हल्द्वानी: विधानसभा चुनाव हारने के तीन महीने बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने लालकुआं कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान लालकुआं विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने कहा हरीश रावत के हार का सबसे बड़ा कारण कांग्रेस में आपसी गुटबाजी रही है.
इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा हरीश रावत अपने लिए एक ऐसा विधानसभा सीट का चुनाव करें, जहां से वह हर बार चुनाव लड़े और वहां के लोगों के दुख दर्द में जाकर उनका साथ दें. कार्यकर्ताओं ने कहा प्रीतम सिंह सहित कई कांग्रेस के बड़े नेता हैं, जो अपने एक ही विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं और वह हमेशा जीतते हैं. जबकि हरीश रावत ऐसा नहीं करते हैं, जो हार का कारण रहा है.
हरीश रावत की मौजूदगी में कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी भड़ास निकालते दिखे. वहीं, कई बार नोकझोंक की भी स्थिति देखने को मिली. हरदा के सामने ही कार्यकर्ता एक-दूसरे को ताने मारने लगे. कार्यकर्ताओं ने कहा हरीश रावत की हार का सबसे कारण गुटबाजी रहा. चुनाव के समय कांग्रेस कई गुटों में बटी हुई थी और कुछ लोग हरीश रावत को हराने में लगे हुए थे. तो कुछ लोग बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे.
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कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि लालकुआं विधानसभा क्षेत्र के कई ऐसे कांग्रेस नेता थे, जो हरीश रावत के साथ केवल फोटो खिंचवाने का काम कर रहे थे. जबकि अंदरखाने मोहन सिंह बिष्ट को जीता रहे थे. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि विधानसभा क्षेत्र के पार्टी के बड़े नेताओं ने मेहनत नहीं किया, जिसके चलते हरीश रावत की हार हुई है.
वहीं, हरीश रावत ने कहा कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं ने उनको मेहनत से चुनाव लड़वाया, लेकिन वह हार गए. फिर भी वो लालकुआं के लोगों के बीच में आते रहेंगे. चुनाव में हार जीत लगा रहता है. लालकुआं की जनता और कार्यकर्ताओं से मिलने में काफी दिन हो गए, इसके लिए क्षमा चाहते हैं. हमेशा लालकुआं की जनता और कार्यकर्ताओं के सुख-दुख में खड़े रहेंगे.