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UHDP तकनीक से आई उन्नति, दीप बेलवाल ने 5 एकड़ में लगाए 2,600 आम के पेड़ - रामनगर न्यूज

अल्ट्रा हाई डेन्सिटी मैंगो प्लान्टेशन एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिए कम जगह में आम के अधिक पेड़ लगाए जा सकते हैं, ताकि पैदावार बढ़ने के साथ उसकी लागत भी कम आए.

UDHP तकनीक
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Published : May 13, 2020, 10:58 AM IST

Updated : May 13, 2020, 3:51 PM IST

रामनगर: आज के समय में जहां विकास के नाम पर आम के पेड़ों को काटकर भवनों का निर्माण होता जा रहा है, वहीं रामनगर के दीप बेलवाल ने खेती में नई तकनीक अपनाकर पांच एकड़ भूमि में 2,600 आम के पेड़ लगाकर सबको हैरान कर दिया है. इतना ही नहीं दो साल में उन पेड़ों से आम की पैदावार लेकर सबको हैरत में भी डाल दिया है.

UHDP तकनीक से आई उन्नति.

क्या है UHDP तकनीक

दीप बेलवाल ने अल्ट्रा हाई डेन्सिटी प्लान्टेशन तकनीक(UHDP) तकनीक से आम की खेती करने का फैसला लिया था. इसकी वजह से उन्होंने पांच एकड़ भूमि में 2,600 आम के पेड़ लगाए हैं. UHDP तकनीक अन्य प्लांटेशन से एकदम अलग है. इस पद्धति से किए गए प्लांटेशन में ड्रिप के जरिए सिंचाई की जाती है, जिससे पानी की बर्बादी नहीं होती. इसके अलावा आम के पेड़ एक दूसरे से निश्चित दूरी (3X2)मीटर पर लगाए जाते हैं, जिससे छोटी जोत में भी ज्यादा उत्पादन सुनिश्चित किया जाता है. इसमें आम के पेड़ की अधिकतम ऊंचाई 6:00 से 6:30 फीट की होती है. इस कारण फल आने के बाद तोड़ने में आसानी रहती है. आंधी तूफान से भी आमों को आसानी से बचाया जा सकता है.

पढ़ें- LOCKDOWN: नौकरी गई, मकान से निकाला, 250 किमी पैदल चल गाजियाबाद से काशीपुर पहुंचीं अनीता

दीप बेलवाल ने बताया कि UHDP तकनीक से आम की फसल दो से तीन गुणा तक बढ़ जाती है. एक अहम बात यह भी है कि पारंपरिक आम का पेड़ तैयार होने में जहां 6 से 7 साल का समय लेता है वहीं इस खास तकनीक से तीन साल में ही आम की फसल मिलने लगती है. बेलवाल के मुताबिक रामनगर में उनका पहला बाग है. वैसे तो पांच एकड़ भूमि में 200 से 300 पेड़ ही लग पाते हैं, लेकिन UHDP तकनीक से उन्होंने पांच एकड़ भूमि में 2,600 पेड़ लगाए हैं. साथ ही दीप बेलवाल ने एक नई पहल भी की है, जिसमें फलों को बेकिंग किया गया है. बेकिंग का मकसद फलों को कीड़े से बचाना होता है. इसके साथ ही आंधी-तूफान और धूप से फल को बचाया जा सकता है.

बेलवाल ने बताया कि उनके सारे फल विदेशों में निर्यात होते हैं. बेकिंग से इस फल को कीड़ों के साथ-साथ तेज धूप से भी बचाया जा सकता है, जिससे एक अच्छी फसल तैयार होती है.

रामनगर: आज के समय में जहां विकास के नाम पर आम के पेड़ों को काटकर भवनों का निर्माण होता जा रहा है, वहीं रामनगर के दीप बेलवाल ने खेती में नई तकनीक अपनाकर पांच एकड़ भूमि में 2,600 आम के पेड़ लगाकर सबको हैरान कर दिया है. इतना ही नहीं दो साल में उन पेड़ों से आम की पैदावार लेकर सबको हैरत में भी डाल दिया है.

UHDP तकनीक से आई उन्नति.

क्या है UHDP तकनीक

दीप बेलवाल ने अल्ट्रा हाई डेन्सिटी प्लान्टेशन तकनीक(UHDP) तकनीक से आम की खेती करने का फैसला लिया था. इसकी वजह से उन्होंने पांच एकड़ भूमि में 2,600 आम के पेड़ लगाए हैं. UHDP तकनीक अन्य प्लांटेशन से एकदम अलग है. इस पद्धति से किए गए प्लांटेशन में ड्रिप के जरिए सिंचाई की जाती है, जिससे पानी की बर्बादी नहीं होती. इसके अलावा आम के पेड़ एक दूसरे से निश्चित दूरी (3X2)मीटर पर लगाए जाते हैं, जिससे छोटी जोत में भी ज्यादा उत्पादन सुनिश्चित किया जाता है. इसमें आम के पेड़ की अधिकतम ऊंचाई 6:00 से 6:30 फीट की होती है. इस कारण फल आने के बाद तोड़ने में आसानी रहती है. आंधी तूफान से भी आमों को आसानी से बचाया जा सकता है.

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दीप बेलवाल ने बताया कि UHDP तकनीक से आम की फसल दो से तीन गुणा तक बढ़ जाती है. एक अहम बात यह भी है कि पारंपरिक आम का पेड़ तैयार होने में जहां 6 से 7 साल का समय लेता है वहीं इस खास तकनीक से तीन साल में ही आम की फसल मिलने लगती है. बेलवाल के मुताबिक रामनगर में उनका पहला बाग है. वैसे तो पांच एकड़ भूमि में 200 से 300 पेड़ ही लग पाते हैं, लेकिन UHDP तकनीक से उन्होंने पांच एकड़ भूमि में 2,600 पेड़ लगाए हैं. साथ ही दीप बेलवाल ने एक नई पहल भी की है, जिसमें फलों को बेकिंग किया गया है. बेकिंग का मकसद फलों को कीड़े से बचाना होता है. इसके साथ ही आंधी-तूफान और धूप से फल को बचाया जा सकता है.

बेलवाल ने बताया कि उनके सारे फल विदेशों में निर्यात होते हैं. बेकिंग से इस फल को कीड़ों के साथ-साथ तेज धूप से भी बचाया जा सकता है, जिससे एक अच्छी फसल तैयार होती है.

Last Updated : May 13, 2020, 3:51 PM IST
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