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दिव्यांगों के लिए प्रेरणा हैं अली हसन, काम से किया कमाल, जज्बे को हर कोई कर रहा सलाम

Haldwani divyang Ali Hasan हल्द्वानी के अली हसन दिव्यांगों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं. अली हसन के दोनों पैर बचपन से ही खराब हैं. इसके बाद भी अली हसन आत्मनिर्भर हैं. अली हसन तिकोनिया की एक शॉप पर पिछले 6 सालों से पंचर जोड़ने का काम करते हैं.

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दिव्यांगों के लिए प्रेरणा है अली हसन
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 6, 2023, 11:30 AM IST

Updated : Dec 6, 2023, 12:06 PM IST

दिव्यांगों के लिए प्रेरणा है अली हसन

हल्द्वानी: कहते हैं हौसला बुलंद हो तो हर मंजिल आसान होती है. ये कहावत हल्द्वानी के रहने वाले दिव्यांग अली हसन पर सटीक बैठती है. अली हसन दोनों पैरों से दिव्यांग हैं. इसके बावजूद अली हसन दिन रात मेहनत कर अपनी दो जून की रोटी का जुगाड़ करते हैं. अली हसन हल्द्वानी में मेकेनिक का काम करते हैं. वे छोटी गाड़ियों से लेकर बड़ी गाड़ियों तक के पंचर मिनटों में जोड़ देता हैं.

हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र के रहने वाले अली हसन दोनों पैरों से दिव्यांग हैं. लेकिन इनके जीवन में दिव्यांगता आड़े नहीं आ रही है. दिव्यांग अली हसन के बचपन से दोनों पर खराब हैं. अली हसन अपनी दिव्यांगता को दरकिनार करते हुए पिछले 6 सालों से हल्द्वानी में गाड़ियों का पंचर जोड़कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं. अली हसन के इस जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है. अली तिकोनिया की एक शॉप पर पिछले 6 सालों से पंचर जोड़ने का काम करते हैं. वह खुद आत्मनिर्भर तो हैं ही साथ में परिवार का खर्च भी उठाते हैं. यही नहीं अली हसन के शरीर में इतनी फुर्ती है कि वह छोटी गाड़ियों से लेकर जेसीबी मशीन तक के टायर के पंचर मिनट में जोड़ देते हैं.

पढे़ं- उत्तराखंड में निवेश 'क्रांति', ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले समझिए मेन Key Words के मायने

अली हसन का कहना है कि अक्सर देखा जाता है कि लोग दिव्यांगता का फायदा उठाकर भिक्षा मांगते हैं लेकिन अगर वही व्यक्ति हिम्मत रखकर कोई काम करता है तो उसमें कोई बुराई नहीं है. अली हसन के मुताबिक उसने पढ़ने की कोशिश की लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते आगे की पढ़ाई नहीं कर पाये. उन्होंने टायर पंचर को अपना रोजगार का जरिया बनाया. जिससे आज वह आत्मनिर्भर हैं. अली हसन ने लोगों की सोच बदलते हुए ना सिर्फ खुद की ज़िंदगी संवारी बल्कि अन्य दिव्यांगों के लिए भी एक नई राह दिखाई है. दुकान पर आने वाले ग्राहक भी अली हसन की मेहनत का तारीफ करते हैं. हर कोई अली के जज्बे को सलाम करता है.

दिव्यांगों के लिए प्रेरणा है अली हसन

हल्द्वानी: कहते हैं हौसला बुलंद हो तो हर मंजिल आसान होती है. ये कहावत हल्द्वानी के रहने वाले दिव्यांग अली हसन पर सटीक बैठती है. अली हसन दोनों पैरों से दिव्यांग हैं. इसके बावजूद अली हसन दिन रात मेहनत कर अपनी दो जून की रोटी का जुगाड़ करते हैं. अली हसन हल्द्वानी में मेकेनिक का काम करते हैं. वे छोटी गाड़ियों से लेकर बड़ी गाड़ियों तक के पंचर मिनटों में जोड़ देता हैं.

हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र के रहने वाले अली हसन दोनों पैरों से दिव्यांग हैं. लेकिन इनके जीवन में दिव्यांगता आड़े नहीं आ रही है. दिव्यांग अली हसन के बचपन से दोनों पर खराब हैं. अली हसन अपनी दिव्यांगता को दरकिनार करते हुए पिछले 6 सालों से हल्द्वानी में गाड़ियों का पंचर जोड़कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं. अली हसन के इस जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है. अली तिकोनिया की एक शॉप पर पिछले 6 सालों से पंचर जोड़ने का काम करते हैं. वह खुद आत्मनिर्भर तो हैं ही साथ में परिवार का खर्च भी उठाते हैं. यही नहीं अली हसन के शरीर में इतनी फुर्ती है कि वह छोटी गाड़ियों से लेकर जेसीबी मशीन तक के टायर के पंचर मिनट में जोड़ देते हैं.

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अली हसन का कहना है कि अक्सर देखा जाता है कि लोग दिव्यांगता का फायदा उठाकर भिक्षा मांगते हैं लेकिन अगर वही व्यक्ति हिम्मत रखकर कोई काम करता है तो उसमें कोई बुराई नहीं है. अली हसन के मुताबिक उसने पढ़ने की कोशिश की लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते आगे की पढ़ाई नहीं कर पाये. उन्होंने टायर पंचर को अपना रोजगार का जरिया बनाया. जिससे आज वह आत्मनिर्भर हैं. अली हसन ने लोगों की सोच बदलते हुए ना सिर्फ खुद की ज़िंदगी संवारी बल्कि अन्य दिव्यांगों के लिए भी एक नई राह दिखाई है. दुकान पर आने वाले ग्राहक भी अली हसन की मेहनत का तारीफ करते हैं. हर कोई अली के जज्बे को सलाम करता है.

Last Updated : Dec 6, 2023, 12:06 PM IST
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