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मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामला: हाईकोर्ट ने कॉलेज परिसर में सीसीटीवी कैमरे ठीक करने के दिए आदेश - High Court order in Ragnik case

हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज के 27 छात्रों के साथ रैगिंग किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को आदेश दिए हैं कि सभी परिसरों में खराब सीसीटीवी कैमरों को जल्द ठीक कराएं. कोर्ट ने प्रिंसिपल से पूछा है कि 18 मार्च को जिन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है वह किस आधार पर किया. कोर्ट ने मामले में एक सप्ताह के भीतर अपना शपथपत्र पेश करने के आदेश दिए हैं.

ragging case
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Mar 23, 2022, 2:18 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज के 27 छात्रों के साथ रैगिंग किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को आदेश दिए हैं कि सभी परिसरों में खराब सीसीटीवी कैमरों को जल्द ठीक कराएं. कोर्ट ने प्रिंसिपल से पूछा है कि 18 मार्च को जिन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है वह किस आधार पर किया. कोर्ट ने मामले में एक सप्ताह के भीतर अपना शपथपत्र पेश करने के आदेश दिए हैं.मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च की तिथि नियत की है.

पूर्व में कोर्ट ने मामले की जांच कराने हेतु कुमाऊं कमिश्नर व कुमाऊं डीआईजी की दो सदस्यी कमेटी गठित की थी और दो सप्ताह के भीतर जांच कर दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे. आज कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में जो शिकायतें थी वे सही पाई, कॉलेज परिसर में सीसीटीवी नहीं लगे हैं जो लगे है वे खराब हैं. वहीं प्रिंसिपल ने 18 मार्च को अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी सचिदानंद डबराल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में 27 छात्रों का सिर मुड़वाकर कर उनके साथ रैगिंग की गई.

पढ़ें-ऋषिकेश विधायक प्रेमचंद अग्रवाल को लेकर दायर याचिका पर HC में सुनवाई, जांच के आदेश

उनके पीछे बाकायदा एक सुरक्षा गार्ड भी चल रहा है. हालांकि, कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि उसके पास रैगिंग की कोई शिकायत नहीं आयी है. सुनवाई के दौरान याचिकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया था कि वायरल वीडियो में 27 छात्र एक लाइन में खड़े सिर मुड़वाये हुए हैं और सभी के हाथ पीछे की ओर हैं. एक गार्ड उनके पीछे खड़ा दिखाई दे रहा है. रैगिंग करना सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के विरुद्ध है. समाचार पत्रों में छपी खबर व वायरल वीडियो में पता लगा कि ये सभी छात्र एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र हैं.

पढ़ें-सूखाताल झील सौंदर्यीकरण मामला: HC ने KMVN, LDA और राज्य सरकार को किया तलब

प्रथम वर्ष के सभी स्टूडेंट्स को बाल कटवाने के निर्देश इनके सीनियर छात्रों ने दिए हैं. इस मामले को रैंगिंग से जोड़कर देखा जा रहा है. जहां तक छात्रों के बाल काटने का मामला है कॉलेज की तरफ से कहा जा रहा है कि छात्रों के सिर में डैंड्रफ व जूए पड़ गए थे, इसलिए इनके बाल मुड़वा दिये. याचिककर्ता के अधिवक्ता द्वारा वायरल वीडियो को कोर्ट में दिखाया गया था.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज के 27 छात्रों के साथ रैगिंग किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को आदेश दिए हैं कि सभी परिसरों में खराब सीसीटीवी कैमरों को जल्द ठीक कराएं. कोर्ट ने प्रिंसिपल से पूछा है कि 18 मार्च को जिन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है वह किस आधार पर किया. कोर्ट ने मामले में एक सप्ताह के भीतर अपना शपथपत्र पेश करने के आदेश दिए हैं.मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च की तिथि नियत की है.

पूर्व में कोर्ट ने मामले की जांच कराने हेतु कुमाऊं कमिश्नर व कुमाऊं डीआईजी की दो सदस्यी कमेटी गठित की थी और दो सप्ताह के भीतर जांच कर दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे. आज कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में जो शिकायतें थी वे सही पाई, कॉलेज परिसर में सीसीटीवी नहीं लगे हैं जो लगे है वे खराब हैं. वहीं प्रिंसिपल ने 18 मार्च को अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी सचिदानंद डबराल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में 27 छात्रों का सिर मुड़वाकर कर उनके साथ रैगिंग की गई.

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उनके पीछे बाकायदा एक सुरक्षा गार्ड भी चल रहा है. हालांकि, कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि उसके पास रैगिंग की कोई शिकायत नहीं आयी है. सुनवाई के दौरान याचिकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया था कि वायरल वीडियो में 27 छात्र एक लाइन में खड़े सिर मुड़वाये हुए हैं और सभी के हाथ पीछे की ओर हैं. एक गार्ड उनके पीछे खड़ा दिखाई दे रहा है. रैगिंग करना सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के विरुद्ध है. समाचार पत्रों में छपी खबर व वायरल वीडियो में पता लगा कि ये सभी छात्र एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र हैं.

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प्रथम वर्ष के सभी स्टूडेंट्स को बाल कटवाने के निर्देश इनके सीनियर छात्रों ने दिए हैं. इस मामले को रैंगिंग से जोड़कर देखा जा रहा है. जहां तक छात्रों के बाल काटने का मामला है कॉलेज की तरफ से कहा जा रहा है कि छात्रों के सिर में डैंड्रफ व जूए पड़ गए थे, इसलिए इनके बाल मुड़वा दिये. याचिककर्ता के अधिवक्ता द्वारा वायरल वीडियो को कोर्ट में दिखाया गया था.

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