नैनीतालः उत्तराखंड हाइकोर्ट ने 7 साल पहले मां, भाई और गर्भवती भाभी की हत्या के आरोप में दोषी संजय को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश टिहरी गढ़वाल की अदालत द्वारा मृत्युदंड की सजा दिए जाने के मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने आरोपी का केस लड़ने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद वशिष्ठ को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है. साथ में कोर्ट ने रजिस्ट्रार से पूछा है कि क्या इस आदेश के खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील दायर की है या नहीं. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.
ये है मामलाः 13 दिसंबर 2014 को टिहरी के गजा तहसील के गुमाल गांव निवासी राम सिंह पंवार ने नायब तहसीलदार को एक प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि उसके बेटे संजय सिंह ने अपनी मां मीना देवी, भाई सुरेंद्र सिंह और गर्भवती भाभी कांता देवी की मामूली कहासुनी के बाद तलवार से हत्या कर दी. आरोपी ने पहले जंगल में जाकर अपनी भाभी की हत्या की. उसके बाद वह झाड़ियों में छुप गया था. घर आकर उसने अपने भाई व मां की हत्या कर दी. अभियुक्त अपने पिता की हत्या करने के फिराक में भी था, लेकिन उस वक्त उसके पिता बाजार गए हुए थे. घटना के बाद पूरे गांव में भय का माहौल बना हुआ था.
अभियुक्त ने अपने पिता की लाइसेंसी बंदूक लेकर खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था. जब पुलिस आई तो वह पुलिस को फायर करने की धमकी देता रहा. गांव वालों का पूरे दिन डर में ही बीत गया. तब भी आरोपी कमरे से बाहर नहीं आया. अंत में पुलिस को उसको पकड़ने के लिए आंसू गैस छोड़नी पड़ी. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया तब जाकर गांव वालों ने चैन की सांस ली.
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तहरीर के आधार पर नायब तहसीलदार ने राजस्व पुलिस चौकी क्वीली में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. राजस्व पुलिस ने घटनास्थल से तलवार बरामद की थी. राजस्व पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201 और 316 के तहत आरोप पत्र तैयार कर सीजेएम कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने 26 अगस्त 2021 को उसे मृत्यु दंड दिया और पांच हजार का अर्थ दंड भी सुनाया. हालांकि पिता की उस घटना के 2 महीने बाद ही सदमे से मौत हो गई थी.