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कड़ी सुरक्षा के बीच धर्म ध्वजा की लकड़ियां अखाड़ों में पहुंचीं, संतों में खुशी की लहर - Haridwar Mahakumbh 2021

धर्म ध्वजा की लकड़िया अखाड़ों में पंहुचने से अखाड़ों में खुशी का माहौल है. अखाड़ों के प्रतिनिधियों का कहना है कि धर्म ध्वजा के लिए लकड़ियां पहुंचाने का संदेश साफ है कि कुंभ दिव्य और भव्य होगा.

Haridwar Mahakumbh 2021
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Published : Feb 18, 2021, 10:02 PM IST

हरिद्वार: कुंभ में अखाड़ों के भव्य कार्यक्रम धर्म ध्वजा स्थापना के लिए गुरुवार को ध्वज की लकड़ियों को पूरे रीति रिवाज के साथ अखाड़ों को सौंप दिया गया है. एक तरह से आज से कुंभ मेले का आगाज हो गया है. धर्म ध्वजा अखाड़ों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है. क्योंकि धर्म ध्वजा स्थापना के साथ ही अखाड़ों में कुंभ की शुरुआत हो जाती है.

धर्म ध्वजा की लकड़ियां अखाड़ों में पहुंचीं.

धर्म ध्वजा की लकड़ियां पहुंचने पर साधु-संतों में भी काफी खुशी की लहर देखने को मिली. तो वहीं, मेला प्रशासन ने भी राहत की सांस ली. क्योंकि, धर्म ध्वजा की लकड़ियों को लाना काफी बड़ी चुनौती होती है. कुंभ 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक केवल एक माह अवधि का ही होगा. लेकिन आज से प्रतीकात्मक रूप से कुंभ की शुरुआत हो गई है. बाबा हठयोगी का कहना है कि आज उन लोगों की भ्रांतिया दूर हो गईं हैं, जो कह रहे थे कि कुंभ नहीं होगा.

पढ़ें- उत्तराखंड कांग्रेस ने लॉन्च किया 'ज्वाइन कांग्रेस सोशल मीडिया' कैंपेन

हठ योगी के अनुसार जल्द ही अब अखाड़े अलग अलग तिथियों में अपनी धर्म ध्वजाओं की स्थापना करेंगे, जिसके बाद कुंभ के मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. धर्म ध्वजा की लकड़ियां अखाड़ों में पहुंचने से साधु संतों में भी खुशी की लहर है. उनको अब विश्वास है कि कुंभ मेला दिव्य और भव्य होगा.

हरिद्वार: कुंभ में अखाड़ों के भव्य कार्यक्रम धर्म ध्वजा स्थापना के लिए गुरुवार को ध्वज की लकड़ियों को पूरे रीति रिवाज के साथ अखाड़ों को सौंप दिया गया है. एक तरह से आज से कुंभ मेले का आगाज हो गया है. धर्म ध्वजा अखाड़ों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है. क्योंकि धर्म ध्वजा स्थापना के साथ ही अखाड़ों में कुंभ की शुरुआत हो जाती है.

धर्म ध्वजा की लकड़ियां अखाड़ों में पहुंचीं.

धर्म ध्वजा की लकड़ियां पहुंचने पर साधु-संतों में भी काफी खुशी की लहर देखने को मिली. तो वहीं, मेला प्रशासन ने भी राहत की सांस ली. क्योंकि, धर्म ध्वजा की लकड़ियों को लाना काफी बड़ी चुनौती होती है. कुंभ 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक केवल एक माह अवधि का ही होगा. लेकिन आज से प्रतीकात्मक रूप से कुंभ की शुरुआत हो गई है. बाबा हठयोगी का कहना है कि आज उन लोगों की भ्रांतिया दूर हो गईं हैं, जो कह रहे थे कि कुंभ नहीं होगा.

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हठ योगी के अनुसार जल्द ही अब अखाड़े अलग अलग तिथियों में अपनी धर्म ध्वजाओं की स्थापना करेंगे, जिसके बाद कुंभ के मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. धर्म ध्वजा की लकड़ियां अखाड़ों में पहुंचने से साधु संतों में भी खुशी की लहर है. उनको अब विश्वास है कि कुंभ मेला दिव्य और भव्य होगा.

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