हरिद्वार: कम्युनिस्ट नेता सीताराम येचुरी की हिंदुओं को हिंसक बताने और भगवान राम कृष्ण के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर संत समाज में आक्रोश है. योग गुरु बाबा रामदेव और कुछ संतों ने येचुरी के इस बयान पर घोर आपत्ति जताते हुए हरिद्वार में एफआईआर दर्ज कराई है. एसएसपी जन्मेजय खंडूरी के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए धारा 153 धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है.
शनिवार को निवर्तमान शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज के हरिपुर स्थित आश्रम में संतों ने बैठक की. जिसमें माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के बयान की निंदा की गई. मीडिया से मुखातिब होते हुए योगगुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि येचुरी को अपना नाम बदलकर सीताराम से रावण कर लेना चाहिए. जिसका नाम सीताराम हो वह ही अगर भगवान राम के बारे में टिप्पणी करे और हिंदू को हिंसक बताए. तो उसे अपना नाम बदलकर रावण, कंस, बाबर, तैमूर के नाम पर रख देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सीताराम येचुरी को संस्कृत पढ़नी चाहिए. बाबा रामदेव ने कहा कि येचुरी ने इस तरह का बयान देकर अपराध किया है.
वहीं, इस बैठक में संतों ने आह्वान किया कि पूरा देश में कम्युनिस्टों का बहिष्कार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह विरोध तबतक जारी रहेगा जबतक सीताराम येचुरी अपने बयान को लेकर माफी नहीं मांग लेते. वहीं संतों की मांग पर एसएससी जन्मेजय खंडूरी ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए.
क्या था येचुरी बयान
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा था कि रामायण और महाभारत लड़ाई और हिंसा से भरी है. लेकिन एक प्रचारक के तौर पर उसे केवल एक महाकाव्य बताया जाता रहा हैं. उन्होंने कहा यह दावा करना ठीक नहीं है कि हिंदू हिंसक नहीं हो सकते. माकपा के महासचिव ने कहा था कि रामायण और महाभारत हिंसा के उदाहरणों से भरे पड़े हैं. इस के बाद यह कहना ठीक नहीं हैं कि हिंदू अहिंसक हैं. उन्होंने कहा वह इस तर्क पर भरोसा नहीं करते जबकि इसके तमाम उदाहरण सामने हैं.