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सहस्त्रधारा अतिक्रमण मामले में दून DM के जवाब से HC नाराज, दोबारा सर्वे करने का आदेश

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मसूरी देहरादून प्राधिकरण (एसडीडीए) और देहरादून जिलाधिकारी को दोबार से सहस्त्रधारा क्षेत्र में सर्वे करने का आदेश दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई अब 23 सितंबर को होगी.

Nanital HC
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Published : Aug 16, 2021, 7:45 PM IST

नैनीताल: देहरादून में सहस्त्रधारा रोड पर नदी क्षेत्र की अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण मामले पर सोमवार 16 अगस्त को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान देहरादून जिलाधिकारी आर राजेश वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए. देहरादून जिलाधिकारी ने बताया कि उन्होंने कोर्ट के पूर्व के आदेशों के तहत इस क्षेत्र का पूरा सर्वे और निरीक्षण कर लिया है. नदी की भूमि को बचाने की पूरी कोशिशें की जा रही है. अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

हालांकि कोर्ट देहरादून जिलाधिकारी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ. कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए मसूरी देहरादून प्राधिकरण (एसडीडीए) और देहरादून जिलाधिकारी को दोबारा से इस क्षेत्र का फोटोग्राफ लेकर सर्वे करने का कहा है. फोटोग्राफ के साथ दोबारा से इस मामले पर 23 सितंबर को सुनवाई होगी. मामले की सुनवाई आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई थी.

पढ़ें- शिवालिक एलिफेंट कॉरिडोर डिनोटिफाइड केस, HC ने पूछा- पेड़ों को बचाने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?

दरअसल, देहरादून निवासी अजय नारायण शर्मा ने नैनीताल हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने याचिक में कहा था कि देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र के डांडा लखौंड में पामवाला की राउ नदी भूमि के किनारों पर भू-माफियाओं ने अवैध अतिक्रमण कर निर्माण कर लिया है. ये अवैध अतिक्रमण एमडीडीए अधिकारियों की भिलीभगत से हुआ है.

नैनीताल: देहरादून में सहस्त्रधारा रोड पर नदी क्षेत्र की अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण मामले पर सोमवार 16 अगस्त को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान देहरादून जिलाधिकारी आर राजेश वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए. देहरादून जिलाधिकारी ने बताया कि उन्होंने कोर्ट के पूर्व के आदेशों के तहत इस क्षेत्र का पूरा सर्वे और निरीक्षण कर लिया है. नदी की भूमि को बचाने की पूरी कोशिशें की जा रही है. अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

हालांकि कोर्ट देहरादून जिलाधिकारी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ. कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए मसूरी देहरादून प्राधिकरण (एसडीडीए) और देहरादून जिलाधिकारी को दोबारा से इस क्षेत्र का फोटोग्राफ लेकर सर्वे करने का कहा है. फोटोग्राफ के साथ दोबारा से इस मामले पर 23 सितंबर को सुनवाई होगी. मामले की सुनवाई आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई थी.

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दरअसल, देहरादून निवासी अजय नारायण शर्मा ने नैनीताल हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने याचिक में कहा था कि देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र के डांडा लखौंड में पामवाला की राउ नदी भूमि के किनारों पर भू-माफियाओं ने अवैध अतिक्रमण कर निर्माण कर लिया है. ये अवैध अतिक्रमण एमडीडीए अधिकारियों की भिलीभगत से हुआ है.

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