हल्द्वानी: उत्तराखंड में कोरोना का प्रकोप जारी है. पिछले साल कोविड-19 के बाद से उत्तराखंड परिवहन निगम लगातार घाटे में चल रहा है. ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर ने उत्तराखंड परिवहन निगम की कमर तोड़ कर रख दी है. उत्तराखंड सहित कई प्रदेशों में फिर से कर्फ्यू और लॉकडाउन के चलते परिवहन निगम को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. कुमाऊं मंडल के अलग-अलग रोडवेज डिपो से पहले रोजाना तीन सौ बसों का संचालन होता था. जो घटकर अब करीब 150 हो गया है. वहीं रोडवेज की आमदनी भी आधी से कम रह गई है.
अगर बात कुमाऊं मंडल के सबसे बड़े रोडवेज डिपो हल्द्वानी की तो पहले यहां से रोजाना 68 बसों का संचालन होता था, जो घटकर वर्तमान समय में आधी से भी कम हो गया है. यहां तक कि दिल्ली रूट पर रोजाना 14 बसों का संचालन होता था, जो वर्तमान समय में 7 से 8 बसों का ही संचालन हो पा रहा है. यहां तक इन बसों के लिए यात्री भी नहीं मिल पा रहे हैं. जिसके चलते मजबूरन ड्राइवर बसों को खाली ही सड़कों पर दौड़ा रहे हैं. हल्द्वानी रोडवेज डिपो की पहले रोजाना आमदनी करीब 15 लाख तक होती थी, जो घटकर अब करीब 5 लाख तक रह गई है.
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हल्द्वानी रोडवेज स्टेशन के स्टेशन प्रभारी इंदिरा भट्ट ने बताया कि बसों के संचालन का असर दिल्ली सहित उत्तर प्रदेश के अलावा पहाड़ के रूटों पर भी पड़ा है. इन दिनों पर्यटन सीजन होने के चलते भारी संख्या में यात्री उत्तराखंड को आते थे. लेकिन कर्फ्यू के चलते यात्री नहीं आ रहे हैं. ऐसे में बसों का संचालन पहाड़ के रूटों पर भी कम करना पड़ा है.