हल्द्वानी/ खटीमा: रुड़की में कच्ची शराब पीने से हुई 40 से अधिक मौतों के बाद पुलिस लगातार कच्ची शराब का कारोबार करने वालों की धरपकड़ में जुटी है. वहीं जिस विभाग के पास इस पर लगाम लगाने का जिम्मा है वे संसाधनों की कमी का रोना रो रहे हैं.
गौर हो कि उत्तराखंड में आबकारी विभाग में कई पद रिक्त पड़े हैं, यही नहीं विभाग संसाधनों की कमी से जूझ रहा है. जिसका असर विभाग की कार्यशैली पर पड़ना लाजिमी है. कई जगह तो आबकारी विभाग को कच्ची शराब पर कार्रवाई के लिये प्राइवेट वाहनों के जरिए अभियान चलाना पड़ रहा है.
वहीं जिले में पुलिस द्वारा जंगलों और खेतों में अवैध कच्ची शराब का निर्माण करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. पुलिस लगातार अवैध शराब का काम करने वालों को गिरफ्तार कर जेल भेज रही है. जिले में आबकारी महकमा संसाधनों की कमी का रोना रोता रहा है और कार्रवाई पर मौन साधे हुये है. वहीं इस मामले में एसएसपी सुनील कुमार मीणा का कहना है कि पुलिस द्वारा लगातार अवैध कच्ची शराब के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग का अपना काम है और पुलिस का अपना काम.
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खटीमा
वहीं सीमांत क्षेत्र खटीमा के जंगलों में बन रही अवैध कच्ची शराब के खिलाफ आबकारी विभाग ने फिर अभियान तेज कर दिया है. आबकारी विभाग ने पांच अवैध शराब की भट्टियां से करीब पांच हजार लीटर लाहन नष्ट किया. साथ ही विभाग ने कच्ची शराब बेचने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार कर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
खटीमा में आबकारी विभाग ने कच्ची शराब पर अंकुश लगाने के लिये एक बार फिर से अभियान शुरू किया. अभियान के तहत खटीमा के जंगल जोगी ढ़ेर इलाके में अवैध रूप से कच्ची शराब निर्माण में लिये बनायी गयी पांच शराब की भट्टियों को तोड़ा गया साथ ही कच्ची शराब बनाने में प्रयोग होने वाली पांच हजार लीटर लाहन नष्ट किया. कार्रवाई के दौरान आबकारी विभाग ने अवैध शराब के कारोबार में लिप्त तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से 160 लीटर कच्ची शराब और कई पेटी अंग्रेजी शराब बरामद की. वहीं आबकारी विभाग का कहना है कि अवैध शराब के खिलाफ अभियान आगे भी जारी रहेगा.