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हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में सर्जरी कराने के लिए पांच महीने की वेटिंग, मरीज हलकान - सुशीला तिवारी अस्पताल में सर्जरी

उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है. डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बात अगर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी हॉस्पिटल की करें तो यहां हाल और भी खराब हैं. यहां सर्जरी कराने वाले मरीजों को तीन से पांच महीने भी इंतजार करना पड़ेगा.

sushila tiwari hospital
सुशीला तिवारी अस्पताल समाचार
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Published : Mar 23, 2023, 8:28 AM IST

Updated : Mar 23, 2023, 10:55 AM IST

हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के लिए पांच महीने की वेटिंग

हल्द्वानी: कुमाऊं के सबसे बड़े हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में सर्जरी कराने के लिए मरीजों को लंबी वेटिंग का इंतजार करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि अस्पताल में लगातार बढ़ती मरीजों की संख्या और डॉक्टरों की कमी के कारण सर्जरी कराने वाले मरीजों के लिए समस्या खड़ी हो गई है. ऐसे में अस्पताल में लंबी तारीख मिलने के बाद लोग मजबूरन निजी अस्पतालों की शरण ले रहे हैं या जिंदगी और मौत से लड़ते हुए अपनी सर्जरी का इंतजार कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि ऑपरेशन के लिए कई मरीजों को तीन माह से लेकर पांच माह तक का इंतजार करना पड़ रहा है.

तुरंत सर्जरी होना नहीं है संभव: अस्पताल के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि अस्पताल में लगातार सर्जरी के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है. उन्होंने बताया कि इमरजेंसी मरीजों की प्राथमिकता के आधार पर डॉक्टर द्वारा तुरंत ऑपरेशन कर दिया जाता है. लेकिन कई मामलों में मरीजों को समय देना पड़ता है. उन्होंने बताया कि कई विभागों में सर्जरी सप्ताह में एक या दो दिन होती है. सुशीला तिवारी अस्पताल में अधिकतर मरीज रेफर होकर आते हैं. ऐसे में मरीजों की तुरंत सर्जरी होना संभव नहीं हो पाता. ऐसे में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सर्जरी के लिए आगे की तारीख की दे दी जाती है.

सप्ताह में केवल एक दिन होती है सर्जरी: उन्होंने बताया कि ऑर्थो और ईएनटी की सर्जरी में लंबी डेट दी जा रही है, क्योंकि डॉक्टरों को ओपीडी भी देखनी होती है. उन्होंने बताया कि हर डिपार्टमेंट के पास ओपीडी के साथ-साथ सर्जरी की भी जिम्मेदारी होती है. सप्ताह में 2 से 3 दिन सर्जरी की जाती है, लेकिन डॉक्टर द्वारा कोशिश की जाती है कि ज्यादा से ज्यादा सर्जरी हो जिससे कि लोगों को राहत मिल सके. उन्होंने बताया कि न्यूरो विभाग में भी बड़ी संख्या में लोग सर्जरी के लिए आते हैं लेकिन सप्ताह में केवल 1 दिन सर्जरी की जाती है.
पढ़ें: सीएम धामी ने 824 एएनएम को सौंपे नियुक्ति पत्र, अगले महीने मिलेंगे 300 डॉक्टर

डॉक्टरों है कमी: अस्पताल के प्राचार्य डॉ. जोशी ने बताया कि सुशीला तिवारी अस्पताल में रोजाना 1500 से अधिक मरीज ओपीडी के लिए आ रहे हैं. ऐसे में डॉक्टरों का अधिकतर समय ओपीडी में चला जाता है. इसके अलावा अस्पताल में डॉक्टरों की भी कमी है, जिसको पूरा करने के लिए शासन स्तर पर कार्रवाई चल रही है. डॉक्टरों की कमी पूरी होते ही सर्जरी के कामों में तेजी लाई जाएगी.

हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के लिए पांच महीने की वेटिंग

हल्द्वानी: कुमाऊं के सबसे बड़े हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में सर्जरी कराने के लिए मरीजों को लंबी वेटिंग का इंतजार करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि अस्पताल में लगातार बढ़ती मरीजों की संख्या और डॉक्टरों की कमी के कारण सर्जरी कराने वाले मरीजों के लिए समस्या खड़ी हो गई है. ऐसे में अस्पताल में लंबी तारीख मिलने के बाद लोग मजबूरन निजी अस्पतालों की शरण ले रहे हैं या जिंदगी और मौत से लड़ते हुए अपनी सर्जरी का इंतजार कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि ऑपरेशन के लिए कई मरीजों को तीन माह से लेकर पांच माह तक का इंतजार करना पड़ रहा है.

तुरंत सर्जरी होना नहीं है संभव: अस्पताल के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि अस्पताल में लगातार सर्जरी के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है. उन्होंने बताया कि इमरजेंसी मरीजों की प्राथमिकता के आधार पर डॉक्टर द्वारा तुरंत ऑपरेशन कर दिया जाता है. लेकिन कई मामलों में मरीजों को समय देना पड़ता है. उन्होंने बताया कि कई विभागों में सर्जरी सप्ताह में एक या दो दिन होती है. सुशीला तिवारी अस्पताल में अधिकतर मरीज रेफर होकर आते हैं. ऐसे में मरीजों की तुरंत सर्जरी होना संभव नहीं हो पाता. ऐसे में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सर्जरी के लिए आगे की तारीख की दे दी जाती है.

सप्ताह में केवल एक दिन होती है सर्जरी: उन्होंने बताया कि ऑर्थो और ईएनटी की सर्जरी में लंबी डेट दी जा रही है, क्योंकि डॉक्टरों को ओपीडी भी देखनी होती है. उन्होंने बताया कि हर डिपार्टमेंट के पास ओपीडी के साथ-साथ सर्जरी की भी जिम्मेदारी होती है. सप्ताह में 2 से 3 दिन सर्जरी की जाती है, लेकिन डॉक्टर द्वारा कोशिश की जाती है कि ज्यादा से ज्यादा सर्जरी हो जिससे कि लोगों को राहत मिल सके. उन्होंने बताया कि न्यूरो विभाग में भी बड़ी संख्या में लोग सर्जरी के लिए आते हैं लेकिन सप्ताह में केवल 1 दिन सर्जरी की जाती है.
पढ़ें: सीएम धामी ने 824 एएनएम को सौंपे नियुक्ति पत्र, अगले महीने मिलेंगे 300 डॉक्टर

डॉक्टरों है कमी: अस्पताल के प्राचार्य डॉ. जोशी ने बताया कि सुशीला तिवारी अस्पताल में रोजाना 1500 से अधिक मरीज ओपीडी के लिए आ रहे हैं. ऐसे में डॉक्टरों का अधिकतर समय ओपीडी में चला जाता है. इसके अलावा अस्पताल में डॉक्टरों की भी कमी है, जिसको पूरा करने के लिए शासन स्तर पर कार्रवाई चल रही है. डॉक्टरों की कमी पूरी होते ही सर्जरी के कामों में तेजी लाई जाएगी.

Last Updated : Mar 23, 2023, 10:55 AM IST
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