नैनीताल: पहाड़ में आज भी कई ऐसे दूरस्थ गांव जहां पर सड़क नहीं पहुंच पाई है. इस गांवों में प्रसव पीड़ित के दौरान गर्भवती महिला और किसी बीमार व्यक्ति को डोली के सहारे अस्पताल तक पहुंचाया जाता है. जिसका खर्चा गांव वाले खुद ही उठाते थे. हालांकि, अब नैनीताल जिला प्रशासन ने ऐसे गांव के लिए डोली की व्यवस्था की है. जिलाधिकारी ने डोली खरीद के लिए बजट भी अवमुक्त किया है.
नैनीताल जिलाधिकारी सविन बंसल ने पहाड़ी विकास खंडों के ग्रामीण क्षेत्रों को डोली के लिए 10 लाख रुपए अवमुक्त किये हैं. गौरतलब है कि जिलाधिकारी ने दूरस्थ इलाकों में बहुउद्देशीय शिविर लगाये थे. जिसमें अधिकतर समस्याएं गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक ले जाने और बीमार लोगों को सड़क तक ले जाने की सामने आई थी. जिसके मद्देनजर जिला अधिकारी ने लोगों को आश्वासन दिया था कि जब तक उनके गांव से सड़क नहीं पहुंचती है तब तक उन गांवों को डोली उपलब्ध कराई जाएगी.
जिलाधिकारी ने कहा कि अक्सर देखने में आता था कि रात-बिरात को परिजन गर्भवती महिला को डोली में लेकर हॉस्पिटल पहुंचते थे. इस दौरान कभी-कभी जच्चा और बच्चा को जान से भी हाथ धोना पड़ता था. इस कार्य की संवेदनशीलता पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए पर्वतीय इलाकों के विकासखंड धारी, रामगढ़, ओखलकांडा, बेतालघाट व भीमताल के ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को प्रसव हेतु अस्पतालों तक लाने के लिए डोली व्यवस्था के लिए 10 लाख की धनराशि स्वीकृत कर दी है.
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नैनीताल का पहला जनपद है, जहां किसी जिलाधिकारी ने गर्भवती महिला व शिशु की सुरक्षा के लिए डोली व्यवस्था को कारगर बनाते हुये इतनी बढी धनराशि स्वीकृत की है. जिलाधिकारी ने कहा कि यदि इसके डोली की व्यवस्था करने के लिए और अधिक धनराशि की जरूरत पड़ती है तो वो भी दी जाएगी.
जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के एक किमी से अधिक पैदल सभी गांवों मे गर्भवती महिलाओं के लिए डोली सुविधा होगी. जिलाधिकारी द्वारा धनराशि मुख्य चिकित्साधिकारी को जारी की गई है. जारी धनराशि में से तात्कालिक व्यवस्था हेतु 75-75 हजार रूपये एमओआईसी के निर्वतन मे रखी गई है. ताकि पर्वतीय क्षेत्रों की गभर्वती महिलाओं को डोली से लाने वाले लोगों को तुरन्त डोली व्यवस्था की धनराशि का भुगतान दो हजार रूपये प्रति डोली बिना किसी विलम्ब किया जाय.
गौरतलब है कि एनएचएम के तहत जनपद में केवल 60 डोलियों की व्यवस्था के लिए ही धनराशि स्वीकृत है, लेकिन प्रसव की संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुये जिलाधिकारी ने लगभग 500 डोलियों के लिए 10 लाख धनराशि अवमुक्त कर दिया है.