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सोमवार से 22 हजार उपनल कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार, आर-पार की लड़ाई का ऐलान - Announcement of boycott of work of Upnl employees

राज्य के करीब 22000 उपनल कर्मचारी सोमवार से कार्य बहिष्कार करेंगे. जिससे सरकारी कामकाज पूरी तरीके से प्रभावित हो सकता है. वहीं, सुशीला तिवारी अस्पताल के उपनल कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य व्यवस्थाएं लड़खड़ा गई हैं.

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कार्य बहिष्कार करेंगे 22,000 उपनल कर्मचारी
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Published : Sep 5, 2021, 4:58 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड में राज्य सरकार के सामने कल से बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. उपनल कर्मचारियों ने नियमितीकरण और सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस लेने की मांग को लेकर कल से उपनल कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. राज्य के करीब 22 हजार उपनल कर्मचारी कल से कार्य बहिष्कार करेंगे. जिससे सरकारी कामकाज पूरी तरीके से प्रभावित हो सकता है.

कल सभी जिला मुख्यालय से उपनल कर्मचारी डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे. 7 सितंबर को राज्य सरकार की सद्बुद्धि के लिए हवन यज्ञ किया जाएगा. वहीं, सुशीला तिवारी अस्पताल में उपनल कर्मचारी पहले से ही हड़ताल पर हैं. इनके हड़ताल पर जाने से अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा गई हैं.

कार्य बहिष्कार करेंगे 22,000 उपनल कर्मचारी

बता दें अपनी मांगों को लेकर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल और राजकीय मेडिकल कालेज के उपनल कर्मचारियों ने अपना अलग बैनर बनाकर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर धरने पर चले गए हैं. हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में उपनल कर्मचारियों का चौथे दिन भी धरना जारी है. उपनल कर्मचारियों ने सरकार से इस बार आर-पार लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है.

अस्पताल की व्यवस्था बिगड़ी: सुशीला तिवारी अस्पताल के करीब 700 उपनल कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से सुशीला तिवारी अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ा गई है. वर्तमान समय में अस्पताल में 500 मरीज भर्ती हैं. जहां उनकी देखभाल नहीं हो पा रही है. वहीं, ओपीडी भी सुचारू नहीं चल पा रही हैं.

पढ़ें- ETV BHARAT की खबर का बड़ा असर, नाइजीरिया से भारत लाया जा रहा जबर सिंह का शव

हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि 15 सालों से वे सुशीला तिवारी अस्पताल में उपनल कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं, मगर सरकार द्वारा स्थाई नियुक्ति तक नहीं की गई है. न ही उन्हें कोई उचित मानदेय दिया जा रहा है. यहां तक की उपनल कर्मचारियों के पक्ष में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए तुरंत नियमितीकरण करने और उचित मानदेय देने के निर्देश भी दिए, लेकिन सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी.

पढ़ें-इथोपिया से भारत लाया गया जबर सिंह का शव, हरिद्वार में होगा अंतिम संस्कार

सुशीला तिवारी अस्पताल के प्राचार्य डॉ अरुण जोशी ने बताया कि उपनल कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल की व्यवस्था लड़खड़ा गई है. अस्पताल में वैकल्पिक तौर पर कर्मचारियों की व्यवस्था के लिए जिला अधिकारी और सिटी मजिस्ट्रेट के साथ-साथ शासन को पत्र भेजा गया है. जिससे कि व्यवस्थाओं को ठीक किया जा सके.

उन्होंने बताया सबसे ज्यादा परेशानी सफाई व्यवस्था की उठानी पड़ रही है. गौरतलब है कि उपनल कर्मचारी के तहत सफाई कर्मचारी ,स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, वॉर्ड बॉय सहित 700 उपनल कर्मचारी हड़ताल पर हैं.

हल्द्वानी: उत्तराखंड में राज्य सरकार के सामने कल से बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. उपनल कर्मचारियों ने नियमितीकरण और सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस लेने की मांग को लेकर कल से उपनल कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. राज्य के करीब 22 हजार उपनल कर्मचारी कल से कार्य बहिष्कार करेंगे. जिससे सरकारी कामकाज पूरी तरीके से प्रभावित हो सकता है.

कल सभी जिला मुख्यालय से उपनल कर्मचारी डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे. 7 सितंबर को राज्य सरकार की सद्बुद्धि के लिए हवन यज्ञ किया जाएगा. वहीं, सुशीला तिवारी अस्पताल में उपनल कर्मचारी पहले से ही हड़ताल पर हैं. इनके हड़ताल पर जाने से अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा गई हैं.

कार्य बहिष्कार करेंगे 22,000 उपनल कर्मचारी

बता दें अपनी मांगों को लेकर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल और राजकीय मेडिकल कालेज के उपनल कर्मचारियों ने अपना अलग बैनर बनाकर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर धरने पर चले गए हैं. हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में उपनल कर्मचारियों का चौथे दिन भी धरना जारी है. उपनल कर्मचारियों ने सरकार से इस बार आर-पार लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है.

अस्पताल की व्यवस्था बिगड़ी: सुशीला तिवारी अस्पताल के करीब 700 उपनल कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से सुशीला तिवारी अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ा गई है. वर्तमान समय में अस्पताल में 500 मरीज भर्ती हैं. जहां उनकी देखभाल नहीं हो पा रही है. वहीं, ओपीडी भी सुचारू नहीं चल पा रही हैं.

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हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि 15 सालों से वे सुशीला तिवारी अस्पताल में उपनल कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं, मगर सरकार द्वारा स्थाई नियुक्ति तक नहीं की गई है. न ही उन्हें कोई उचित मानदेय दिया जा रहा है. यहां तक की उपनल कर्मचारियों के पक्ष में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए तुरंत नियमितीकरण करने और उचित मानदेय देने के निर्देश भी दिए, लेकिन सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी.

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सुशीला तिवारी अस्पताल के प्राचार्य डॉ अरुण जोशी ने बताया कि उपनल कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल की व्यवस्था लड़खड़ा गई है. अस्पताल में वैकल्पिक तौर पर कर्मचारियों की व्यवस्था के लिए जिला अधिकारी और सिटी मजिस्ट्रेट के साथ-साथ शासन को पत्र भेजा गया है. जिससे कि व्यवस्थाओं को ठीक किया जा सके.

उन्होंने बताया सबसे ज्यादा परेशानी सफाई व्यवस्था की उठानी पड़ रही है. गौरतलब है कि उपनल कर्मचारी के तहत सफाई कर्मचारी ,स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, वॉर्ड बॉय सहित 700 उपनल कर्मचारी हड़ताल पर हैं.

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