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कुमाऊं मंडल वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल मामले की हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, 4 हफ्ते में मांगा जवाब - उत्तराखंड ताजा समाचार टुडे

हल्द्वानी में वक्फ ट्रिब्यूनल के (Kumaon Mandal Waqf Board Tribunal case) प्रथम सदस्य उप जिला अधिकारी नैनीताल के स्थान पर उनके समतुल्य किसी अन्य प्रशासनिक अधिकारी को नियुक्त करने का मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है. इस मामले में कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से चार सप्ताह में जवाब मांगा है.

Uttarakhand High Court
उत्तराखंड हाईकोर्ट
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Published : Jan 5, 2022, 4:55 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में वक्फ ट्रिब्यूनल के (Kumaon Mandal Waqf Board Tribunal case) प्रथम सदस्य उप जिला अधिकारी नैनीताल के स्थान पर उनके समतुल्य किसी अन्य प्रशासनिक अधिकारी को नियुक्त करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद चेयरमैन वक्फ बोर्ड, जिला अधिकारी नैनीताल और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड को चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

इस मामले में हल्द्वानी निवासी जावेद ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार ने कुमाऊं मंडल के वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल का गठन हल्द्वानी में 2016 में किया था. इसका प्रथम सदस्य उप जिला अधिकारी नैनीताल को नियुक्ति किया गया था.

पढ़ें- HC ने चुनाव आयोग और केंद्र से पूछा क्या रैलियां वर्चुअल और वोटिंग ऑनलाइन हो सकती है, 12 तक मांगा जवाब

निवासी जावेद ने कोर्ट को बताया कि उनका मुख्य कार्य वक्फ ट्रिब्यूनल में दायर वादों का निस्तारण करना है. परन्तु 2019 से अब तक उप जिलाधिकारी प्रशासनिक और अन्य कारणों में व्यस्त होने के कारण एक बार भी ट्रिब्यूनल में उपस्थित नहीं हुए. इस कारण दायर वादों की सुनवाई नहीं हो पाई और लोगों को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि उनकी जगह उनके समतुल्य हल्द्वानी में तैनात किसी अन्य अधिकारी को नियुक्त किया जाय, जिससे उनको समय पर न्याय मिल सके. याचिकाकर्ता द्वारा जिला अधिकारी नैनीताल, चेयरमैन वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल और वक्फ बोर्ड देहरादून को जनहित याचिका में पक्षकार बनाया गया है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में वक्फ ट्रिब्यूनल के (Kumaon Mandal Waqf Board Tribunal case) प्रथम सदस्य उप जिला अधिकारी नैनीताल के स्थान पर उनके समतुल्य किसी अन्य प्रशासनिक अधिकारी को नियुक्त करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद चेयरमैन वक्फ बोर्ड, जिला अधिकारी नैनीताल और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड को चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

इस मामले में हल्द्वानी निवासी जावेद ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार ने कुमाऊं मंडल के वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल का गठन हल्द्वानी में 2016 में किया था. इसका प्रथम सदस्य उप जिला अधिकारी नैनीताल को नियुक्ति किया गया था.

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निवासी जावेद ने कोर्ट को बताया कि उनका मुख्य कार्य वक्फ ट्रिब्यूनल में दायर वादों का निस्तारण करना है. परन्तु 2019 से अब तक उप जिलाधिकारी प्रशासनिक और अन्य कारणों में व्यस्त होने के कारण एक बार भी ट्रिब्यूनल में उपस्थित नहीं हुए. इस कारण दायर वादों की सुनवाई नहीं हो पाई और लोगों को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि उनकी जगह उनके समतुल्य हल्द्वानी में तैनात किसी अन्य अधिकारी को नियुक्त किया जाय, जिससे उनको समय पर न्याय मिल सके. याचिकाकर्ता द्वारा जिला अधिकारी नैनीताल, चेयरमैन वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल और वक्फ बोर्ड देहरादून को जनहित याचिका में पक्षकार बनाया गया है.

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