हल्द्वानी: उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 11 फरवरी से प्रस्तावित है. जिसके लिये सरकार ने पूरी तैयारियां कर ली है. वहीं इस बजट से प्रदेश की जनता को काफी उम्मीदें हैं. वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके हरीश चंद्र दुर्गापाल का कहना है कि आने वाले प्रदेश के बजट से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. इस बजट में किसानों के लिए अलग से बजट जारी किया जाना चाहिए, जिससे कि गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान किया जा सके.
हरीश चंद्र दुर्गापाल ने मीडिया से बात करते हुये कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों के ऋण माफ करने की बात कही थी, लेकिन किसान के हालात और खराब हो चुके हैं. किसान आत्महत्या कर रहा है, ऐसे में किसानों को ऋण माफी के लिए अलग से बजट का प्रावधान होना चाहिए. पिछली सरकार द्वारा चलाई गई कई कल्याणकारी योजनाओं को पूरा करने के लिए अलग से बजट का प्रावधान होना चाहिए. पिछले सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्य अभी भी अधूरे पड़े हुए हैं जो बजट के अभाव में ठप हो गए हैं. साथ ही उन कामों को जारी रखने के लिए अलग से बजट दिया जाना चाहिये जिससे पुराने विकास कार्य में तेजी लाई जा सके.
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उन्होंने कहा कि पहाड़ से पलायन प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या है, इसके लिए सरकार को गंभीर होना पड़ेगा. पर्वतीय जनपदों को और आकर्षण बनाने की जरूरत है पर्यटन और होटल व्यवसाय के लिए अलग से पैकेज होना चाहिए. जिससे कि स्थानीय लोग स्वरोजगार के लिए आगे आएंगे. उन्होंने कहा कि वीर चंद्र गढ़वाली, होम स्टे योजना के अंतर्गत शत-प्रतिशत पात्रों को ऋण मिलना चाहिए और उनके सब्सिडी को तुरंत देना चाहिए. जिससे कि लोगों को स्वरोजगार मिल सके और पहाड़ से पलायन रुके जिसके लिए सरकार को अलग से बजट जारी करना चाहिए.