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हल्द्वानी बार एसोसिएशन ने HC शिफ्ट करने का किया समर्थन, गौलापार को बताया मुफीद

हल्द्वानी बार एसोसिएशन (Haldwani Bar Association) ने हाईकोर्ट को गौलापार क्षेत्र में शिफ्ट (High Court shift in Gaulapar area) किये जाने का समर्थन किया है. हल्द्वानी बार एसोसिएशन का कहना है यहां हाईकोर्ट और उससे जुड़ी सभी व्यवस्थाएं हैं. बागेश्वर और पिथौरागढ़ बार एसोसिएशन ने भी हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने को लेकर समर्थन दिया है.

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हल्द्वानी बार एसोसिएशन ने हाई कोर्ट शिफ्ट का किया समर्थन
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Published : Nov 10, 2022, 5:00 PM IST

हल्द्वानी: नैनीताल हाईकोर्ट को हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में शिफ्ट किए जाने की कवायद के चलते बार एसोसिएशन के अलग-अलग सुर सामने आ रहे हैं. अब हल्द्वानी बार एसोसिएशन ने नैनीताल से हाईकोर्ट गौलापार हल्द्वानी शिफ्ट करने का समर्थन किया है. बार एसोसिएशन ने कहा हल्द्वानी में हाईकोर्ट के शिफ्ट होने से वादियों को सुलभ न्याय उपलब्ध हो पाएगा.

हल्द्वानी बार एसोसिएशन ने कहा वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए वादियों को नैनीताल जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पर्यटन सीजन हो या फिर बरसात में मार्ग बाधित होने की वजह से कई तरह की दिक्कतें होती हैं. अगर हाईकोर्ट हल्द्वानी में शिफ्ट होता है तो यहां वादियों के लिए सभी प्रकार की सुलभ व्यवस्थाएं हैं.

हल्द्वानी बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट शिफ्ट का किया समर्थन.

बागेश्वर और पिथौरागढ़ बार एसोसिएशन ने भी हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने को लेकर समर्थन दिया है. हल्द्वानी बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्षों ने कहा की वर्तमान परिस्थिति के हिसाब से हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट किया जाना चाहिए. बार एसोसिएशन ने कहा हल्द्वानी शहर में हाईकोर्ट लाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.

पढे़ं-नैनीताल हाईकोर्ट विस्थापन का विरोध, सामाजिक संगठनों ने निकाला जुलूस

बता दें हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की पीछे सबसे बड़ा कारण नैनीताल की भौगोलिक स्थिति है. क्योंकि, यहां पहाड़ दरकने और प्राकृतिक आपदा से लैंडस्लाइड की स्थिति और पूरे शहर में पर्यटकों की भारी आवाजाही से फैली अव्यवस्थाओं की वजह से हाईकोर्ट शिफ्ट किया जाएगा. इतना ही नहीं नैनीताल हाईकोर्ट में 5 की जगह अब 11 जजों की पीठ के लिए आवश्यकता अनुसार भारी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी भी एक बड़ा कारण हैं. वही, सर्दी और बरसात में आवाजाही की भारी दिक्कत भी है. पर्यटन नगरी की वजह से आए दिन कोर्ट रोड पर लंबा जाम लगा रहा है.

पढे़ं- नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की कवायद तेज

इसके साथ ही राज्य और देश के अन्य हिस्सों से आने वाले वकीलों और अपीलार्थियों से जुड़ी व्यावहारिक समस्याएं दिनों दिन बढ़ती जा रही है. जहां पहले 5 हजार अधिवक्ता हाई कोर्ट पैरवी के लिए रजिस्टर्ड थे. अब 20 हजार से अधिक अधिवक्ता रजिस्टर्ड हो गए हैं. ऐसे में आने वाले समय में नैनीताल हाईकोर्ट में संचालन के लिहाज से पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है.

