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अधर में लटका हल्दूचौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का कार्य, ये है वजह - Haldwani News

हल्दूचौड़ में 30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आज तक नहीं बन पाया है. वहीं, स्थानीय विधायक नवीन दुम्का का कहना है कि हॉस्पिटल निर्माण के लिए बजट की कोई कमी नहीं है.

Haldwani
हल्दूचौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
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Published : Oct 26, 2021, 11:00 AM IST

Updated : Oct 26, 2021, 11:16 AM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है. कई अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं तो कहीं पर अस्पताल भवन तक नहीं हैं. प्रदेश सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के बड़े-बड़े दावे तो करती है, लेकिन इसकी हकीकत हल्द्वानी से महज 10 किलोमीटर दूर देखने को मिल जाती है. जिसका लाभ स्थानीय जनता को आज तक नहीं मिल पाया है.

गौर हो कि हल्दूचौड़ में जनता की सुविधाओं को देखते हुए पूर्व की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 30 बेड का सरकारी हॉस्पिटल का शिलान्यास किया. हॉस्पिटल निर्माण करने के लिए सरकार ने बजट भी जारी किया और हॉस्पिटल को 18 महीने में तैयार होना था, लेकिन आज 6 साल बाद भी लोगों को हॉस्पिटल का लाभ नहीं मिल पाया है.

अधर में लटका हॉस्पिटल का कार्य.

पढ़ें-उत्तराखंड: रेरा कानून का हो रहा उल्लंघन, सरकार को लग रहा करोड़ों का 'चूना'

करोड़ों के खर्च करने के बाद भी हॉस्पिटल का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. हॉस्पिटल निर्माण कार्य के लिए ठेकेदार ने हाथ खड़े कर दिए हैं और अब विभाग को ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करना पड़ा है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि हॉस्पिटल निर्माण में और देरी हो सकती हैं. लेकिन विधायक ने दावा किया है कि हॉस्पिटल का निर्माण जल्द शुरू कर दिया जाएगा.

साल 2016 में तत्कालीन श्रम मंत्री और स्थानीय विधायक हरीश चंद्र दुर्गापाल के प्रयासों से तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र नेगी, वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश द्वारा हल्दूचौड़ में 30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की नींव रखीं थी. करीब 7 करोड़ 89 लाख रुपए से बनने वाले अस्पताल का निर्माण का जिम्मा उत्तराखंड राज्य स्थापना विकास निगम यानी (ब्रीडकुल) को दी गई.

अस्पताल निर्माण का काम 18 महीने में पूरा कर इसे जनता को समर्पित किया जाना था. लेकिन छह साल बाद भी अस्पताल जनता को समर्पित नहीं हो पाया है जबकि अभी तक मात्र 75% ही निर्माण कार्य हो पाया है. स्थानीय विधायक नवीन दुम्का का कहना है कि हॉस्पिटल निर्माण के लिए बजट की कोई कमी नहीं है.

पढ़ें-किसानों को अभी तक नहीं हुआ धान खरीद का भुगतान, हाईकोर्ट जाने की दी चेतावनी

वहीं, पिछले ठेकेदार द्वारा हॉस्पिटल निर्माण में हाथ खड़े कर देने के बाद उक्त ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया गया है. हॉस्पिटल के आवासीय भवन का निर्माण किया जाना है. भूमि हस्तांतरण की अड़चन थी, जिसको खत्म कर लिया गया है. करीब 4 करोड़ 51 लाख रुपए की लागत से आवासीय भवन का भी निर्माण होना है और जल्द काम शुरू कर दिया जाएगा.

हल्द्वानी: उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है. कई अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं तो कहीं पर अस्पताल भवन तक नहीं हैं. प्रदेश सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के बड़े-बड़े दावे तो करती है, लेकिन इसकी हकीकत हल्द्वानी से महज 10 किलोमीटर दूर देखने को मिल जाती है. जिसका लाभ स्थानीय जनता को आज तक नहीं मिल पाया है.

गौर हो कि हल्दूचौड़ में जनता की सुविधाओं को देखते हुए पूर्व की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 30 बेड का सरकारी हॉस्पिटल का शिलान्यास किया. हॉस्पिटल निर्माण करने के लिए सरकार ने बजट भी जारी किया और हॉस्पिटल को 18 महीने में तैयार होना था, लेकिन आज 6 साल बाद भी लोगों को हॉस्पिटल का लाभ नहीं मिल पाया है.

अधर में लटका हॉस्पिटल का कार्य.

पढ़ें-उत्तराखंड: रेरा कानून का हो रहा उल्लंघन, सरकार को लग रहा करोड़ों का 'चूना'

करोड़ों के खर्च करने के बाद भी हॉस्पिटल का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. हॉस्पिटल निर्माण कार्य के लिए ठेकेदार ने हाथ खड़े कर दिए हैं और अब विभाग को ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करना पड़ा है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि हॉस्पिटल निर्माण में और देरी हो सकती हैं. लेकिन विधायक ने दावा किया है कि हॉस्पिटल का निर्माण जल्द शुरू कर दिया जाएगा.

साल 2016 में तत्कालीन श्रम मंत्री और स्थानीय विधायक हरीश चंद्र दुर्गापाल के प्रयासों से तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र नेगी, वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश द्वारा हल्दूचौड़ में 30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की नींव रखीं थी. करीब 7 करोड़ 89 लाख रुपए से बनने वाले अस्पताल का निर्माण का जिम्मा उत्तराखंड राज्य स्थापना विकास निगम यानी (ब्रीडकुल) को दी गई.

अस्पताल निर्माण का काम 18 महीने में पूरा कर इसे जनता को समर्पित किया जाना था. लेकिन छह साल बाद भी अस्पताल जनता को समर्पित नहीं हो पाया है जबकि अभी तक मात्र 75% ही निर्माण कार्य हो पाया है. स्थानीय विधायक नवीन दुम्का का कहना है कि हॉस्पिटल निर्माण के लिए बजट की कोई कमी नहीं है.

पढ़ें-किसानों को अभी तक नहीं हुआ धान खरीद का भुगतान, हाईकोर्ट जाने की दी चेतावनी

वहीं, पिछले ठेकेदार द्वारा हॉस्पिटल निर्माण में हाथ खड़े कर देने के बाद उक्त ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया गया है. हॉस्पिटल के आवासीय भवन का निर्माण किया जाना है. भूमि हस्तांतरण की अड़चन थी, जिसको खत्म कर लिया गया है. करीब 4 करोड़ 51 लाख रुपए की लागत से आवासीय भवन का भी निर्माण होना है और जल्द काम शुरू कर दिया जाएगा.

Last Updated : Oct 26, 2021, 11:16 AM IST
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