हल्द्वानी: उत्तराखंड में यूएफटीए (uttarakhand forest training academy) की पहल से बाद वनकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. मशहूर शिकारी और इंटरनेशनल शूटर प्रशिक्षणार्थियों को वाइल्ड लाइफ की बारीकियां सिखा रहे हैं. जाने-माने शिकारी आशीष दास गुप्ता (Hunter Ashish Das Gupta), मशहूर शिकारी और इंटरनेशनल शूटर सैयद अली बिन हादी (International shooter Syed Ali bin Hadi) कार्यशाला में प्रशिक्षणार्थि वन कर्मियों को जंगलों में होने वाले वन्यजीवो की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारियों के साथ प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
प्रशिक्षण के दौरान जंगलों में किस तरह से वन्यजीवों को रेस्क्यू करना, वन्यजीवों के हमले से कैसे बचा जा सके, आदमखोर हो चुके बाघ को कैसे उसकी पहचान और उसको मारा जा सके इसकी भी ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही बाघ को मारने के दौरान किस तरह के हथियार का प्रयोग होना चाहिए इसका भी टीम द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
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निदेशक यूएफटीए तेजस्विनी पाटिल(Director UFTA Tejaswini Patil) ने बताया उत्तराखंड फॉरेस्ट ट्रेनिंग एकेडमी द्वारा पहली बार इस तरह के शिकारियों के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कैडर को वाइल्डलाइफ संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने बताया यूएफटीए में प्रशिक्षण ले रहे पहले उत्तराखंड के 100 और पश्चिम बंगाल के 42 फॉरेस्ट ऑफिसरों को इस तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है.
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मशहूर शिकारी आशीष दास गुप्ता ने बताया इन प्रशिक्षणार्थियों को वाइल्डलाइफ संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराई जा रही हैं. साथ ही वन्य जीवों को कैसे रेस्क्यू करना है, उनके पद चिन्ह सहित अन्य जानकारियां जुटाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. भविष्य में इस तरह की ट्रेनिंग से वन विभाग के साथ-साथ वाइल्डलाइफ को रेस्क्यू करने मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने में मदद मिलेगी.