हल्द्वानी: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के तमाम प्रयास सार्थक साबित होते नजर नहीं आ रहे हैं. दूरस्थ क्षेत्रों में जहां शिक्षकों की तैनाती में भारी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं. सूचना के अधिकार के जरिए पहाड़ों पर हो रही गड़बड़ियों सामने आई हैं. दरअसल, नैनीताल जिले के विकासखंड ओखलकांडा ब्लॉक के भुमका के ग्राम प्रधान मुकेश चंद्र बौद्ध ने आरटीआई से जरिए स्कूलों में शिक्षकों की स्थिति का खुलासा किया है.
मुकेश चंद्र ने बताया कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत उन्होंने जानकारी मांगी थी कि नैनीताल जनपद के क्षेत्र ओखलकांडा के स्कूलों में शिक्षकों की क्या स्थिति है. आरटीआई के जरिए पता चला कि पहाड़ों के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है. हाल में ही 35 शिक्षकों की दुर्गम क्षेत्र से हल्द्वानी ब्लॉक के सुगम में ट्रांसफर कर दिया गया है, इससे बहुत से स्कूलों में शिक्षकों की और कमी हो गई है.
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, ओखलकांडा ब्लॉक के 144 स्कूलों में से 63 माध्यमिक विद्यालयों में केवल एक शिक्षक तैनात है जबकि मानक अनुसार इस विद्यालय में 2 शिक्षकों की तैनाती अनिवार्य है. भुमका राजकीय प्राथमिक विद्यालय में 40 विद्यार्थियों में 1 शिक्षक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय टकुरा में 36 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक, जबकि सयली प्राथमिक विद्यालय सहित ऐसे कई विद्यालय हैं जहां मात्र एक शिक्षक से काम काम चलाया जा रहा है.
वहीं, हल्द्वानी ब्लॉक के सुगम क्षेत्र में राजकीय माध्यमिक विद्यालय रैलाखाता में 22 विद्यार्थियों में 3 शिक्षक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय रैलाखाता 11 विद्यार्थियों पर 3 शिक्षक तैनात हैं. इंदिरा नगर में 23 विद्यार्थियों पर 3 शिक्षक, नयागांव प्राथमिक विद्यालय में 5 विद्यार्थियों पर 2 शिक्षक, कोर्टखर्रा तल्ला में 5 विद्यार्थियों में 2 शिक्षक तैनात हैं.
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यही नहीं, शिक्षा विभाग ने मानकों को ताक पर रखकर शिक्षकों की मनमाफिक तैनाती की है. एक विद्यालय में मानक से अधिक शिक्षकों की तैनाती की गई है. बहुत से ऐसे स्कूल हैं जहां मानक से अधिक शिक्षकों को रखा गया है. पीपल पड़ाव प्राथमिक विद्यालय में 3 शिक्षकों के पद के सापेक्ष में 4 शिक्षकों की तैनाती की गई है. प्राथमिक विद्यालय बद्रीपुरा में 3 पदों की स्वीकृति है जहां 4 शिक्षकों की तैनाती की गई है, यहां केवल 55 विद्यार्थी ही पढ़ते हैं.
आरटीआई कार्यकर्ता और ग्राम प्रधान मुकेश बौद्ध का कहना है कि ओखलकांडा नैनीताल जिले का दूरस्थ क्षेत्र है, जहां बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है. ऐसे में शिक्षा विभाग को जल्द से जल्द इन स्कूलों में मानक के अनुसार शिक्षकों की तैनाती करानी चाहिए. मुकेश बौद्ध का आरोप है कि शिक्षकों को मनमाफिक विद्यालय मिल रहे हैं. शिक्षक पहाड़ों के क्षेत्रों में नहीं जाना चाहते. सरकार को चाहिए कि तुरंत इसपर रोक लगाए.
वहीं, इस पूरे मामले पर खंड शिक्षा अधिकारी हल्द्वानी हरेंद्र मिश्रा का कहना है कि जिन विद्यालयों में मानक से अधिक शिक्षक तैनात हैं, उनकी जांच की जा रही है. कुछ स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है और टीचर अधिक हैं, उन स्कूलों को समायोजन की कार्रवाई चल रही है. खंड शिक्षा अधिकारी के मुताबिक, एक विद्यालय में कम से कम 2 शिक्षकों का होना अनिवार्य है. इसके अलावा मानक अनुसार 30 छात्रों पर एक शिक्षक की तैनाती होती है. प्रत्येक विद्यालय में छात्रों की संख्या के अनुसार शिक्षकों की तैनाती की जाती है.