रुड़की: हरिद्वार जिले के पिरान कलियर में स्थित पीर गैब अली शाह की दरगाह को उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने 24 घंटे में हटाने का निर्देश दिया है. इस मामले में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की तरफ से नोटिस भी जारी किया गया है. वहीं, दरगाह के खादिम (सेवेदार) का कहना है कि ये दरगाह सैकड़ों साल पुरानी है.
बता दें कि धामी सरकार ने इन दिनों उत्तराखंड में सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए अभियान चला रखा है. इस अभियान के तहत प्रदेश में सरकारी जमीनों पर बने अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जा रहा है. वहीं, गुरुवार 8 जून को उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की तरफ से पिरान कलियर में स्थित पीर गैब अली शाह की दरगाह को नोटिस जारी किया है, जिसमें लिखा गया है- 24 घंटे के अंदर इन संरचना को खुद हटा दें.
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता कार्यालय तृतीय ऊपरी खंड गंगनहर रुड़की की ओर से पिरान कलियर की प्रमुख दरगाहों में शामिल पीर गैब अली शाह की दरगाह को नोटिस देकर कहा गया है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर उत्तराखंड लोक मार्गों, लोक पार्कों और अन्य लोक स्थानों व सार्वजनिक स्थलों पर अनाधिकृत धार्मिक संरचना को हटाया जा रहा है.
उधर, पीर गैब अली शाह दरगाह सेवेदार (खादिम) रशीद, शाबाज व आफाक ने बताया कि पिरान कलियर की प्रमुख दरगाहों में हजरत मरदान अलीशाह लक्ब पीर गैब अली शाह की दरगाह भी शामिल हैं. यह सैकड़ों साल पुरानी है, जो अंग्रेजों के जमाने से इसी स्थान पर स्थापित है.
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उनका कहना है कि यहां पर उनके पूर्वजों की कई पीढ़ियां सेवा कर रही हैं. यूपी के समय में भी जब उनके पूर्वजों ने जब मरम्मत का काम कराया तो उस दौरान भी सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने रुकावट का प्रयास किया था, लेकिन उस समय तत्कालीन सिंचाई मंत्री डॉक्टर पृथ्वी सिंह ने सेवादारों को एक आदेश देकर नक्शा बनाकर दिया था, जो आज भी उनके पास मौजूद है. उन्होंने कहा कि उनके पास दरगाह से जुड़े कई दस्तावेज भी मौजूद हैं. वह सभी दस्तावेज लेकर जिलाधिकारी से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे.