नैनीताल: सरोवर नगरी अपनी खूबसूरत झीलों के लिए ही नहीं जाना जाता है, इसकी एक पहचान मोमबत्तियों से भी है. जहां की खूबसूरत मोमबत्तियां देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं. नैनीताल में महिलाओं के द्वारा बनाई गई मोमबत्तियां काफी सुंदर और आकर्षक होती हैं. दीपावली के मौके पर नैनीताल की मोमबत्तियां की मांग देश के कई बड़े महानगरों से आती है. जिसके चलते नैनीताल के मोमबत्ती कारोबारी खुश नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं नैनीताल आने वाले पर्यटक भी मोमबत्तियां को खरीद कर साथ लेजा रहे हैं.
देश और विदेश से सरोवर नगरी पहुंचने वाले सैलानियों के लिये शहर में कई आकर्षण मौजूद हैं. मगर सैलानियों को सबसे अधिक पसंद नैनीताल में बनने वाली मोमबत्ती है. नैनीताल की खूबसूरत और रंग बिरंगी मोमबत्तियां जो खास तौर पर नैनीताल में ही महिलाओं द्वारा बनाई जाती हैं, उन्हें खासा पसंद किया जाता है. दीपावली के शुरू होते ही नैनीताल में मोमबत्तियों का कारोबार बढ़ने लगता है.
नैनीताल में दीपावली के लिए खास मोमबत्तियां मार्केट में छाई रहती हैं, जिन्हें लोग हाथों-हाथ लेते हैं. हालांकि नैनीताल की मोमबत्तियों का उद्योग अब बिखरने की कगार पर है. पेट्रोलियम पदार्थों के दामों आए उछाल ने नैनीताल के कैंडल कारोबारियों की कमर तोड़ दी है. एक समय था जब शहर भर में 80 से 90 छोटे बड़े मोमबत्ती के उद्योग चला करते थे. यह कारोबार शहर के सैकड़ों लोगों की आजीविका का मुख्य साधन था.
लेकिन जैसे जैसे महंगाई ने अपना सिर उठाया, शहर से मोमबत्ती के कुटीर उद्योग गायब होने लगे. अब हालत यह हैं कि शहर में महज 10 से 15 मोमबत्तियों के उद्योग रह गए हैं. मोमबत्ती व्यवसायी योगेश महरोत्रा बताते हैं कि कच्चे माल की कमी के चलते मोमबत्ती कारोबार में कमी आई है और जो कच्चा माल उन्हें बाजार से मिलता है वह काफी महंगा है यही कारण है कि लोग अब मोमबत्ती व्यवसाय को बंद कर रहे हैं.
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90 के दशक से मोमबत्ती व्यवसाय कर रही पुष्पा मेहरा बताती हैं कि खूबसूरत मोमबत्तियों को बड़े जतन और हुनर के साथ सजाया संवारा जाता है. नैनीताल के गिने चुने मोमबत्ती उद्योगों में महिलाएं अपने हाथों के हुनर से शानदार मोमबत्तियां बनाती हैं. छोटे से घर में कुटीर उद्योग के रूप में मोमबत्ती बनाकर ये महिलाएं अपने परिवार का भरण पोषण करती हैं. उनके द्वारा गरीब परिवार की महिलाओं को मोमबत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है.
जो मोम (वैक्स) को पिघलाकर उसमें चमकीले रंगों को मिलाया जाता है. जिनमें से कुछ मोमबत्तियां ग्लास या सांचों में वैक्स भरकर बनाई जाती हैं तो कुछ विशेष प्रकार की मोमबत्तियां हैं जिन्हें महिलाएं केवल अपने हाथों से बनाती हैं. नैनीताल की इन मोमबत्तियों की यह खासियत है कि इन मोमबत्तियों को बनाने में किसी भी तरह की मशीन का प्रयोग नहीं होता.