पढे़ं- हाईकोर्ट शिफ्टिंग मुद्दे की बैठक में हुआ जोरदार हंगामा, नैनीताल में भिड़े वकीलों के दो गुट

इन्हीं, सब कारणों से अब हाईकोर्ट को नैनीताल से 30 किलोमीटर नीचे हल्द्वानी में शिफ्ट करने की कवायद तेज कर दी गई है. हालांकि, इसका विरोध भी कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा है. जिसके बारे में उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्यों का कहना है कि यह चंद लोगों के निजी स्वार्थ से जुड़ा मामला है. जिस पर राजनीति हो रही है. जबकि, प्रदेश भर के अधिकांश अधिवक्ताओं और हाईकोर्ट प्रशासन का भी मत हल्द्वानी में योजनाबद्ध तरीके से एक व्यवस्थित हाईकोर्ट परिसर स्थापित करने का है.

हल्द्वानी: नैनीताल हाईकोर्ट को हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में शिफ्ट किए जाने की कवायद के चलते बार एसोसिएशन के अलग-अलग सुर सामने आ रहे हैं. अब हल्द्वानी बार एसोसिएशन ने नैनीताल से हाईकोर्ट गौलापार हल्द्वानी शिफ्ट करने का समर्थन किया है. बार एसोसिएशन ने कहा हल्द्वानी में हाईकोर्ट के शिफ्ट होने से वादियों को सुलभ न्याय उपलब्ध हो पाएगा.

हल्द्वानी बार एसोसिएशन ने कहा वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए वादियों को नैनीताल जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पर्यटन सीजन हो या फिर बरसात में मार्ग बाधित होने की वजह से कई तरह की दिक्कतें होती हैं. अगर हाईकोर्ट हल्द्वानी में शिफ्ट होता है तो यहां वादियों के लिए सभी प्रकार की सुलभ व्यवस्थाएं हैं.

हल्द्वानी बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट शिफ्ट का किया समर्थन.

बागेश्वर और पिथौरागढ़ बार एसोसिएशन ने भी हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने को लेकर समर्थन दिया है. हल्द्वानी बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्षों ने कहा की वर्तमान परिस्थिति के हिसाब से हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट किया जाना चाहिए. बार एसोसिएशन ने कहा हल्द्वानी शहर में हाईकोर्ट लाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.

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बता दें हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की पीछे सबसे बड़ा कारण नैनीताल की भौगोलिक स्थिति है. क्योंकि, यहां पहाड़ दरकने और प्राकृतिक आपदा से लैंडस्लाइड की स्थिति और पूरे शहर में पर्यटकों की भारी आवाजाही से फैली अव्यवस्थाओं की वजह से हाईकोर्ट शिफ्ट किया जाएगा. इतना ही नहीं नैनीताल हाईकोर्ट में 5 की जगह अब 11 जजों की पीठ के लिए आवश्यकता अनुसार भारी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी भी एक बड़ा कारण हैं. वही, सर्दी और बरसात में आवाजाही की भारी दिक्कत भी है. पर्यटन नगरी की वजह से आए दिन कोर्ट रोड पर लंबा जाम लगा रहा है.

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इसके साथ ही राज्य और देश के अन्य हिस्सों से आने वाले वकीलों और अपीलार्थियों से जुड़ी व्यावहारिक समस्याएं दिनों दिन बढ़ती जा रही है. जहां पहले 5 हजार अधिवक्ता हाई कोर्ट पैरवी के लिए रजिस्टर्ड थे. अब 20 हजार से अधिक अधिवक्ता रजिस्टर्ड हो गए हैं. ऐसे में आने वाले समय में नैनीताल हाईकोर्ट में संचालन के लिहाज से पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है.

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इन्हीं, सब कारणों से अब हाईकोर्ट को नैनीताल से 30 किलोमीटर नीचे हल्द्वानी में शिफ्ट करने की कवायद तेज कर दी गई है. हालांकि, इसका विरोध भी कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा है. जिसके बारे में उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्यों का कहना है कि यह चंद लोगों के निजी स्वार्थ से जुड़ा मामला है. जिस पर राजनीति हो रही है. जबकि, प्रदेश भर के अधिकांश अधिवक्ताओं और हाईकोर्ट प्रशासन का भी मत हल्द्वानी में योजनाबद्ध तरीके से एक व्यवस्थित हाईकोर्ट परिसर स्थापित करने का है.

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