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SSP नैनीताल पंकज भट्ट समेत कई पुलिस कर्मियों को अवमानना का नोटिस जारी, जानिए क्या है पूरा मामला - Contempt notice issued to SSP Nainital

Uttarakhand High Court हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश सतेंद्र कुमार अंटिल बनाम सीबीआई में जारी गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर एसएसपी नैनीताल पंकज भट्ट और मुखानी चौकी एसआई ज्योति कोरंगा समेत तमाम पुलिस कर्मियों को अवमानना का नोटिस जारी कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Aug 11, 2023, 4:26 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश सतेंद्र कुमार अंटिल बनाम सीबीआई में जारी गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर एसएसपी नैनीताल पंकज भट्ट, मुखानी चौकी एसआई ज्योति कोरंगा, एसआई अनिल कुमार, कांस्टेबल बृजेश कुमार और अहसान अली थाना मुखानी हल्द्वानी को अवमानना का नोटिस जारी किया है. साथ ही अगली तिथि तक यह बताने को कहा है कि आपने आईपीसी की धारा 41 का अनुपालन किया है या नही. 31 अगस्त को कोर्ट में केस डायरी प्रस्तुत करें.

31 अगस्त को होगी अगली सुनवाई: मामले की अगली सुनवाई के लिए 31 अगस्त की तारीख निर्धारित की गई है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई. दरअसल चोरगालिया निवासी भुवन पोखरिया ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि मुखानी थाने के अधिकारियों ने आईपीसी की धारा 41 का अनुपालन नहीं किया है. जिसकी वजह से पुलिस उनको बिना किसी कारण बताए उनके घर से उठा ले गई और उन्हें जेल भेज दिया गया. ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश सतेंद्र कुमार अंटिल बनाम सीबीआई में दिए गए प्रावधानों के विरुद्ध है.

पुलिस पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना का आरोप: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिस किसी केस में सात साल से कम की सजा है, पुलिस उसमें अभियुक्त को बिना कोई कारण बताए उठा कर नहीं ले जा सकती है. अगर उठाना आवश्यक हो गया है, तो उसका कारण भी बताना आवश्यक है. ऐसे में पुलिस ने धारा 41 में दिए गए प्रावधानों व सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया है और पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है. इसलिए दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए.
ये भी पढ़ें: देहरादून में अवैध खनन और मारपीट का मामला, HC ने DM और DFO से दो हफ्ते में मांगी रिपोर्ट, खनन पर लगाई रोक

21 मार्च 2023 को एक युवती ने उनके खिलाफ मुखानी थाने में मुकदमा दर्ज कर कहा था कि परिवार कोर्ट ने उनके जैविक बेटे को भरण पोषण के लिए 5 हजार रुपये महीना देने का आदेश दिया था, जिसको भुवन पोखरिया ने नहीं दिया है. पोखरिया द्वारा बार-बार उनके बेटे व उनको जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है. साथ ही उनका पीछा किया जा रहा है और अनैतिक मांग की जा रही है. इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए.
ये भी पढ़ें: HC ने जीबी पंत कृषि विवि में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति मामले में की सुनवाई, सरकार से मांगा जवाब

देहरादून: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश सतेंद्र कुमार अंटिल बनाम सीबीआई में जारी गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर एसएसपी नैनीताल पंकज भट्ट, मुखानी चौकी एसआई ज्योति कोरंगा, एसआई अनिल कुमार, कांस्टेबल बृजेश कुमार और अहसान अली थाना मुखानी हल्द्वानी को अवमानना का नोटिस जारी किया है. साथ ही अगली तिथि तक यह बताने को कहा है कि आपने आईपीसी की धारा 41 का अनुपालन किया है या नही. 31 अगस्त को कोर्ट में केस डायरी प्रस्तुत करें.

31 अगस्त को होगी अगली सुनवाई: मामले की अगली सुनवाई के लिए 31 अगस्त की तारीख निर्धारित की गई है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई. दरअसल चोरगालिया निवासी भुवन पोखरिया ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि मुखानी थाने के अधिकारियों ने आईपीसी की धारा 41 का अनुपालन नहीं किया है. जिसकी वजह से पुलिस उनको बिना किसी कारण बताए उनके घर से उठा ले गई और उन्हें जेल भेज दिया गया. ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश सतेंद्र कुमार अंटिल बनाम सीबीआई में दिए गए प्रावधानों के विरुद्ध है.

पुलिस पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना का आरोप: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिस किसी केस में सात साल से कम की सजा है, पुलिस उसमें अभियुक्त को बिना कोई कारण बताए उठा कर नहीं ले जा सकती है. अगर उठाना आवश्यक हो गया है, तो उसका कारण भी बताना आवश्यक है. ऐसे में पुलिस ने धारा 41 में दिए गए प्रावधानों व सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया है और पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है. इसलिए दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए.
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21 मार्च 2023 को एक युवती ने उनके खिलाफ मुखानी थाने में मुकदमा दर्ज कर कहा था कि परिवार कोर्ट ने उनके जैविक बेटे को भरण पोषण के लिए 5 हजार रुपये महीना देने का आदेश दिया था, जिसको भुवन पोखरिया ने नहीं दिया है. पोखरिया द्वारा बार-बार उनके बेटे व उनको जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है. साथ ही उनका पीछा किया जा रहा है और अनैतिक मांग की जा रही है. इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए.
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