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कोरोना वायरसः चीनी उत्पादों का आयात बंद, भारतीय बाजारों पर भी पड़ा असर

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Published : Feb 18, 2020, 11:13 AM IST

चीन में महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस के चलते भारतीय अर्थव्यस्था पर प्रभाव पड़ने लगा है. चीन से सामान न आने के कारण चाइनीज आइटम के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. क्योंकि, वहां से सामान का आयात नहीं हो रहा है.

कोरोना
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हल्द्वानीः चीन में फैले कोरोना वायरस का असर भारत के बाजारों पर सबसे ज्यादा पड़ा है. दवाइयां हो या इलेक्ट्रॉनिक सामान, खिलौने हो या कॉस्मेटिक सामान भारत के बाजारों में चीन की 50% से अधिक हिस्सेदारी है. ऐसे में चीन में फैले कोरेना वायरस के चलते भारत के बाजार में चीन से आने वाले सामान बाजार में नहीं पहुंच रहे हैं, जिसके चलते वहां से आने वाले सामानों के रेट में 30% से लेकर 40% तक की वृद्धि देखी जा रही है.

चीनी सामानों के दामों में वृद्धि.

इसका सबसे ज्यादा असर चीन से आने वाले कॉस्मेटिक उत्पादन पर पड़ा है. चीन से कॉस्मेटिक सामान न आने के चलते हल्द्वानी के बाजारों में कॉस्मेटिक के सामानों में 40% से लेकर 50% तक रेट में इजाफा देखा जा रहा है. रेट बढ़ने की वजह से व्यापारियों का व्यापार पर भी असर पड़ा है. व्यापारियों की मानें तो कॉस्मेटिक के सामान में चीन के बाजार की सबसे बड़ी भागीदारी है. चीन में फैले कोरेना वायरस के चलते उम्मीद जताई जा रही है कि अगले तीन महीने तक चाइना से कोई भी सामान नहीं आ पाएगा जिसके चलते और रेटों में बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

यह भी पढ़ेंः नौकरी नहीं अब स्वरोजगार ढूंढ रहे युवा, आंकड़े हैं गवाह

व्यापारियों की मानें तो चाइना से दिल्ली पहुंचने के बाद कॉस्मेटिक सामान बाजारों में आता है. कुमाऊं मंडल के बाजारों से हर माह करीब एक करोड़ से अधिक का कॉस्मेटिक का कारोबार होता है. यही नहीं इलेक्ट्रॉनिक बाजार में चीन की बड़े हिस्सेदारी के चलते वहां से आने वाले मोबाइल और मोबाइल पार्ट नहीं आ रहे हैं जिसके चलते मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के रेटों में भी खासा इजाफा देखा जा रहा है.

हल्द्वानीः चीन में फैले कोरोना वायरस का असर भारत के बाजारों पर सबसे ज्यादा पड़ा है. दवाइयां हो या इलेक्ट्रॉनिक सामान, खिलौने हो या कॉस्मेटिक सामान भारत के बाजारों में चीन की 50% से अधिक हिस्सेदारी है. ऐसे में चीन में फैले कोरेना वायरस के चलते भारत के बाजार में चीन से आने वाले सामान बाजार में नहीं पहुंच रहे हैं, जिसके चलते वहां से आने वाले सामानों के रेट में 30% से लेकर 40% तक की वृद्धि देखी जा रही है.

चीनी सामानों के दामों में वृद्धि.

इसका सबसे ज्यादा असर चीन से आने वाले कॉस्मेटिक उत्पादन पर पड़ा है. चीन से कॉस्मेटिक सामान न आने के चलते हल्द्वानी के बाजारों में कॉस्मेटिक के सामानों में 40% से लेकर 50% तक रेट में इजाफा देखा जा रहा है. रेट बढ़ने की वजह से व्यापारियों का व्यापार पर भी असर पड़ा है. व्यापारियों की मानें तो कॉस्मेटिक के सामान में चीन के बाजार की सबसे बड़ी भागीदारी है. चीन में फैले कोरेना वायरस के चलते उम्मीद जताई जा रही है कि अगले तीन महीने तक चाइना से कोई भी सामान नहीं आ पाएगा जिसके चलते और रेटों में बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

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व्यापारियों की मानें तो चाइना से दिल्ली पहुंचने के बाद कॉस्मेटिक सामान बाजारों में आता है. कुमाऊं मंडल के बाजारों से हर माह करीब एक करोड़ से अधिक का कॉस्मेटिक का कारोबार होता है. यही नहीं इलेक्ट्रॉनिक बाजार में चीन की बड़े हिस्सेदारी के चलते वहां से आने वाले मोबाइल और मोबाइल पार्ट नहीं आ रहे हैं जिसके चलते मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के रेटों में भी खासा इजाफा देखा जा रहा है.

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