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रुड़की में दो दिवसीय कार्यशाला का समापन, विभिन्न देशों के वैज्ञानिकों ने की शिरकत - रुड़की खबर

रुड़की में दो दिवसीय कार्यशाला का समापन हो गया. इस कार्यशाला में विदेशों के आए वैज्ञानिकों ने जल संरक्षण को लेकर मंथन किया.

रुड़की में दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन
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Published : Sep 6, 2019, 3:16 PM IST

रुड़की: नगर में राष्ट्रीय जल संस्थान विज्ञान का दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का समापन हो गया. जिसमें ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और डेनमार्क के कई विशेषज्ञों ने शिरकत की. वहीं, इस कार्यशाला में केंद्रीय राज्यमंत्री रत्न लाल कटारिया ने भी भाग लिया.

रुड़की में दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन

बता दें कि इस कार्यशाला का उद्देश्य जल संरक्षण को लेकर मंथन था. ताकी भविष्य में जल संकट को दूर किया जा सके. इस दौरान विज्ञानिकों ने अपने शोध पत्रों के माध्यम से बताया कि आने वाले समय में किस तरह से जल संरक्षण किया जा सकता है.
वहीं, इस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री रत्न लाल कटारिया ने कहा कि साल 2050 तक भारत की कुल जनसंख्या शहरों और गांवों में बराबर हो जाएगी. ऐसे में पानी की मांग भी तेजी से बढ़ेगी.

उन्होंने का कहा कि आने वाले समय में किसी तरह का कोई जल संकट न पैदा हो. इसलिये इस तरह की कार्यशाला का आयोजन होता रहना चाहिए. जिससे देश में वैज्ञानिक जल संचयन को लेकर मंथन कर सकें.

इस मौके पर वैज्ञानिकों ने बताया कि इस कार्यशाला में कई विषयों को लेकर चर्चाएं हुई. क्योंकि धीरे-धीरे में पूरे विश्व में जल संकट गहराता जा रहा है. इसलिए हर किसी को जल संरक्षण के प्रति जागरुक होना पड़ेगा. ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी पानी बचाया जा सके.

रुड़की: नगर में राष्ट्रीय जल संस्थान विज्ञान का दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का समापन हो गया. जिसमें ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और डेनमार्क के कई विशेषज्ञों ने शिरकत की. वहीं, इस कार्यशाला में केंद्रीय राज्यमंत्री रत्न लाल कटारिया ने भी भाग लिया.

रुड़की में दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन

बता दें कि इस कार्यशाला का उद्देश्य जल संरक्षण को लेकर मंथन था. ताकी भविष्य में जल संकट को दूर किया जा सके. इस दौरान विज्ञानिकों ने अपने शोध पत्रों के माध्यम से बताया कि आने वाले समय में किस तरह से जल संरक्षण किया जा सकता है.
वहीं, इस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री रत्न लाल कटारिया ने कहा कि साल 2050 तक भारत की कुल जनसंख्या शहरों और गांवों में बराबर हो जाएगी. ऐसे में पानी की मांग भी तेजी से बढ़ेगी.

उन्होंने का कहा कि आने वाले समय में किसी तरह का कोई जल संकट न पैदा हो. इसलिये इस तरह की कार्यशाला का आयोजन होता रहना चाहिए. जिससे देश में वैज्ञानिक जल संचयन को लेकर मंथन कर सकें.

इस मौके पर वैज्ञानिकों ने बताया कि इस कार्यशाला में कई विषयों को लेकर चर्चाएं हुई. क्योंकि धीरे-धीरे में पूरे विश्व में जल संकट गहराता जा रहा है. इसलिए हर किसी को जल संरक्षण के प्रति जागरुक होना पड़ेगा. ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी पानी बचाया जा सके.

Intro:Summary

राष्ट्रीय जल संस्थान विज्ञान में कल से शुरू हुई दो दिवसीय इंट्राग्रेट वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का समापन किया गया। जिसमें ऑस्ट्रेलिया,यूरोप,डेनमार्क के कई विशेषज्ञ ने इस कार्यशाला में भाग लिया।वही आज केंद्रीय राज्यमंत्री रत्न लाल कटारिया ने भी कार्यशाला में शिरकत की।

Body:वीओ-- का मुख्य उद्देश्य पानी का संरक्षण कैसे किया जाय ताकि हर घर में पानी की उपलब्धता हो। इनके एक्सपर्ट्स ने शोध पत्रों के माध्यम से आने वाले समय मे पानी को किस तरह से संचय किया जाय ताकि दुनिया मे पानी की समस्या ना हो।
केंद्रीय राज्यमंत्री रत्न लाल कटारिया का कहना है कि 2050 तक भारत की जनसँख्या शहरों और गाँवो में आधा आधी हो जाएगी इसलिए पानी की मांग भी तीन गुना बढ़ जाएगी आने वाले समय मे पानी समस्या बढ़ सकती है इसलिए इस तरह की कार्यशाला का आयोजन होना और वैज्ञानिक पानी को बचाने के लिए मंथन कर रहे है। वही कार्यशाला में प्रतिभागियों का कहना है कई विषयों को लेकर चर्चा हुई है क्योंकि पानी की समस्या एक सबसे बड़ा संकट पूरे विश्व मे इसको सभी तरह की चीजों का प्रयोग करना चाहिए ताकि आने वाले समय मे पानी बच सके।

बाईट - भारत शर्मा ( वैज्ञानिक प्रतिभागी )

बाईट - रतनलाल कटारिया ( केंद्रित राज्य मंत्री जल शक्ति )

बाईट - शरद जैन ( निदेशक एनआईएच रूड़की )Conclusion:1
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