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सुसुवा नदी अवैध खनन मामले पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार जवाब तलब - Illegal mining in Susuwa river

सुसुवा नदी में हो रहे अवैध खनन मामले पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनया है. हाईकोर्ट ने इस तरह के मामलों की जांच के लिए कोर्ट कमिश्रर नियुक्त किया है. इस मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी.

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सुसुवा नदी अवैध खनन मामले पर हाईकोर्ट सख्त
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Published : Jul 17, 2023, 9:45 PM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट में आज देहरादून सुसवा नदी में हो रहे अवैध खनन मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन से हुए क्षतिग्रस्त पुलों का आज अखबारों में छपी खबरों के बाद स्वतः संज्ञान लिया. खासकर कोर्ट ने कोटद्वार पुल का संज्ञान लिया. जिसके खनन के कारण पुल के स्तम्भ क्षतिग्रस्त हो गए थे.

मामले में जिला खनन अधिकारी देहरादून स्वयं कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम पेश हुईं. उन्होंने कोर्ट को अवगत कराया कि जिस क्षेत्र में अवैध खनन हो रहा था वहां पर दो बार गठित निरीक्षण कमेटी भेजी गई. पानी के बहाव कारण निरीक्षण नहीं हो पाया. कोर्ट जिला माइनिंग कमेटी के जवाब से सन्तुष्ट नहीं हुआ. उनके इस वक्तव्य पर कोर्ट ने मामले की जांच के लिए कोर्ट कमिश्रर नियुक्त किया. जिनको अवैध खनन व पुलों के निरीक्षण की रिपोर्ट कोर्ट में आगामी नियत तिथि तक रिपोर्ट पेश करने को कहा गया. इस मामले पर कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए सभी पुलों व खनन स्थल का निरीक्षण करके रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी.

पढ़ें- मालन पुल के पिल्लरों में धंसाव शुरू, जल्द तैयार होगा विकल्प, वैली ब्रिज तैयार करेगा BRO

मामले के अनुसार कोटद्वार निवासी शिव सिंह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कोटद्वार में सुसवा नदी में धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है. जिससे नदी तट पर बसे लोगों को खतरा हो सकता है. याचिकाकर्ता ने कहा लगातार हाे रहे खनन से कुड़कावाला बुल्लावाला में सुसवा नदी पर बने पुल को खतरा बढ़ गया है. जिम्मेदार अधिकारी भी इसे लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं, बावजूद इसके खनन गतिविधियों पर रोक नहीं लग पायी है. अगर खनन जारी रहा तो ओपन फाउंडेशन तैयार यह पुल कभी भी गिर सकता है.

नैनीताल: हाईकोर्ट में आज देहरादून सुसवा नदी में हो रहे अवैध खनन मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन से हुए क्षतिग्रस्त पुलों का आज अखबारों में छपी खबरों के बाद स्वतः संज्ञान लिया. खासकर कोर्ट ने कोटद्वार पुल का संज्ञान लिया. जिसके खनन के कारण पुल के स्तम्भ क्षतिग्रस्त हो गए थे.

मामले में जिला खनन अधिकारी देहरादून स्वयं कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम पेश हुईं. उन्होंने कोर्ट को अवगत कराया कि जिस क्षेत्र में अवैध खनन हो रहा था वहां पर दो बार गठित निरीक्षण कमेटी भेजी गई. पानी के बहाव कारण निरीक्षण नहीं हो पाया. कोर्ट जिला माइनिंग कमेटी के जवाब से सन्तुष्ट नहीं हुआ. उनके इस वक्तव्य पर कोर्ट ने मामले की जांच के लिए कोर्ट कमिश्रर नियुक्त किया. जिनको अवैध खनन व पुलों के निरीक्षण की रिपोर्ट कोर्ट में आगामी नियत तिथि तक रिपोर्ट पेश करने को कहा गया. इस मामले पर कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए सभी पुलों व खनन स्थल का निरीक्षण करके रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी.

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मामले के अनुसार कोटद्वार निवासी शिव सिंह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कोटद्वार में सुसवा नदी में धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है. जिससे नदी तट पर बसे लोगों को खतरा हो सकता है. याचिकाकर्ता ने कहा लगातार हाे रहे खनन से कुड़कावाला बुल्लावाला में सुसवा नदी पर बने पुल को खतरा बढ़ गया है. जिम्मेदार अधिकारी भी इसे लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं, बावजूद इसके खनन गतिविधियों पर रोक नहीं लग पायी है. अगर खनन जारी रहा तो ओपन फाउंडेशन तैयार यह पुल कभी भी गिर सकता है.

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