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विधायक सुमित हृदयेश ने मॉनसून सत्र को बताया दिखावा, कहा- अपनी जिम्मेदारी से भाग रही सरकार

Sumit Hridayesh on Monsoon Session आगामी मॉनसून सत्र को लेकर कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने सरकार को घेरा है. उनका आरोप है कि सरकार सत्र मात्र दिखावे के लिए आहूत कर रही है. इतने कम समय के सत्र में प्रदेश के विकास के मुद्दों पर चर्चा कैसे होगी? जब भी विधायकों के सवालों का जवाब देने का समय आता है, सत्र को समाप्त कर दिया जाता है. सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है.

Haldwani MLA Sumit Hridayesh
हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 1, 2023, 4:48 PM IST

हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश का बयान

हल्द्वानीः उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र आगामी 5 सितंबर से देहरादून में होने जा रहा है. लेकिन विपक्ष के विधायक सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं. हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने भी सरकार पर विधानसभा सत्र के नाम पर केवल खानापूर्ति का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सरकार हर बार सत्र तो आहूत करती है, लेकिन विधायकों के जवाब देने के समय सत्र को समाप्त कर दिया जाता है. इसके अलावा जब प्रदेश के विकास के मुद्दों की चर्चा होती है, उस समय मुख्यमंत्री जवाब नहीं देते हैं.

विपक्ष के विधायकों को नहीं दिया जाता पूरा समयः हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने आरोप लगाया कि इस बार भी 600 से ज्यादा प्रश्न विधायकों ने लगाए हैं, लेकिन कभी भी विधानसभा सत्र पूरा न चलकर आधे में समाप्त कर दिया जाता है और विपक्ष के विधायकों को पूरा समय नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में विधानसभा सत्र कई हफ्ते तक आयोजित होता है. वहां जनता से जुड़ी समस्याओं पर एक-एक कर चर्चा होती है, लेकिन उत्तराखंड में ऐसा नहीं होता है.
ये भी पढ़ेंः खास होगा उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र, पटल पर रखे जाएंगे कई विधेयक, अनुपूरक बजट पर भी रहेगी नजर

विधानसभा सत्र के नाम पर होती है खानापूर्तिः विधायक सुमित हृदयेश का कहना है कि यहां सरकार और मुख्यमंत्री केवल विधानसभा सत्र के नाम पर हमेशा से खानापूर्ति करते नजर आए हैं. 600 से ज्यादा सवाल सत्र के 3 दिनों में कैसे उठाये जा सकते हैं? इस पर सरकार को सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि ज्यादातर विभाग मुख्यमंत्री के पास हैं. ऐसे में विधानसभा सत्र के दौरान कई विभागों के जवाब भी विधायकों को नहीं मिल पाते हैं.

सत्र की अवधि को बढ़ाया जाए, इन मुद्दों पर घेरेगा विपक्षः सरकार को चाहिए कि विधानसभा सत्र अवधि को ज्यादा रखा जाए. ताकि, विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं को सरकार के समक्ष रख सकें. उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र को लेकर विपक्ष एकजुट है और इसको लेकर विपक्ष के विधायकों की जल्द बैठक होने जा रही है. सुमित हृदयेश का कहना है कि इस बार विधानसभा सत्र में अतिक्रमण और आपदा मुख्य मुद्दा रहेगा.
ये भी पढ़ेंः आपदा के प्रबंधन में फेल हुई सरकार, 'डबल इंजन' पर सुमित हृदयेश ने कसा तंज

हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश का बयान

हल्द्वानीः उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र आगामी 5 सितंबर से देहरादून में होने जा रहा है. लेकिन विपक्ष के विधायक सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं. हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने भी सरकार पर विधानसभा सत्र के नाम पर केवल खानापूर्ति का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सरकार हर बार सत्र तो आहूत करती है, लेकिन विधायकों के जवाब देने के समय सत्र को समाप्त कर दिया जाता है. इसके अलावा जब प्रदेश के विकास के मुद्दों की चर्चा होती है, उस समय मुख्यमंत्री जवाब नहीं देते हैं.

विपक्ष के विधायकों को नहीं दिया जाता पूरा समयः हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने आरोप लगाया कि इस बार भी 600 से ज्यादा प्रश्न विधायकों ने लगाए हैं, लेकिन कभी भी विधानसभा सत्र पूरा न चलकर आधे में समाप्त कर दिया जाता है और विपक्ष के विधायकों को पूरा समय नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में विधानसभा सत्र कई हफ्ते तक आयोजित होता है. वहां जनता से जुड़ी समस्याओं पर एक-एक कर चर्चा होती है, लेकिन उत्तराखंड में ऐसा नहीं होता है.
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विधानसभा सत्र के नाम पर होती है खानापूर्तिः विधायक सुमित हृदयेश का कहना है कि यहां सरकार और मुख्यमंत्री केवल विधानसभा सत्र के नाम पर हमेशा से खानापूर्ति करते नजर आए हैं. 600 से ज्यादा सवाल सत्र के 3 दिनों में कैसे उठाये जा सकते हैं? इस पर सरकार को सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि ज्यादातर विभाग मुख्यमंत्री के पास हैं. ऐसे में विधानसभा सत्र के दौरान कई विभागों के जवाब भी विधायकों को नहीं मिल पाते हैं.

सत्र की अवधि को बढ़ाया जाए, इन मुद्दों पर घेरेगा विपक्षः सरकार को चाहिए कि विधानसभा सत्र अवधि को ज्यादा रखा जाए. ताकि, विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं को सरकार के समक्ष रख सकें. उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र को लेकर विपक्ष एकजुट है और इसको लेकर विपक्ष के विधायकों की जल्द बैठक होने जा रही है. सुमित हृदयेश का कहना है कि इस बार विधानसभा सत्र में अतिक्रमण और आपदा मुख्य मुद्दा रहेगा.
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