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ठंडे बस्ते में पड़ा जमरानी बांध योजना, लोग बोले- सरकारें बांध को लेकर करती है राजनीति, अब नहीं होता बर्दाश्त - Nainital Jamrani Dam project

लंबे जन आंदोलन के बाद वर्ष 1975 में केंद्रीय जल आयोग से जमरानी बांध परियोजना को मंजूरी मिली थी. वहीं बांध के लिये तब 61.25 करोड़ रुपये भी परियोजना के लिए स्वीकृत किए गए थे. इसके बावजूद जमरानी बांध आज तक नहीं बन सका है.

जमरानी बांध
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Published : Feb 10, 2019, 1:37 PM IST

नैनीताल: सरकारें भले ही सूबे को ऊर्जा प्रदेश बनाने के लाख दावे करती हो लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट है. वहीं नैनीताल जिले के रानीबाग में प्रस्तावित जमरानी बांध आज तक नहीं बन पाया है. प्रस्तावित बांध को लेकर किसी भी सरकार ने इच्छाशक्ति नहीं दिखाई. जिसके चलते विकास की एक महत्वपूर्ण योजना लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है.

जमरानी बांध
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गौर हो कि लंबे जन आंदोलन के बाद वर्ष 1975 में केंद्रीय जल आयोग से जमरानी बांध परियोजना को मंजूरी मिली थी. वहीं बांध के लिये तब 61.25 करोड़ रुपये भी परियोजना के लिए स्वीकृत किए गए थे. इसके बावजूद जमरानी बांध आज तक नहीं बन सका है. प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी की सरकारें बनी लेकिन किसी ने भी इस योजना को गंभीरता से नहीं लिया. जिससे एक महत्वपूर्ण योजना आज भी फाइलों में सिमटकर रह गई है. लोगों का कहना है कि सरकारों ने जमरानी बांध के नाम पर सिर्फ राजनीति की है किसी ने भी इस योजना को शुरू करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाये. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारों की छत्रछाया में जमरानी क्षेत्र में अंधाधुंध खनन होता है.

पढ़ें- इस वजह से हरदा का उपवास कार्यक्रम हुआ स्थगित, प्रियंका की रैली में भाग लेने के लिये हुए रवाना

जो खनन माफियाओं की मोटी कमाई का साधन बन गई है. जिससे सरकारें यहां बांध नहीं बनना चाहती. वहीं गर्मी के सीजन में क्षेत्र में पानी की कमी हो जाती है. वहीं टैंकरों से पानी का खेल होता है. वहीं लोगों का कहना है कि ये बांध बन जाता तो स्थानीय लोगों को रोजगार और सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती. साथ ही विद्धुत के लिये दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता. वहीं बांध निमार्ण के लिए स्थानीय लोग हाईकोर्ट की शरण में भी गए और कोर्ट से केन्द्र व राज्य सरकार को बांध बनाने को निर्देश दिए थे. लेकिन अब तक बांध निमार्ण का कार्य शुरू नहीं हुआ है. वहीं स्थानीय लोग अब सरकार के खिलाफ अवमाना याचिका दायर करने की बात कह रहे हैं.

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नैनीताल: सरकारें भले ही सूबे को ऊर्जा प्रदेश बनाने के लाख दावे करती हो लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट है. वहीं नैनीताल जिले के रानीबाग में प्रस्तावित जमरानी बांध आज तक नहीं बन पाया है. प्रस्तावित बांध को लेकर किसी भी सरकार ने इच्छाशक्ति नहीं दिखाई. जिसके चलते विकास की एक महत्वपूर्ण योजना लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है.

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गौर हो कि लंबे जन आंदोलन के बाद वर्ष 1975 में केंद्रीय जल आयोग से जमरानी बांध परियोजना को मंजूरी मिली थी. वहीं बांध के लिये तब 61.25 करोड़ रुपये भी परियोजना के लिए स्वीकृत किए गए थे. इसके बावजूद जमरानी बांध आज तक नहीं बन सका है. प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी की सरकारें बनी लेकिन किसी ने भी इस योजना को गंभीरता से नहीं लिया. जिससे एक महत्वपूर्ण योजना आज भी फाइलों में सिमटकर रह गई है. लोगों का कहना है कि सरकारों ने जमरानी बांध के नाम पर सिर्फ राजनीति की है किसी ने भी इस योजना को शुरू करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाये. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारों की छत्रछाया में जमरानी क्षेत्र में अंधाधुंध खनन होता है.

