हरिद्वार: पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन स्माइल के तहत AHTU (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) ने 30 सितंबर को रोड़ी बेलवाला चौकी क्षेत्रान्तर्गत स्थित पार्किंग से लावारिस अवस्था में बालक व बालिका को घूमते हुए पाया था. पुलिस द्वारा बच्चों से पूछताछ करने पर दोनों बच्चों ने अपने नाम बताये. उन्होंने बताया कि वह दोनों भाई-बहन अपनी माता को तलाश रहे हैं.
परिवार से मिले बिछड़े भाई बहन: जिसके बाद AHTU के सदस्यों द्वारा आसपास तलाश के प्रयास किए गए. काफी मशक्कत के बाद भी बच्चों की मां के बारे में कोई जानकारी न मिल पाने पर दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति हरिद्वार (Child Welfare Committee Haridwar) के आदेश पर खुला आश्रय गृह ज्वालापुर में संरक्षण दिलवाया गया. पुलिस पूछताछ में बच्चों द्वारा बताए गए मुंझेड़ा नामक ग्राम को ढूंढने हेतु मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर एवं दिल्ली में ऑपरेशन स्माइल के तहत काम कर रही AHTU टीम हरिद्वार द्वारा तलाश एवं संपर्क अभियान चलाया गया. परिणाम फलस्वरूप 5 अक्टूबर की शाम को आखिरकार टीम ने बच्चों के परिजनों को खोजने में कामयाबी हासिल की.
बच्चों को लावारिस छोड़ गई थी मां: बच्चों के मामा निवासी ग्राम जट मंझेड़ा मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश द्वारा बताया गया कि बच्चों की माता के पूर्व पति का स्वर्गवास हो चुका है. अभी दो माह पूर्व उसका दूसरा विवाह किया गया. परंतु पारिवारिक झगड़ों के कारण उत्पन्न मानसिक तनाव के चलते बच्चों की माता उन्हें लावारिस हालत में हरिद्वार छोड़ गई. दोनों बच्चों के बारे में परिजनों द्वारा पूछने पर वह रोती रही और बच्चों को हास्टल छोड़ने की बात बोलती रही.
ये भी पढ़ें: Missing Teen Found: 5 महीने पहले घर से भागा था किशोर, यूपी के फर्रूखाबाद में मिला
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने बच्चों को परिवार से मिलाया: ऑपरेशन स्माइल टीम हरिद्वार द्वारा बच्चों के विषय में हकीकत बताने पर पूरी बात खुलकर सामने आयी. बालक बालिका के अत्यंत दयनीय स्थिति में होने के कारण आने जाने वाले यात्रियों से भिक्षा व भोजन मांगने व सड़क के किनारे फुटपाथ पर घूम कर अपनी माता को तलाश करने की जानकारी मिलने पर परिजन बेहद भावुक और हतप्रभ नजर आए. महिला द्वारा अपनी गलती स्वीकार करने तथा परिजनों एवं ग्रामीणों द्वारा आग्रह करने पर बच्चों के परिजनों को हरिद्वार लाकर बाल कल्याण समिति हरिद्वार के आदेश पर काउंसलिंग के उपरांत दोनों बच्चों को परिजनों के सपुर्द किया गया.
अपनी गलती पर शर्मिंदा मां ने भूल सुधारने का मौका देकर बच्चे सकुशल वापस लौटाने पर उत्तराखंड पुलिस की ऑपरेशन स्माइल टीम हरिद्वार का आभार जताया. वादा किया कि कभी भी भविष्य में वह ऐसी गलती नही दोहराएगी.
ये भी पढ़ें: RTI report: उत्तराखंड में 23 साल में 37 हजार से ज्यादा लोग हुए गुमशुदा, महिलाओं से ज्यादा पुरुष हुए लापता