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शासन ने मेडिकल कॉलेज के MBBS की सीटें 100 से बढ़ाकर की 150 - राजकीय मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस की सीटें बढ़ी

शासन ने राजकीय मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटों को बढ़ाकर 150 सीटें बढ़ाने का शासनादेश जारी कर दिया है. लेकिन फैकल्टी नहीं होने के चलते 150 सीटों की कैसे मान्यता मिल पाएगी सवाल खड़े हो रहे हैं.

Government Medical College
राजकीय मेडिकल कॉलेज
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Published : Nov 6, 2020, 1:35 PM IST

हल्द्वानी: राजकीय मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटों को बढ़ाकर शासन ने 150 सीटें कर दी है. लेकिन फैकल्टी नहीं होने के चलते 150 सीटों की कैसे मान्यता मिल पाएगी सवाल खड़े हो रहे हैं. वर्तमान में कई विभागों की मान्यता खत्म हो चुकी है. यही नहीं एमबीबीएस की 5 वर्ष की मान्यता भी अभी नहीं मिल पाई है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज के पास अपनी व्यवस्थाएं नहीं है. लेकिन शासन ने सीटों में वृद्धि कर दी है. ऐसे में इन सीटों के मान्यता के लिए मेडिकल कॉलेज और शासन के लिए चुनौती भरा है.

शासन ने राजकीय मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटों को बढ़ाकर 150 सीटें करने का शासनादेश जारी कर दिया है. लेकिन पहले से राजकीय मेडिकल कॉलेज को फैकल्टी की कमी के चलते रेडियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री विभाग की मान्यता खत्म हो चुकी है. बता दें कि, हाल ही में ईएनटी की बढ़ी हुई सीटों पर भी केवल 2 सीटों पर ही मान्यता मिल पाई है. वहीं पैथोलॉजी की 3 सीटों पर भी फैकल्टी की कमी के कारण मान्यता नहीं मिल पाई है.

शासन ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को 150 सीटों पर मान्यता के लिए नेशनल मेडिकल कमिशन में आवेदन करने को कहा है. नेशनल मेडिकल कमिशन से मान्यता लेने के लिए व्यवस्थाओं के साथ-साथ सभी विभागों की फैकल्टी पूरी करनी होगी. लेकिन मेडिकल कॉलेज के पास व्यवस्थाओं के साथ-साथ फैकल्टी की भारी कमी है.

पढ़ें: रामनगर: कालूसिद्ध और खड़ंजा खनन गेट भी उपखनिज के लिए खोले गए

मेडिकल कॉलेज का प्राचार्य चंद्र प्रकाश भैसोड़ा ने बताया 150 सीटों पर मान्यता के लिए 80 डॉक्टरों की जरूरत पड़ेगी. शासन के निर्देश के अनुसार पदों का सृजन होने के बाद नियुक्ति का काम शुरू कर दिया जाएगा. एनाटॉमी विभाग, फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री विभाग को उच्चीकृत का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि रेडियोलॉजी विभाग की पीजी सीटों की मान्यता के लिए डॉक्टरों की नियुक्ति की तैयारी की जा रही है. 18 नवंबर को देहरादून में रेडियोलोजी विभाग के अलावा अन्य विभागों के डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए साक्षात्कार होंगे. गौरतलब है कि राजकीय मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों के प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर की भारी कमी है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज अगर डॉक्टरों की पूर्ति पूरा कर देता है तो 150 सीटों पर मान्यता मिलने की उम्मीद है.

हल्द्वानी: राजकीय मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटों को बढ़ाकर शासन ने 150 सीटें कर दी है. लेकिन फैकल्टी नहीं होने के चलते 150 सीटों की कैसे मान्यता मिल पाएगी सवाल खड़े हो रहे हैं. वर्तमान में कई विभागों की मान्यता खत्म हो चुकी है. यही नहीं एमबीबीएस की 5 वर्ष की मान्यता भी अभी नहीं मिल पाई है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज के पास अपनी व्यवस्थाएं नहीं है. लेकिन शासन ने सीटों में वृद्धि कर दी है. ऐसे में इन सीटों के मान्यता के लिए मेडिकल कॉलेज और शासन के लिए चुनौती भरा है.

शासन ने राजकीय मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटों को बढ़ाकर 150 सीटें करने का शासनादेश जारी कर दिया है. लेकिन पहले से राजकीय मेडिकल कॉलेज को फैकल्टी की कमी के चलते रेडियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री विभाग की मान्यता खत्म हो चुकी है. बता दें कि, हाल ही में ईएनटी की बढ़ी हुई सीटों पर भी केवल 2 सीटों पर ही मान्यता मिल पाई है. वहीं पैथोलॉजी की 3 सीटों पर भी फैकल्टी की कमी के कारण मान्यता नहीं मिल पाई है.

शासन ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को 150 सीटों पर मान्यता के लिए नेशनल मेडिकल कमिशन में आवेदन करने को कहा है. नेशनल मेडिकल कमिशन से मान्यता लेने के लिए व्यवस्थाओं के साथ-साथ सभी विभागों की फैकल्टी पूरी करनी होगी. लेकिन मेडिकल कॉलेज के पास व्यवस्थाओं के साथ-साथ फैकल्टी की भारी कमी है.

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मेडिकल कॉलेज का प्राचार्य चंद्र प्रकाश भैसोड़ा ने बताया 150 सीटों पर मान्यता के लिए 80 डॉक्टरों की जरूरत पड़ेगी. शासन के निर्देश के अनुसार पदों का सृजन होने के बाद नियुक्ति का काम शुरू कर दिया जाएगा. एनाटॉमी विभाग, फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री विभाग को उच्चीकृत का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि रेडियोलॉजी विभाग की पीजी सीटों की मान्यता के लिए डॉक्टरों की नियुक्ति की तैयारी की जा रही है. 18 नवंबर को देहरादून में रेडियोलोजी विभाग के अलावा अन्य विभागों के डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए साक्षात्कार होंगे. गौरतलब है कि राजकीय मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों के प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर की भारी कमी है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज अगर डॉक्टरों की पूर्ति पूरा कर देता है तो 150 सीटों पर मान्यता मिलने की उम्मीद है.

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