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जो खनन माफियाओं की मोटी कमाई का साधन बन गई है. जिससे सरकारें यहां बांध नहीं बनना चाहती. वहीं गर्मी के सीजन में क्षेत्र में पानी की कमी हो जाती है. वहीं टैंकरों से पानी का खेल होता है. वहीं लोगों का कहना है कि ये बांध बन जाता तो स्थानीय लोगों को रोजगार और सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती. साथ ही विद्धुत के लिये दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता. वहीं बांध निमार्ण के लिए स्थानीय लोग हाईकोर्ट की शरण में भी गए और कोर्ट से केन्द्र व राज्य सरकार को बांध बनाने को निर्देश दिए थे. लेकिन अब तक बांध निमार्ण का कार्य शुरू नहीं हुआ है. वहीं स्थानीय लोग अब सरकार के खिलाफ अवमाना याचिका दायर करने की बात कह रहे हैं.

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Packej Story ---------------------------

स्लग- जमरानी

रिर्पोट- गौरव जोशी

स्थान- नैनीताल

एंकर- भले ही प्रदेश को राज्य सरकारे उर्जा प्रदेश बनाने और प्रदेश के विकाश को लेकर लाखो दावे करे लेकिन सरकार के ये सारे दावे हवा हवाई साबित हो रहे है,, क्यो की नैनीताल जिले के रानीबाग में बनने वाला जमरानी बाध आज तक नही बन सका है,, बाध बनना तो कोसो दुर बाध के नाम पर एक ईट तक सरकार द्धारा नही लगाई गई है

वीओ- भले प्रदेश में बारी बारी से काग्रसे और भाजपा की सरकार ने राज करा मगर दोनो सरकारो ने प्रदेश को उर्जा प्रदेश बनाने और उसके विकाश की बात कही मगर आज तक उर्जा प्रदेश के नाम पर बनने वाला जमरानी बाध नही बन सका है,, और इस बाध के ना बनने से स्थानिय लोगो दोनो सरकारेा पर जमरानी के नाम पर केवल राजनिती करने का आरोप लगा रहे है,,,
स्थानिय बताते है की सरकारो की क्षय में जमरानी क्षेत्र में अंधाधुन्ध खनन होता है जिस कारण प्रदेश में काग्रेस और भाजपा सरकारेा ने अब तक इस बाध का निमार्ण नही होने दिया,,, वही दुसरी तरफ गरमीयो में इन क्षेत्रो से पानी के तस्कर सर्किय हो जाते है और वो लोग यहा से पानी के टैकर भर के हल्द्धवानी ले जाते है और वहा पर 2 हजार रू में बेचते है जिसके पिछे कई बडे राजनेता है,, जो भी एक बडा कारण है की इस जमारानी का निमार्ण नही हो सका है,,,,

बाईट- रवी शकंर जोशी

वीओ- अरग सरकारे इन बाधो के निमार्ण के लिए गंभीर हो तो आने वाले समय मे हल्द्धावानी समेंत पुरे कुमाउ और उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रो में बिजली पानी की दिक्कत खत्म होगी वही दुसरी तरफ स्थानिय लोगो को भी रोजगार मिलेगा,,, वही प्रदेश को भी बिजली के लिए दुसरे राज्यो में आर्शीत नही होना पढेगा,,,
बाध के निमार्ण के लिए स्थानिय हाईकोर्ट की शरण में भी गए और कोर्ट से केन्द्र व राज्य सरकार को बाध बनाने को निर्देश दिए थे,,,
लेकिन अब तक बाध निमार्ण का कार्य धरातल पर नही दिखने पर स्थानिय सरकार के खिलाफ अवमाना याचिका दायर करने की बात कह रहे है।

बाईट- रवी शंकर जोशी

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