के सुझावों को कैसे लागू किया जाना चाहिए. उम्मीद की जा रही है कि सरकार 1 जनवरी, 2026 से 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करेगी.

16 जनवरी को सरकार द्वारा घोषणा किए जाने के बाद से ही केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी फिटमेंट फैक्टर के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं. जिसके तहत प्रस्तावित पैनल कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में संशोधन का सुझाव देगा. एक बार फिटमेंट फैक्टर तय हो जाने के बाद पूरे वेतन मैट्रिक्स को सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लेवल 1 से 10 तक पता चल जाएगा.

बता दें कि फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर है, जिसका इस्तेमाल मौजूदा मूल वेतन पर लागू करके संशोधित वेतन के कैलकुलेशन के लिए किया जाता है. 8वें वेतन आयोग के वेतन मैट्रिक्स के तहत नया पैनल विभिन्न नौकरी स्तरों पर कर्मचारियों के लिए सैलरी की गणना करेगा. 7वें वेतन आयोग के तहत, फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया था, जिसके तहत सरकारी कर्मचारी के लिए न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था.

8वें वेतन आयोग के तहत अधिकतम फिटमेंट फैक्टर कितना हो सकता है?
ऐसा अनुमान है 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर बढ़कर 2.86 हो जाएगा, जिससे संभावित रूप से न्यूनतम मूल वेतन 51,480 रुपये हो जाएगा. यानी कर्मचारियों की सैलरी में 186 प्रतिशत तक का इजाफा होगा.

8th Pay Commission Salary Hike
लेवल 1 से 10 तक के कर्मचारियों की सैलरी में कितनी हो सकती है बढ़ोतरी ? (ETV Bharat)

लेवल 1 से लेवल 10 तक कर्मचारियों की कितनी बढ़ेगी सैलरी?
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक अगर ऐसा होता है तो लेवल-1 के कर्मचारियों की सैलरी 18 हजार रुपये से बढ़कर 51480 रुपये होने की उम्मीद है. वहीं, लेवल 2 के कर्माचारियों का वेतन 19900 रुपये से 56 914 रुपये, लेवल-3 के कर्मचारियों का वेतन 21700 रुपये से 62062 रुपये और लेवल 4 के कर्मियों की सैलरी 25500 रुपये से बढ़कर 72930 रुपये हो जाएगा.

इसी तरह 7 वें वेतन आयोग के तहत लेवल 5 के कर्मचारियों को 29200 रुपये मिलते हैं, जिनके 8 वें वेतन में बढ़कर 83512, लेवल-6 के लिए 101244, लेवल -7 के 44990 रुपये से 128000 रुपये और लेवल 8 के कर्मचारियों 47600 रुपये से 136136 पहुंचने की उम्मीद है, जबकि लेवल-9 के कर्माचारियों की सैलरी 53100 रुपये बढ़कर 151866 और लेवल- 10 के कर्मचारियों की तनख्वाह 56100 रुपये से 160446 रुपये होने की उम्मीद है.

आगे क्या होने वाला है?
यह उम्मीद की जा रही है कि जिस तरह 7वें वेतन आयोग के साथ हुआ था 8वां वेतन आयोग भी मौजूदा आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए प्रस्तावित वेतन और पेंशन वृद्धि से संबंधित निर्णय पर पहुंचने के लिए एक्रोयड फॉर्मूले का इस्तेमाल कर सकती हैं.

बता दें कि 7वें वेतन आयोग ने भी एक्रोयड फॉर्मूले का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया था. इस वेतन वृद्धि की गणना उस समय जीवन-यापन की लागत और पोषण संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर की गई थी.

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