नैनीताल: नाबालिग शिष्या संग रेप के आरोप और मुख्य गवाह राकेश की शांतिकुंज के भीतर आत्महत्या के मामले में शांतिकुंज प्रमुख प्रणव पांड्या की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मुख्य गवाह राकेश की आत्महत्या के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार एसएसपी को जवाब पेश करने का आदेश दिया है. शांतिकुंज प्रमुख प्रणव पांड्या ने रेप केस में अपनी गिरफ्तारी पर रोक की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए पांड्या की गिरफ्तारी पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी थी.
पीड़िता के वकील एपी सिंह की तरफ से प्रणव पांड्या की गिरफ्तारी नहीं होने पर आपत्ति दर्ज कराई गई है. इस दौरान एपी सिंह ने कोर्ट में कहा कि दुष्कर्म के मामले के मुख्य गवाह की प्रणव पांड्या द्वारा शांतिकुंज में हत्या करवा दी गई है. इसके साथ ही सरकार की तरफ से विटनेस प्रोटेक्शन एक्ट के तहत पीड़िता और अन्य गवाहों को सुरक्षा नहीं दी गई है. लिहाजा एपी सिंह ने कोर्ट से पांड्या की जमानत खारिज करने की मांग की है.
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पांड्या के साथ उनकी पत्नी के खिलाफ भी शिकायत दर्ज
डॉ. प्रणव पांड्या के खिलाफ उनकी छत्तीसगढ़ की एक शिष्या ने दुष्कर्म का मुकदमा दिल्ली में दर्ज कराया था. जिसे दिल्ली पुलिस ने हरिद्वार ट्रांसफर कर दिया था. डॉ. प्रणव पांड्या के साथ-साथ पीड़िता ने उनकी पत्नी के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई है. पूरे मामले की जांच के लिए एसएसपी हरिद्वार ने महिला हेल्पलाइन की इंचार्ज मीना आर्य के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया है.
क्या है मामला
राजधानी दिल्ली में छत्तीसगढ़ की 24 वर्षीय युवती ने शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पांड्या पर दुष्कर्म और उनकी पत्नी पर धमकी देने का आरोप लगाया था. जिसके बाद 5 मई को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस को दिए शिकायती पत्र में युवती ने आरोप लगाया था कि 'शांतिकुंज में रहने के दौरान प्रणव पांड्या ने 4 साल तक उसके साथ दुष्कर्म किया था. तब वो नाबालिग थी और शांतिकुंज में खाना बनाने वाली टीम का हिस्सा थी. जब उसने इस बात को उनकी पत्नी से बताया तो उन्होंने किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी, जिसके बाद वो घबरा गई थी.'