ETV Bharat / state

हल्द्वानी की शानू शर्मा स्टोन और कैनवास पेंटिंग से बनीं आत्मनिर्भर, विदेशी छात्र भी सीख रहे हैं फाइन आर्ट

शानू शर्मा अपनी स्टोन और कैनवास पेंटिंग को जरिया बनाकर आत्मनिर्भर दूसरों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दे रही हैं. शानू पिछले चार सालों से फाइन आर्ट को लेकर कार्य कर रही हैं. इसके अलावा इस कला को सीखने के लिए करीब दर्जन छात्र विदेश से भी उनके साथ जुड़े हैं, जो भारतीय संस्कृति के साथ कुमाऊं की संस्कृति से रुबरु हो रहे हैं.

Shanu Sharma
शानू शर्मा
author img

By

Published : Jul 29, 2022, 4:28 PM IST

Updated : Jul 29, 2022, 5:21 PM IST

हल्द्वानीः अगर आप में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो हर मंजिल आसान हो जाती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हल्द्वानी के शानू शर्मा ने, जो निर्जीव पत्थरों पर अपने हुनर और कला के माध्यम से उसमें जान देने का काम कर रही हैं. शानू शर्मा अपनी स्टोन और कैनवास पेंटिंग को जरिया बनाकर आत्मनिर्भर दूसरों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दे रही हैं. शहर के मानपुर पश्चिम के चतुर विहार निवासी शानू शर्मा अपनी स्टोन और कैनवास पेंटिंग को नए मुकाम को लेकर जानी जाती हैं.

शानू अब तक तमाम प्रदर्शनियों में प्रतिभाग कर पुरस्कार जीत चुकी हैं. जबकि राष्ट्रीय स्तर की ऑनलाइन कला प्रदर्शनी 'द डार्क हॉर्स' बालासोर, ओडिशा में भी प्रतिभाग कर चुकी हैं. उनका मकसद है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर अपने सब्जेक्ट पर चित्रांकन कर देश का प्रतिनिधित्व करें. 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' सहित कई सामाजिक कुरीतियों पर भी उन्होंने कई तरह के पेंटिंग बनाई है जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता है.

हल्द्वानी की शानू शर्मा स्टोन और कैनवास पेंटिंग से बनीं आत्मनिर्भर.
ये भी पढ़ेंः रामनगर: जिम कॉर्बेट की बंदूक को जल्द मिलने जा रहा नया वारिस, सैलानी भी कर सकेंगे दीदार

एमएससी आईटी (इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) करने के बाद पिछले चार सालों से फाइन आर्ट को लेकर कार्य कर रही हैं. शानू ने बताया कि उनकी पेंटिग कुछ खास विषयों पर भी आधारित होती हैं, जो सामाजिक कुरीतियों को दर्शाती हैं. वहीं, पहाड़ी परिवेश और परिस्थतियों में भी उनकी खासी पकड़ है. पेंट, पेंसिल और चारकोल पर आधारित पेंटिंग से आज उन्हें देशभर से काफी ऑर्डर भी मिल रहे हैं. इसके अलावा इस कला को सीखने के लिए करीब दर्जन छात्र विदेश से भी उनके साथ जुड़े हैं, जो भारतीय संस्कृति के साथ कुमाऊं की संस्कृति से रूबरू हो रहे हैं.

हल्द्वानीः अगर आप में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो हर मंजिल आसान हो जाती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हल्द्वानी के शानू शर्मा ने, जो निर्जीव पत्थरों पर अपने हुनर और कला के माध्यम से उसमें जान देने का काम कर रही हैं. शानू शर्मा अपनी स्टोन और कैनवास पेंटिंग को जरिया बनाकर आत्मनिर्भर दूसरों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दे रही हैं. शहर के मानपुर पश्चिम के चतुर विहार निवासी शानू शर्मा अपनी स्टोन और कैनवास पेंटिंग को नए मुकाम को लेकर जानी जाती हैं.

शानू अब तक तमाम प्रदर्शनियों में प्रतिभाग कर पुरस्कार जीत चुकी हैं. जबकि राष्ट्रीय स्तर की ऑनलाइन कला प्रदर्शनी 'द डार्क हॉर्स' बालासोर, ओडिशा में भी प्रतिभाग कर चुकी हैं. उनका मकसद है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर अपने सब्जेक्ट पर चित्रांकन कर देश का प्रतिनिधित्व करें. 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' सहित कई सामाजिक कुरीतियों पर भी उन्होंने कई तरह के पेंटिंग बनाई है जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता है.

हल्द्वानी की शानू शर्मा स्टोन और कैनवास पेंटिंग से बनीं आत्मनिर्भर.
ये भी पढ़ेंः रामनगर: जिम कॉर्बेट की बंदूक को जल्द मिलने जा रहा नया वारिस, सैलानी भी कर सकेंगे दीदार

एमएससी आईटी (इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) करने के बाद पिछले चार सालों से फाइन आर्ट को लेकर कार्य कर रही हैं. शानू ने बताया कि उनकी पेंटिग कुछ खास विषयों पर भी आधारित होती हैं, जो सामाजिक कुरीतियों को दर्शाती हैं. वहीं, पहाड़ी परिवेश और परिस्थतियों में भी उनकी खासी पकड़ है. पेंट, पेंसिल और चारकोल पर आधारित पेंटिंग से आज उन्हें देशभर से काफी ऑर्डर भी मिल रहे हैं. इसके अलावा इस कला को सीखने के लिए करीब दर्जन छात्र विदेश से भी उनके साथ जुड़े हैं, जो भारतीय संस्कृति के साथ कुमाऊं की संस्कृति से रूबरू हो रहे हैं.

Last Updated : Jul 29, 2022, 5:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.