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उत्तराखंड में 'लापरवाह' इंजीनियर पर कड़ा एक्शन, 1.20 लाख रुपए की होगी वसूली, जानिए पूरा मामला - GAIRSAIN JUNIOR ENGINEER RECOVERY

गैरसैंण में पेयजल योजना निर्माण कार्य में अनियमितता, डीएम संदीप तिवारी ने की बड़ी कार्रवाई, कनिष्ठ अभियंता से होगी 1.20 लाख रुपए की वसूली

GAIRSAIN JUNIOR ENGINEER RECOVERY
कनिष्ठ अभियंता के खिलाफ एक्शन (फोटो सोर्स- Information Department)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 18 hours ago

Updated : 17 hours ago

गैरसैंण: चमोली जिले में पेयजल योजना निर्माण कार्य में अनियमितता मामले में एक जूनियर इंजीनियर पर कड़ा एक्शन हुआ है. मामले में डीएम संदीप तिवारी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कार्यदायी संस्था के जूनियर इंजीनियर यानी कनिष्ठ अभियंता से 1.20 लाख रुपए की वसूली के आदेश जारी किए हैं.

ये है पूरा मामला: दरअसल, पूरा मामला गैरसैंण विकासखंड में विधायक निधि के तहत चोरड़ा गांव के चोरड़ा तल्ला से स्कूल धार तक पेयजल योजना निर्माण कार्य में अनियमितता से जुड़ा है. मामले के तहत एक शिकायतकर्ता ने चमोली डीएम संदीप तिवारी को शिकायत पत्र देकर बताया था कि चोरड़ा गांव में विधायक निधि से पेयजल लाइन के लिए 1.50 लाख स्वीकृत की गई थी. विकासखंड गैरसैंण इसमें कार्यदायी संस्था थी, लेकिन कार्यदायी संस्था की ओर से बिना कार्य किए ही 1.20 लाख की धनराशि का भुगतान कर दिया गया.

शिकायत के निस्तारण को लेकर डीएम तिवारी ने नायब तहसीलदार और विकास प्राधिकरण गैरसैंण के अवर अभियंता को संयुक्त निरीक्षण कर जांच के निर्देश दिए. निरीक्षण टीम ने कार्यदायी संस्था, संबंधित कनिष्ठ अभियंता और शिकायतकर्ता के साथ चोरडा तल्ला से स्कूल धार तोक तक पेयजल लाइन का संयुक्त निरीक्षण किया. जिसमें कार्यदायी संस्था से पेयजल योजना की एमबी और संबंधित दस्तावेज नहीं मिले. जांच के दौरान मुख्य स्रोत पर स्टील चेंबर के साथ ही कुछ पाइप नए और कुछ पुराने पाए गए.

मुख्य स्रोत से 310 मीटर की दूरी के बाद तीन बटे चार (3/4) इंच की पाइप लाइन को एक बटे दो (1/2) इंच की छोटी पुरानी पाइप लाइन से जोड़ा गया था. पुरानी पाइप लाइन 940 मीटर आगे तक बिछी मिली. इससे ही पेयजल आपूर्ति सुचारू की गई थी. मौके पर कोई भी कार्य प्रगति पर नहीं पाया गया. निरीक्षण टीम की जांच आख्या मिलने पर डीएम संदीप तिवारी ने कार्यदायी संस्था के संबंधित कनिष्ठ अभियंता से 1.20 लाख धनराशि की वसूली के आदेश जारी किए हैं.

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ये है पूरा मामला: दरअसल, पूरा मामला गैरसैंण विकासखंड में विधायक निधि के तहत चोरड़ा गांव के चोरड़ा तल्ला से स्कूल धार तक पेयजल योजना निर्माण कार्य में अनियमितता से जुड़ा है. मामले के तहत एक शिकायतकर्ता ने चमोली डीएम संदीप तिवारी को शिकायत पत्र देकर बताया था कि चोरड़ा गांव में विधायक निधि से पेयजल लाइन के लिए 1.50 लाख स्वीकृत की गई थी. विकासखंड गैरसैंण इसमें कार्यदायी संस्था थी, लेकिन कार्यदायी संस्था की ओर से बिना कार्य किए ही 1.20 लाख की धनराशि का भुगतान कर दिया गया.

शिकायत के निस्तारण को लेकर डीएम तिवारी ने नायब तहसीलदार और विकास प्राधिकरण गैरसैंण के अवर अभियंता को संयुक्त निरीक्षण कर जांच के निर्देश दिए. निरीक्षण टीम ने कार्यदायी संस्था, संबंधित कनिष्ठ अभियंता और शिकायतकर्ता के साथ चोरडा तल्ला से स्कूल धार तोक तक पेयजल लाइन का संयुक्त निरीक्षण किया. जिसमें कार्यदायी संस्था से पेयजल योजना की एमबी और संबंधित दस्तावेज नहीं मिले. जांच के दौरान मुख्य स्रोत पर स्टील चेंबर के साथ ही कुछ पाइप नए और कुछ पुराने पाए गए.

मुख्य स्रोत से 310 मीटर की दूरी के बाद तीन बटे चार (3/4) इंच की पाइप लाइन को एक बटे दो (1/2) इंच की छोटी पुरानी पाइप लाइन से जोड़ा गया था. पुरानी पाइप लाइन 940 मीटर आगे तक बिछी मिली. इससे ही पेयजल आपूर्ति सुचारू की गई थी. मौके पर कोई भी कार्य प्रगति पर नहीं पाया गया. निरीक्षण टीम की जांच आख्या मिलने पर डीएम संदीप तिवारी ने कार्यदायी संस्था के संबंधित कनिष्ठ अभियंता से 1.20 लाख धनराशि की वसूली के आदेश जारी किए हैं.

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Last Updated : 17 hours ago
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