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जमरानी बांध परियोजना स्वीकृत के बाद कमिश्नर ने अफसरों के साथ की बैठक, उधमसिंह नगर में विस्थापित होंगे प्रभावित

Jamrani Dam Project Kumaon Commissioner meeting हल्द्वानी में जमरानी बांध परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद कमिश्नर दीपक रावत ने अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद कमिश्नर रावत ने बताया कि परियोजना से 6 गांवों के 1261 परिवार प्रभावित हो रहे हैं. प्रभावित परिवारों को भूमि उधमसिंह नगर में प्रस्तावित है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 26, 2023, 10:00 PM IST

Kumaon Commissioner Deepak Rawat
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत

हल्द्वानी: जमरानी बांध परियोजना को केंद्र से स्वीकृति मिलने के बाद हलचल तेज हो गई है. परियोजना को अमली जामा पहनाने के लिए अधिकारियों ने भाग दौड़ शुरू कर दी है. इसी क्रम में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने जमरानी बांध परियोजना पर अधिकारियों की बैठक ली. उन्होंने कहा कि लंबे समय से मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के स्तर से परियोजना पर मॉनिटरिंग हो रही थी. इस प्रोजेक्ट की अन्तिम पुनर्वास नीति, कमिश्नर लेवल पर फाइनल होने के पश्चात जमरानी बांध परियोजना की स्वीकृति से नैनीताल एवं उधमसिंह नगर जिले में सिंचाई की समस्या के साथ ही हल्द्वानी शहर में पेयजल व्यवस्था दुरस्त होगी.

कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि जमरानी बांध परियोजना से 6 गांवों के 1261 परिवार प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को 300.5 एकड भूमि प्रयाग फार्म, उधमसिंह नगर में प्रस्तावित है. प्रभावित परिवारों को भूखंड आवंटित करने की प्रक्रिया गतिमान है. बैठक में महाप्रबंधक जमरानी प्रशांत बिश्नोई ने बताया कि जमरानी बांध परियोजना की प्रस्तावित लागत वर्ष 2018 में 2548.1 करोड़ थी, जो वर्तमान में इस योजना की लागत बढ़कर लगभग 3756.00 करोड़ की हो चुकी है. शेष लगभग 12 करोड़ धनराशि हेतु शासन को पत्र प्रेषित किया चुका है. उन्होंने कहा कि जमरानी बांध परियोजना से जनपद नैनीताल के 196 गांव एवं उधमसिंह नगर के 172 गांवों में किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध मिलेगा.
ये भी पढ़ेंः 48 साल पहले इंदिरा गांधी ने देखा था जमरानी बांध का सपना, 61 करोड़ में होना था तैयार, अब मोदी सरकार खर्च करेगी 1730 करोड़

उन्होंने बताया कि परियोजना से 63.4 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष विद्युत का उत्पादन होगा. या ये कहें कि 14 मेगा वॉट प्रतिदिन बिजली पैदा होगी. बांध की ऊंचाई नदी की सतह से 130.60 मीटर होगी. साथ ही बांध में जलधारण की क्षमता 208.6 मिलियन घन मीटर है. उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट 2028 तक पूर्ण कर लिया जाएगा. आयुक्त ने कहा कि महाप्रबंधक जमरानी प्रोजेक्ट पर अन्य कार्रवाई शीघ्र करें, ताकि टेंडर प्रक्रिया जल्द प्रारंभ की जा सके.

हल्द्वानी: जमरानी बांध परियोजना को केंद्र से स्वीकृति मिलने के बाद हलचल तेज हो गई है. परियोजना को अमली जामा पहनाने के लिए अधिकारियों ने भाग दौड़ शुरू कर दी है. इसी क्रम में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने जमरानी बांध परियोजना पर अधिकारियों की बैठक ली. उन्होंने कहा कि लंबे समय से मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के स्तर से परियोजना पर मॉनिटरिंग हो रही थी. इस प्रोजेक्ट की अन्तिम पुनर्वास नीति, कमिश्नर लेवल पर फाइनल होने के पश्चात जमरानी बांध परियोजना की स्वीकृति से नैनीताल एवं उधमसिंह नगर जिले में सिंचाई की समस्या के साथ ही हल्द्वानी शहर में पेयजल व्यवस्था दुरस्त होगी.

कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि जमरानी बांध परियोजना से 6 गांवों के 1261 परिवार प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को 300.5 एकड भूमि प्रयाग फार्म, उधमसिंह नगर में प्रस्तावित है. प्रभावित परिवारों को भूखंड आवंटित करने की प्रक्रिया गतिमान है. बैठक में महाप्रबंधक जमरानी प्रशांत बिश्नोई ने बताया कि जमरानी बांध परियोजना की प्रस्तावित लागत वर्ष 2018 में 2548.1 करोड़ थी, जो वर्तमान में इस योजना की लागत बढ़कर लगभग 3756.00 करोड़ की हो चुकी है. शेष लगभग 12 करोड़ धनराशि हेतु शासन को पत्र प्रेषित किया चुका है. उन्होंने कहा कि जमरानी बांध परियोजना से जनपद नैनीताल के 196 गांव एवं उधमसिंह नगर के 172 गांवों में किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध मिलेगा.
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उन्होंने बताया कि परियोजना से 63.4 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष विद्युत का उत्पादन होगा. या ये कहें कि 14 मेगा वॉट प्रतिदिन बिजली पैदा होगी. बांध की ऊंचाई नदी की सतह से 130.60 मीटर होगी. साथ ही बांध में जलधारण की क्षमता 208.6 मिलियन घन मीटर है. उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट 2028 तक पूर्ण कर लिया जाएगा. आयुक्त ने कहा कि महाप्रबंधक जमरानी प्रोजेक्ट पर अन्य कार्रवाई शीघ्र करें, ताकि टेंडर प्रक्रिया जल्द प्रारंभ की जा सके.

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